उत्तराखंड सुरंग हादसा: बचाव में लग सकते हैं 2 से 15 दिन, अगले 36 घंटे अहम
उत्तराखंड के उत्तरकाशी में सुरंग में फंसे 41 मजदूरों को बचाने का अभियान युद्धस्तर पर जारी है। केंद्र सरकार ने कहा है कि चुनौतियों को देखते हुए बचाव कार्य में 15 दिन तक का समय लग सकता है और अगले 36 घंटे काफी अहम हैं। इस बीच बचाव अभियान में जुटी एजेंसियां सुरंग में 57 मीटर लंबा और 6 इंच चौड़ा पाइप डालने में कामयाब रही हैं, जिसके जरिए अब मजूदरों को गर्म भोजन परोसा जा रहा है।
सभी विकल्पों पर एक साथ कर रहे हैं काम- केंद्रीय सचिव
केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MORTH) के सचिव अनुराग जैन ने बताया है कि सुरंग में फंसे हुए सभी मजदूरों को निकालने की कवायद में 2 से 15 दिन का समय लग सकता है। उन्होंने कहा, "हम एक साथ कई विकल्पों पर काम कर रहे हैं। सुरंग में क्षैतिज के साथ वर्टिकल ड्रिलिंग भी जा कर रही हैं, जो दूसरा सबसे अच्छा विकल्प है और इसमें 12 से 15 दिन का समय लग सकता है।"
NDMA ने कहा- सुरंग में पर्याप्त रोशनी और ऑक्सीजन
राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA) के सदस्य लेफ्टिनेंट जनरल सैयद अता हसनैन ने बताया कि सुरंग के अंदर पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन और रोशनी है। उन्होंने कहा, "सुरंग में फंसे मजदूर 4 इंच के पाइप के माध्यम से बात करने में सक्षम हैं। इनमें से कुछ की बात बचाव एजेंसियों ने उनके परिवारों से करवाई है। हमारा ध्यान ऑगर मशीन से सुरंग में सीधी ड्रिलिंग पर है, जो बाहर से लाई गई है।"
सुरंग में क्षैतिज ड्रिलिंग करना अधिक सुरक्षित- भूवैज्ञानिक
भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (GSI) के पूर्व अतरिक्त महानिदेशक त्रिभुवन सिंह पांगती ने बताया कि सुरंग में फंसे 41 मजदूरों को बचाने के लिए क्षैतिज ड्रिलिंग करना अधिक सुरक्षित होगा। उन्होंने कहा, "बचाव टीमों को सुरंग में क्षैतिज ड्रिलिंग पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए और अगर कठोर चट्टानों के रूप में कोई बाधा नहीं आती है तो सुरंग में फंसे बचाने में 3 दिन से भी कम समय लग सकता है।"
6 इंच पाइपलाइन के जरिए परोसा गया गर्म भोजन
इस बीच बचावकर्मी सुरंग में 6 इंच मोटा पाइप डालने में सफल रहे हैं। इससे कई दिनों से सुरंग में फंसे मजदूरों को कुछ राहत मिली है और इसके जरिए उन्हें गर्म भोजन परोसा गया है। इसके अलावा, अब नई पाइपलाइन के माध्यम से परिजन मजदूरों से स्पष्ट बातचीत भी कर सकते हैं। सुरंग के अंदर आसानी से और बड़ी मात्रा में अन्य राहत सामग्री भी पहुंचाई जा सकती है।
सुरंग में 36 मीटर तक की जा चुकी है ड्रिलिंग- रिपोर्ट
अमर उजाला के अनुसार, 21 नवंबर रात भर सुरंग में फंसे मजदूरों को बचाने के लिए ड्रिलिंग का कार्य किया गया। अमेरिकी ऑगर मशीन की मदद से सुरंग में 6 पाइप डाले गए हैं और 36 मीटर तक ड्रिलिंग की जा चुकी है। सुरंग में ड्रिलिंग सकारात्मक दिशा में आगे बढ़ रही है और 7वें पाइप को डालने पर काम जारी है। बचाव टीमें अब सुरंग में फंसे मजदूरों तक पहुंचने से 20 से 22 मीटर दूर हैं।
पिछले 11 दिनों से सुरंग में फंसे हैं मजदूर
12 नवंबर की सुबह लगभग 5:00 बजे भूस्खलन के चलते यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग स्थित सिलक्यारा-डंडालगांव सुरंग का एक हिस्सा अचानक ढह गया था, जिसके कारण 8 राज्यों के 41 मजदूर सुरंग में अंदर फंस गए। मजदूरों को बचाने के लिए सुरंग में 5 तरफ से ड्रिलिंग की जा रही है, जिसमें अलग-अलग एजेंसियां जुटी हुई हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से लगातार अभियान की जानकारी ले रहे हैं।