आधार धारकों को मिलेगा आधार नंबर वापस लेने का विकल्प, प्रस्ताव तैयार
क्या है खबर?
केंद्र सरकार आधार एक्ट में संशोधन का प्रस्ताव लाने की तैयारी कर रही है।
इसके तहत आधार धारकों के पास आधार नंबर (बायोमैट्रिक्स और डाटा) वापस लेने का विकल्प होगा।
सरकार यह कदम सुप्रीम कोर्ट के आधार को लेकर दिए गए फैसले के बाद उठा रही है।
अपने फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने आधार एक्ट के सेक्शन 57 को रद्द कर दिया था, जिसके तहत निजी कंपनियों को सत्यापन के तहत आधार के इस्तेमाल की छूट दी गई थी।
प्रस्ताव
UIDAI ने तैयार किया प्रस्ताव
'द हिंदू' के मुताबिक, भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) ने शुरुआती प्रस्ताव तैयार किया था।
इसमें कहा गया था कि कोई बच्चा जब एक बार 18 वर्ष का हो जाए, तो उसे यह तय करने के लिए 6 महीने दिए जाएंगे कि वह आधार नंबर वापस लेना चाहता है या नहीं।
इस प्रस्ताव को कानून मंत्रालय के पास भेजा गया, जिसने सिफारिश देते हुए कहा कि यह विकल्प विशेष समूह तक सीमित ना होकर सभी नागरिकों के पास होना चाहिए।
फायदा
इन लोगों को मिलेगा फायदा
अब इस प्रस्ताव को कैबिनेट में मंजूरी के लिए भेजा जाएगा। हालांकि, इस प्रस्ताव से केवल उन लोगों को फायदा होगा जिनके पास PAN कार्ड नहीं है।
दरअसल, कोर्ट ने अपने फैसले में PAN कार्ड को आधार कार्ड से जोड़ने के नियम को बरकरार रखा था।
मार्च तक लगभग 37.50 करोड़ PAN कार्ड जारी किए गए हैं। इनमें से व्यक्तिगत PAN कार्ड की संख्या 36.54 करोड़ से अधिक है, जिनमें से 16.84 करोड़ PAN आधार नंबर से जुड़े हुए हैं।
प्रस्ताव
अधिकारी की नियुक्ति की सिफारिश
इस प्रस्ताव में एक अधिकारी की नियुक्ति की सिफारिश है, जो तय कर सकेगा कि राष्ट्रीय सुरक्षा के हित में किसी व्यक्ति का आधार डाटा सार्वजनिक किया जा सकता है या नहीं।
कोर्ट ने अपने फैसले में सेक्शन 33 (2) को रद्द कर दिया था, जिसमें संयुक्त सचिव के ऊपर के अधिकारी को ऐसे आदेश देने की शक्तियां थीं।
कोर्ट ने कहा था कि संयुक्त सचिव के ऊपर के अधिकारी को न्यायिक अधिकारी से सलाह लेकर फैसला लेना चाहिए।
फैसला
सुप्रीम कोर्ट का आधार पर फैसला
इसी साल सितंबर में सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक बेंच ने बहुमत से फैसला सुनाते हुए कहा था कि आधार नंबर संवैधानिक रूप से वैध है।
कोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि मोबाइल और निजी कंपनी आधार नहीं मांग सकती। साथ ही कोर्ट ने आधार को बैंक खाते और मोबाइल से लिंक करने के फैसले को भी रद्द कर दिया था।
इसके अलावा कहा गया था कि CBSE, UGC, NIFT और दूसरे कॉलेज आधार की मांग नहीं कर सकते।