कोरोना वायरस: मुंबई में जल्द शुरू होगा ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की संभावित वैक्सीन का ट्रायल
जल्द ही मुंबई के परेल स्थित किंग एडवर्ड मेमोरियल अस्पताल में ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और एस्ट्रेजेनेका द्वारा तैयार की जा रही कोरोना वायरस की संभावित वैक्सीन 'कोविशील्ड' के दूसरे और तीसरे चरण के ट्रायल शुरू होंगे। इस महीने की शुरुआत में इस संभावित वैक्सीन के भारत में इंसानी ट्रायल की मंजूरी मिली थी। बता दें, भारत उन चुनिंदा देशों में शामिल हैं, जहां इंग्लैंड से बाहर इस वैक्सीन के ट्रायल हो रहे हैं। आइये, पूरी खबर जानते हैं।
इस महीने के अंत तक शुरू होंगे ट्रायल
वैक्सीन के ट्रायल के बार में बताते हुए अस्पताल के डीन डॉक्टर हेमंत देशमुख ने इंडिया टूडे से कहा कि कोविशील्ड के इंसानी ट्रायल के दूसरे और तीसरे चरण अगस्त के अंत तक शुरू हो जाएंगे। ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी ने अपनी इस वैक्सीन का लाइसेंस एस्ट्राजेनेका नामक ब्रिटिश कंपनी को दिया है, जिसने भारत और अन्य विकासशील और कम विकसित देशों के लिए वैक्सीन का निर्माण करने की जिम्मेदारी सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया को दी है।
शुरुआती चरण में मिली है दोहरी सुरक्षा
इस वैक्सीन के शुरुआती चरण के ट्रायल सफल रहे हैं। जिन वॉलेंटियर को इस वैक्सीन की डोज दी गई थी, उनके शरीर में एंटीबॉडीज और 'टी-सेल्स' पाई गई हैं। इसे दोहरी सुरक्षा माना जा रहा है।
160 लोग लेंगे ट्रायल में हिस्सा
भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) ने इस वैक्सीन मुंबई के किंग एडवर्ड मेमोरियल अस्पताल में अगले चरणों के ट्रायल की मंजूरी दे दी है। डॉक्टर देशमुख ने बताया कि अस्पताल ने ट्रायल के लिए लोगों को रजिस्टर करना शुरू कर दिया है। दूसरे और तीसरे चरण के लिए 160 स्वस्थ लोगों का चयन किया जाएगा। ट्रायल में शामिल होने वाले लोगों की न्यूनतम उम्र 18 साल होनी जरूरी है। अधिकतर उम्र की समय नहीं है।
कैसे किये जाएंगे ट्रायल?
ये ट्रायल OPD बेसिस पर किए जाएंगे। यानी भाग लेने वाले वॉलेंटियर को अस्पताल में भर्ती नहीं होना होगा। यह 0.5 मिली का एक इंजेक्शन है, जिसे लेने के बाद वॉलेंटियर अपने घर जा सकेंगे। कुछ लोगों को इंजेक्शन के बाद हल्का बुखार आ सकता है। जानकारी के लिए बता दें कि भारत में कुल 10 जगहों पर इसका ट्रायल किया जाएगा। देश में कुल मिलाकर 1,600 स्वस्थ्य वॉलेंटियर पर इसके असर को जांचा जाएगा।
सब ठीक रहा तो नवंबर में आ जाएगी वैक्सीन
सीरम इंस्टीट्यूट के प्रमुख अदर पूनावाला के अनुसार, अगर सब कुछ ठीक रहता है और ट्रायल के नतीजे अच्छे आते हैं तो वैक्सीन नवंबर में भारत में लॉन्च हो सकती है। उन्होंने कहा कि कंपनी हर महीने वैक्सीन की लगभग छह करोड़ शीशियां बनाएगी जिनमें से आधी यानि तीन करोड़ भारत को मिलेंगी और बाकी अन्य देशों को निर्यात की जाएंगी। पूनावाला ने कहा कि कंपनी अपने जोखिम पर ट्रायल के साथ-साथ वैक्सीन का निर्माण कर रही है।
कितनी हो सकती है कोविशील्ड कीमत?
विशेषज्ञों ने इस वैक्सीन के शुुरुआती नतीजों को उत्साहजन बताया था। ऐसे में इसके कामयाब होने की उम्मीद बढ़ गई है। कामयाब होने पर भारत में इसकी कीमत के बारे में पूछे जाने पर पूनावाला ने कहा कि यह 1,000 प्रति खुराक हो सकती है। उन्होंने कहा कि वैक्सीन सरकार द्वारा खरीदी जाएगी और संक्रमित लोगों को लोगों को मुफ्त में वितरित की जाएगी। कोरोना का उपचार करने के लिए वैक्सीन की दो या उससे अधिक खुराकों की जरूरत होगी।