इन मशहूर फिल्मों में की गई हैं बड़ी गलतियां; क्या आपने ध्यान दिया?
बॉलीवुड में हर साल पूरी दुनिया में सबसे ज्यादा फिल्में बनती हैं, जो दर्शकों का खूब मनोरंजन करती हैं। कई फिल्में तो सफलता के सारे रिकॉर्ड तोड़ देती हैं। फिल्म बनाते समय निर्देशक छोटी-छोटी बारीकियों पर ध्यान देते हैं, लेकिन कई बार उनसे भी गलती हो जाती है, जिन पर अक्सर दर्शकों का ध्यान नहीं जाता है। आज हम आपको ऐसी ही 10 फिल्मों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिनमें निर्देशक ने गलतियां की हैं।
'लगान' और 'क्रिश'
लगान: गुलाम भारत के ऊपर बनी 'लगान' में 1892 के भारत की कहानी है। फिल्म में भारतीय किसानों और अंग्रेजों के बीच मैच होता है, जिसमें एक ओवर में छह बॉल फेंकी जाती है। जबकि, उस समय इंग्लैंड में एक ओवर में केवल पांच बॉल ही फेंकी जाती थी। क्रिश: 'कोई मिल गया' की सीक्वल फिल्म 'क्रिश' में रोहित दो सालों तक सिंगापुर में रहता है और उसकी पत्नी निशा इस दौरान लगातार दो सालों तक प्रेग्नेंट होती हैं।
'थ्री इडियट्स' और 'प्यार का पंचनामा'
थ्री इडियट्स: इस फिल्म के आखिरी सीन में करीना का मंगेतर सुहास पहले से ही शादी वाली जगह पर मौजूद था, लेकिन थोड़ी देर बाद ही वह शादी वाली जगह के मुख्य द्वार से भागकर अंदर आते हुए दिखता है। प्यार का पंचनामा: इस फिल्म की शुरुआत में तीनों दोस्त बाइक से ढाबे पर आते हैं और वहां वो बीयर पीते हैं, लेकिन जब वह जाने लगते हैं तो जीप से जाते हैं। ऐसा भला कैसे हो सकता है?
'रा वन' और 'चेन्नई एक्सप्रेस'
रा वन: इस फिल्म में शाहरुख खान ने दक्षिण भारतीय हिंदू की भूमिका निभाई है। जब उनकी मौत हो जाती है, तब ईसाई धर्म के अनुसार उनका अंतिम संस्कार होता है। लेकिन अगले सीन में करीना कपूर अस्थियों को नदी में बहाती हुई दिखती हैं। चेन्नई एक्क्स्प्रेस: फिल्म में राहुल यानी शाहरुख खान अपने दादा की मौत के बाद उनकी अस्थियों का कलश पकड़े हुए दिखते हैं, लेकिन कुछ देर बाद उनकी दादी दोबारा उन्हें कलश पकड़ाते हुए दिखती हैं।
'भाग मिल्खा भाग' और 'पीके'
भाग मिल्खा भाग: यह फिल्म भारत-पाकिस्तान बंटवारे और 1950 के दशक के भारत और पाकिस्तान के ऊपर आधारित है। फिल्म के एक सीन में मिल्खा यानी फरहान अख्तर 'नन्हा मुन्ना राही हूं' गाना गुनगुनाते हैं, जबकि यह गाना 1962 में रिलीज हुआ था। पीके: इस फिल्म में एक बार सरफराज, जग्गु से कहता है कि वह ब्रगेस में स्थित पाकिस्तानी एंबेसी में काम करता है, जबकि असल में वहां कोई पाकिस्तानी एंबेसी है ही नहीं।
'बेबी' और 'दम लगा के हईशा'
बेबी: इस फिल्म में जब अक्षय कुमार नेपाल में वसीम खान का पीछा करते हैं, तब वो एक लैंड क्रूजर में चढ़ते हैं, लेकिन वो उतरते दूसरी लैंड क्रूजर से हैं। आखिर रास्ते में गाड़ी अपने आप कैसे बदल गई? दम लगा के हईसा: इस फिल्म में भी गाड़ी बदल गई। जब प्रेम अपने परिवार के साथ संध्या को देखने जाता है, तब मारुति ओमिनी में जाता है। लेकिन बीच रास्ते में ही इनकी भी गाड़ी बदल जाती है।