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मात्र आठ डॉलर लेकर अमेरिका पहुंचे थे माता-पिता, अब ट्रंप के डेलीगेशन में आया बेटा

मात्र आठ डॉलर लेकर अमेरिका पहुंचे थे माता-पिता, अब ट्रंप के डेलीगेशन में आया बेटा

Feb 24, 2020
01:50 pm

क्या है खबर?

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भारत पहुंच चुके हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद अहमदाबाद एयरपोर्ट जाकर ट्रंप और उनकी पत्नी मेलानिया ट्रंप का स्वागत किया। ट्रंप के साथ एक बड़ा डेलीगेशन भी आया है जिसमें भारतीय-अमेरिकी अजीत पाई भी शामिल हैं। अजीत अमेरिका की फेडरल कम्युनिकेशन्स कमिशन के पहले भारतीय-अमेरिकी चेयरमैन हैं। पांच दशक पहले अजीत के माता-पिता के अमेरिका पहुंचने से अब उनके अमेरिकी राष्ट्रपति के साथ भारत आने तक के सफर पर उन्होंने क्या कहा, आइए जानते हैं।

सफर

मात्र आठ डॉलर लेकर अमेरिका पहुंचे थे अजीत के माता-पिता

अजीत पाई ने एक वीडियो ट्वीट करते हुए अपने माता-पिता के सफर के बारे में बताया है। उन्होंने बताया कि उनकी मां बेंगलुरू वहीं उनके पिता हैदराबाद में बड़े हुए थे। 1971 में अपनी शादी के बाद दोनों ने अमेरिका जाने का फैसला लिया और मात्र आठ डॉलर और एक रेडियो के साथ अमेरिका पहुंचे। अजीत ने कहा कि उनके माता-पिता को आशा थी कि एक दिन 'अमेरिकन ड्रीम' उनकी पहुंच में होगा।

संघर्ष

"मुझे मौके देने के लिए माता-पिता ने त्याग किया"

अजीत ने कहा, "अन्य आप्रवासियों की तरह उन्होंने वे सभी मौके जो उनके पास नहीं थे मुझे देने के लिए त्याग किया। मेरे दादा-दादी ने हमें कड़ी मेहनत का मूल्य समझने और बड़ा सपना देखने की दृष्टि दी।" उन्होंने कहा, "अगर मैं 1971 में वापस जाकर अगर उन दोनों को बता सकूं कि महज एक पीढ़ी के बाद उनका बेटा अमेरिकी सरकार के शीर्ष नेतृत्व के साथ उस देश में आएगा जहां वो बड़े हुए, तो वे क्या कहेंगे।"

विश्वास

"ऐसा केवल अमेरिका में हो सकता है"

अपने वीडियो में अजीत ने कहा, "मेरा मानना है कि वो वही कहेंगे जो अभी भी अक्सर कहते हैं और एक विश्वास जो मैं अपने अंदर लेकर चलता हूं, कि ऐसा केवल अमेरिका में हो सकता है।" उन्होंने कहा, "फेडरल कम्युनिकेशन्स कमिशन के चेयरमैन के पद पर सेवाएं देने वाला पहला भारतीय-अमेरिकी होने के नाते मैं उनके और उनके जैसे अन्य आप्रवासियों के त्याग के लायक होने की जिम्मेदारी महसूस करता हूं।"

जानकारी

बहरीन में हुआ था अजीत की मां का जन्म

2019 में किए गए अपने एक ट्वीट में अजीत ने अपने नाना के पासपोर्ट की एक तस्वीर पोस्ट की थी जो उन्हें बहरीन में बतौर क्लर्क काम करने के लिए 1937 में जारी हुआ था और यहीं 1945 में उनकी मां का जन्म हुआ था।

आधिकारिक कामकाज

भारत औऱ अमेरिका की दोस्ती को गहरा करना मकसद- अजीत

भारत दौरे पर आधिकारिक कामकाज के बारे में अजीत ने कहा, "हमारा लक्ष्य दुनिया के सबसे पुराने लोकतंत्र और सबसे बड़े लोकतंत्र के बीच दोस्ती को गहरा करना है।" उन्होंने बताया कि भारत दौरे में वे 5G में आपसी हित और डिजिटल विभाजन को खत्म करने जैसे मुद्दों पर बात करेंगे। अजीत के अलावा ट्रंप के डेलीगेशन में एक और भारतीय-अमेरिकी, केश पटेल, शामिल हैं। वे ट्रंप के विशेष सहयोगी और काउंटर-टेररिज्म के वरिष्ठ निदेशक हैं।