कोरोना वायरस: UK में जनवरी से लोगों को दी जा सकती है ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की वैक्सीन
यूनाइटेड किंगडम (UK) के एक वरिष्ठ मेडिकल अधिकारी ने कहा है कि नए साल की शुरुआत से कोरोना वायरस की वैक्सीन का वितरण शुरू हो सकता है। इंग्लैंड के उप प्रमुख मेडिकल अधिकारी और कोरोना वायरस पर सरकार के सलाहकार जॉनाथन वेन-टेम ने सांसदों को बताया कि ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और एस्ट्राजेनेका द्वारा विकसित की जा रही वैक्सीन क्रिसमस के बाद वितरण के लिए तैयार हो जाएगी। भारत में सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) इसके ट्रायल कर रही है।
जनवरी से शुरू हो सकता है वैक्सीनेशन
टेम ने पिछले हफ्ते सासंदों को बताया, "हम (वैक्सीन) से बहुत दूर नहीं है। क्रिसमस के बाद हम वैक्सीन का वितरण शुरू कर सकते हैं। इससे अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों और मृतकों की संख्या पर महत्वपूर्ण असर पड़ेगा।" टेम ने एक और बैठक में कहा कि यह वैक्सीन बच्चों, युवाओं और बुजुर्गों समेत पूरी आबादी के लिए असरकारक होने की उम्मीद है। उन्होंने उम्मीद जताई कि जनवरी से लोगों को इसकी खुराक दी जाने लगेगी।
वैक्सीनेशन के लिए UK में बदले गए कानून
हाल ही में UK में सरकार ने कुछ कानूनों में बदलाव किया था। इसके बाद बड़ी संख्या में स्वास्थ्यकर्मियों को बुखार और कोरोना की संभावित वैक्सीन की खुराक लगाने की अनुमति मिल गई है। टेम ने कहा कि जिस गति से यह वैक्सीन विकसित की जा रही है, सफल होने पर यह बड़ी संख्या में लोगों को महामारी का शिकार होने से बचा सकती है। गौरतलब है कि ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की वैक्सीन के ट्रायल अंतिम चरण में पहुंच चुके हैं।
भारत में भी चल रहा इस वैक्सीन का ट्रायल
भारत में पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया इस वैक्सीन के इंसानी ट्रायल कर रही है। नवंबर-दिसंबर तक इसके नतीजे सामने आ जाएंगे। भारत में इस वैक्सीन को कोविशील्ड के नाम से जाना जा रहा है। यह पहली वैक्सीन हो सकती है, जिसे 2021 के शुरू होने से पहले वैज्ञानिक ब्रिटेन में नियामकीय मंजूरी मिलने की उम्मीद कर रहे हैं। अगर ट्रायल सफल रहते हैं तो यह भारत में भी उपलब्ध होने वाली पहली वैक्सीन हो सकती है।
वैक्सीन का अभी तक कोई साइड इफेक्ट नहीं
नवीनतम रिपोर्ट्स के अनुसार कोविशील्ड के अंतिम चरण के ट्रायल में शामिल हुए वॉलेंटियरों पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ा है। एक शीर्ष वैज्ञानिक ने बताया कि बहुत कम वॉलेंटियरों को बुखार आया था, लेकिन चिंता जैसी कोई बात नहीं है।
फाइजर भी रेस में आगे
फार्मा कंपनी फाइजर जर्मन कंपनी बायोनटेक के साथ मिलकर कोरोना वायरस की संभावित वैक्सीन पर काम कर रही है। शुक्रवार को कंपनी ने बताया कि वह नवंबर के अंत में अमेरिका में आपातकालीन मामलों के लिए वैक्सीन के इस्तेमाल की मंजूरी पाने की कोशिश करेगी। सुरक्षा डाटा उपलब्ध होते ही कंपनी इसके लिए आवेदन कर देगी। फिलहाल कंपनी की BNT162b2 नामक वैक्सीन के अमेरिका में तीसरे चरण के ट्रायल चल रहे हैं। इसके नतीजे जल्द ही सामने होंगे।
दुनिया में क्या है महामारी की स्थिति?
जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी के अनुसार, पूरी दुनिया में अब तक 3.97 करोड़ लोगों में कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई है, जिनमें से 11.10 लाख की मौत हो चुकी है। 81.07 लाख संक्रमितों के साथ अमेरिका सबसे प्रभावित देश बना हुआ है। यहां महामारी के कारण अब तक 2.19 लाख मौतें हो चुकी हैं। संक्रमितों के मामले में भारत दूसरे स्थान पर है, जहां कोरोना वायरस के लगभग 75 लाख मामले सामने आ चुके हैं।