दिल्ली: पुलिस के हत्थे चढ़ा खूंखार अपराधी, पूछताछ में कबूली 50 से ज्यादा हत्याओं की बात
राजधानी दिल्ली और आसपास के इलाकों में 50 से अधिक हत्याओं का कथित मास्टरमाइंड पुलिस के हत्थे चढ़ गया है। पुलिस ने उसे दिल्ली के बपरौला इलाके से गिरफ्तार किया, जहां वह जेल से पैरोल पर आने के बाद रह रहा था। पुलिस का दावा है कि पेशे से आयुर्वेदिक डॉक्टर यह शख्स 100 से ज्यादा हत्या के मामलों में शामिल रहा है। उसके खिलाफ दिल्ली, उत्तर प्रदेश, हरियाणा और राजस्थान में कई मामले दर्ज हैं।
किडनी रैकेट चलाने के जुर्म में हो चुकी है जेल
पुलिस ने मंगलवार को 62 वर्षीय देवेंद्र शर्मा को गिरफ्तार किया था। उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ जिले के एक गांव का रहने वाला यह शख्स जनवरी में पैरोल पर बाहर आया था। उसके बाद से वह लगातार छिपता घूम रहा था। पुलिस का कहना है कि उसे अपहरण और हत्या के कई मामलों में दोषी करार दिया जा चुका है। उसे दो बार नकली गैस एजेंसी चलाने और एक बार किडनी रैकेट चलाने के जुर्म में जेल हो चुकी है।
जनवरी में पैरोल पर बाहर आया था शर्मा
शर्मा को दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने गिरफ्तार किया है। पुलिस ने बताया कि वह जयपुर की सेंट्रल जेल में उम्रकैद की सजा काट रहा था। 16 साल पूरे होने के बाद वह जनवरी में 20 दिन के पैरोल पर बाहर आया था। 20 दिन के बाद भी वह वापस जेल नहीं लौटा और अपने गांव चला गया। वहां से मार्च में नए सिरे से जिंदगी शुरू करने और शादी करने के लिए दिल्ली आ गया।
पूछताछ में स्वीकारी 50 हत्याओं की बात
दिल्ली आने के बाद शर्मा ने प्रोपर्टी डीलिंग का काम शुरू किया। पुलिस ने बताया कि पूछताछ में शर्मा ने अपने किए गए अपराधों का कबूला है। उसने यह भी बताया कि वह 50 हत्याओं का मास्टरमाइंड रह चुका है। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि शर्मा को 2002-04 के बीच कई हत्या के मामलों में गिरफ्तार किया गया। छह-सात मामलों में उसे दोषी ठहराया गया है। 2004 में उसके बीवी-बच्चे उसे छोड़कर चले गए थे।
50 हत्याओं के बाद छोड़ी गिनती- शर्मा
जब पुलिस ने उसके अपराधों में बारे में छपने वाली खबरों को लेकर पूछताछ की तो उसने बताया कि 50 हत्याएं करने के बाद उसने ऐसी घटनाओं को गिनना छोड़ दिया था। उसे याद नहीं है कि वह कितने लोगों की हत्या कर चुका है।
यहां से शुरू हुआ था अपराध का सिलसिला
बताया जा रहा है कि शर्मा ने 1992 में गैस डीलरशिप के लिए 11 लाख रुपये का निवेश किया था। उसमें उसे भारी घाटा उठाना पड़ा। 1995 में उसने एक अलीगढ़ के छारा गांव में एक फर्जी गैस एजेंसी खोली। बाद में वह आपराधिक गतिविधियों में शामिल हो गया। उसी समय के आसपास उसने कई दूसरे डॉक्टरों के साथ मिलकर एक किडनी रैकेट चलाना शुरू कर दिया। 10 सालों के दौरान उन्होंने 125 से ज्यादा अवैध किडनी ट्रांसप्लांट किए।
2004 में हुआ था किडनी रैकेट चलाने में मामले में गिरफ्तार
इसी बीच एक बार 2001 में फर्जी गैस एजेंसी चलाने के मामले में शर्मा जेल जा चुका था। बाहर आने के कुछ समय बाद 2004 में किडनी रैकेट चलाने वाले कई अन्य डॉक्टरों के साथ वह एक बार फिर गिरफ्तार हुआ।
टैक्सी और ट्रक ड्राइवरों की हत्याओं में संलिप्त रह चुका है शर्मा
पुलिस अधिकारी ने बताया कि फर्जी गैस एजेंसी चलाने के दौरान ऐसे लोगों के संपर्क में आया जो टैक्सी किराये पर कर कहीं जाते थे और रास्ते में ड्राइवर को मारकर फेंक देते थे। उसके साथी LPG सिलेंडर से भरे ट्रकों को भी लूटते थे और उनके ड्राइवरों को मार देते थे। बाद में सिलेंडर शर्मा की एजेंसी पर उतारे जाते, जिन्हें वह लोगों को बेच दिया करता था। लूटे हुए ट्रकों को मेरठ ले जाकर बेच दिया जाता था।