मध्यस्थता के जरिए कोर्ट के बाहर अयोध्या विवाद सुलझाने पर आज फैसला सुनाएगा सुप्रीम कोर्ट
क्या है खबर?
सुप्रीम कोर्ट आज बुधवार को अपनी सुनवाई में यह तय करेगा कि अयोध्या जमीन विवाद में किसी मध्यस्थता की संभावना है या नहीं।
कोर्ट ने 26 फरवरी को अपनी पिछली सुनवाई में सभी पक्षकारों से कोर्ट से बाहर मामले को सुलझाने की संभावनाओं पर विचार करने को कहा था।
मामले पर गठित विशेष बेंच ने कहा था कि अगर विवाद के मध्यस्थता के जरिए सुलझने की 1 प्रतिशत भी संभावना है तो इसकी कोशिश करनी चाहिए।
मध्यस्थता
मध्यस्थता को लेकर गंभीर है सुप्रीम कोर्ट
पिछली सुनवाई में मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा था, "हम मध्यस्थता को लेकर बहुत गंभीर हैं। आप सभी पक्षकार कह चुके हैं कि यह विवाद का मुद्दा नहीं है।"
बेंच ने कहा, "अगर 1 प्रतिशत भी संभावना है तो हम मध्यस्थता को मौका देना चाहेंगे। हम दोनों पक्षों का इस पर मत जानना चाहेंगे। कोर्ट नहीं चाहती कि कोई तीसरा पक्ष मामले में टिप्पणी करके पूरी प्रक्रिया को खतरे में डाल दे।"
असहमति
हिंदू पक्षकारों के वकील ने जताई थी मध्यस्थता पर असहमति
सुप्रीम कोर्ट के प्रस्ताव पर मुस्लिम पक्ष के वकील राजीव धवन सहमति जताते हुए कहा था कि अगर अदालत चाहती है तो वह इसके लिए प्रयास कर सकते हैं और इसका विरोध नहीं करेंगे।
वहीं, राम लला विराजमान के वकील सीएस वैद्यनाथन ने मध्यस्थता का विरोध करते हुए कहा था कि पहले भी मध्यस्थता की कोशिश हुई है, लेकिन इसका कोई फायदा नहीं हुआ।
कोर्ट ने दोनों पक्षों को अगली सुनवाई में अपना अंतिम पक्ष रखने को कहा था।
हिंदू महासभा
हिंदू महासभा ने भी किया मध्यस्थता का विरोध
अन्य हिंदू पक्षकारों के वकील रंजीत कुमार ने कहा था कि मामले में मध्यस्थता संभव नहीं है, इसलिए आगे सुनवाई होनी चाहिए।
हिंदू सहासभा ने भी विवाद को मध्यस्थता के जरिए कोर्ट से बाहर सुलझाने के प्रस्ताव का विरोध किया है।
बता दें कि राजनीतिक और धार्मिक रूप से बेहद संवेदनशील इस मामले की सुनवाई कर रही बेंच में मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई के अलावा न्यायाधीस एस ए बोबडे, डी वाई चंद्रचूड़, अशोक भूषण और एस ए नजीर शामिल हैं।
जानकारी
राफेल सौदे पर दायर पुनर्विचार याचिका पर भी आज सुनवाई करेगा सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट आज अयोध्या विवाद के अलावा राफेल सौदे पर भी सुनवाईकरेगा। कोर्ट फैसला करेगा कि उसे 14 दिसंबर, 2018 के अपने फैसले पर पुनर्विचार करना है या नहीं, जिसमें उसने राफेल सौदे में जांच की संभावना न होने की बात कही थी।