मार्च से जम्मू-कश्मीर में बढ़ सकती हैं हिंसा, सुरक्षा एजेंसियों ने सरकार को चेताया
सुरक्षा एजेंसियों ने केंद्र सरकार को मार्च के बाद जम्मू-कश्मीर में हिंसा बढ़ने की चेतावनी दी है। एजेंसियों के अनुसार, फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) के आतंकी फंडिंग के लिए पाकिस्तान पर फैसला सुनाने के बाद आतंकियों को भारत में घुसपैठ कराने के नए प्रयास हो सकते हैं। पाकिस्तान विशेष तौर पर अफगानिस्तानी आतंकवादियों की घुसपैठ कराने की कोशिश कर सकता है जिनकी ट्रेनिंग बहुत अच्छी होती है और युद्ध जैसी परिस्थितियों के लिए तैयार होते हैं।
पंजाब और राजस्थान के जरिए भी घुसपैठ कर सकते हैं आतंकी
गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने गोपनीयता की शर्त पर 'हिंदुस्तान टाइम्स' को बताया, "अफगानिस्तान के आतंकियों के मार्च से घुसपैठ करने को लेकर बहुत विश्वसनीयता सूचना है और घुसपैठ का इलाका केवल जम्मू-कश्मीर तक सीमित नहीं रह सकता बल्कि पंजाब और राजस्थान जैसे इलाकों में भी घुसपैठ हो सकती है।" वहीं इंटेलीजेंस ब्यूरो (IB) के नेतृत्व वाले मल्टी-एजेंसी सेंटर (MAC) के अनुसार, 350-400 आतंकी पहले से ही कश्मीर में मौजूद हैं।
अब और सुरक्षा बलों को वापस नहीं बुलाएगा गृह मंत्रालय
सुरक्षा एजेंसियों की इसी चेतावनी के कारण गृह मंत्रालय ने अब जम्मू-कश्मीर से सुरक्षा बलों को वापस बुलाना बंद करने का फैसला लिया है। बता दें कि 5 अगस्त को अनुच्छेद 370 पर फैसले से पहले अर्धसैनिक बलों की लगभग 850 कंपनियों को जम्मू-कश्मीर में तैनात किया गया था। इनमें से लगभग 100 कंपनियों को वापस बुलाया जा चुका है, लेकिन अब गृह मंत्रालय ने बाकी कंपनियों को जम्मू-कश्मीर में ही तैनात रखने का फैसला लिया है।
"गर्मियों में हमले की कोशिश कर सकते हैं आतंकी"
गृह मंत्रालय के दूसरे वरिष्ठ अधिकारी ने 'हिंदुस्तान टाइम्स' से कहा, "सुरक्षा बलों की संख्या को और कम नहीं किया जा सकता। हमें स्थानीय और विदेशी आतंकवादियों जो अभी छिपे हुए हैं, उनके गर्मियों में वापस इकट्ठा होकर हमले की कोशिश करने की आशंका है।"
अंतरराष्ट्रीय सीमा और LoC पर बदली जा रहीं बाड़
वहीं एक अन्य अधिकारी ने बताया कि घुसपैठ को रोकने के लिए पाकिस्तान के साथ लगी अंतरराष्ट्रीय सीमा और नियंत्रण रेखा (LoC) पर बाड़ों को भी बदला जा रहा है। कटीले तारों की मौजूदा बाड़ों को ऐसी बाड़ों से बदला जो रहा है जिनमें न जंग लग सकती, न उन्हें चढ़कर पार किया जा सकता है और न ही उन्हें काटा जा सकता है। ये बाड़ लगाने में प्रति किलोमीटर दो करोड़ रुपये का खर्च आएगा।
पाकिस्तान पर FATF में ब्लैकलिस्ट होने का खतरा
दरअसल, दुनियाभर में मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकी फंडिंग पर नजर रखने वाली संस्था FATF ने पाकिस्तान को आतंकी संगठनों के खिलाफ कार्रवाई के लिए फरवरी, 2020 तक का समय दिया है। अगर इस दौरान पाकिस्तान आतंकी फंडिंग को रोकने के लिए पर्याप्त कदम नहीं उठाएगा तो उसे ब्लैकलिस्ट कर दिया जाएगा। फिलहाल पाकिस्तान ग्रे लिस्ट में है। FATF में ब्लैकलिस्ट होने से बचने के लिए पाकिस्तान ने अभी अपनी आतंकवादी गतिविधियां कम की हुई हैं।
इसलिए अहम है मार्च
FATF के पाकिस्तान को ब्लैकलिस्ट होने पर मार्च तक फैसला आ जाएगा और इस फैसले के बाद पाकिस्तान भारत के खिलाफ अपनी आतंकवादी गतिविधियों को फिर से तेज कर सकता है