कोरोना वैक्सीन नहीं लगवाई है तो इन राज्यों में नहीं मिलेंगी फ्री इलाज समेत कई सुविधाएं
कोरोना वायरस के ओमिक्रॉन वेरिएंट के खतरे को देखते हुए केंद्र और राज्य सरकारें कई कदम उठा रही हैं। इनमें टेस्टिंग और सर्विलांस बढ़ाने के साथ-साथ वैक्सीनेशन कवरेज बढ़ाने पर भी जोर दिया जा रहा है। कई राज्यों ने ऐलान किया है कि अगर लोग वैक्सीन नहीं लगवाते हैं तो उन्हें मुफ्त इलाज समेत कई सुविधाओं से वंचित होना पड़ सकता है और कई तरह की पाबंदियों का सामना करना पड़ेगा। आइये, ऐसे ऐलानों पर नजर डालते हैं।
केरल में वैक्सीन न लगवाने पर नहीं मिलेगी मुफ्त इलाज
केरल सरकार ने ऐलान किया है कि अगर कोई व्यक्ति वैक्सीन नहीं लगवाता है और वह कोरोना संक्रमित हो जाता है तो उसे मुफ्त इलाज नहीं मिलेगा। मंगलवार को एक समीक्षा बैठक के बाद मुख्यमंत्री पिनरई विजयन ने कहा कि जो लोग महामारी पर नियंत्रण पाने में सरकार का सहयोग नहीं करेंगे, उन्हें मुफ्त इलाज नहीं दिया जाएगा। अगर कोई एलर्जी या बीमारी के कारण वैक्सीन नहीं ले रहा है तो उसे डॉक्टर का सर्टिफिकेट दिखाना होगा।
...तो कर्मचारियों को हर हफ्ते करवाना होगा RT-PCR टेस्ट
मुख्यमंत्री पिनरई विजयन ने कहा कि अगर किसी सरकारी कर्मचारी ने वैक्सीन नहीं लगवाई है तो उसे हर हफ्ते अपने खर्च पर RT-PCR टेस्ट कराना होगा और इसकी रिपोर्ट उच्च अधिकारियों के पास भेजनी होगी। उन्होंने निकाय अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वो अपने इलाकों में सभी पात्र लोगों का वैक्सीनेशन सुनिश्चित करें। वैक्सीनेशन अभियान की रफ्तार बढ़ाने के लिए केरल सरकार राज्य में 1 से 15 दिसंबर तक विशेष अभियान चलाएगी।
कर्नाटक में सरकारी सुविधाओं से वंचित करने की तैयारी
कर्नाटक की तकनीकी सलाहकार समिति ने राज्य सरकार को सुझाव दिया है कि वैक्सीन न लगवाने वाले लोगों को दी जाने वाली राशन और पेंशन आदि सरकारी सुविधाओं पर रोक लगा दी जाए। समिति ने सलाह दी है कि केवल पूरी तरह वैक्सीनेटेड व्यस्कों को ही सार्वजनिक यातायात, होटल, मॉल्स, सिनेमाहॉल, पार्क, लाइब्रेरी और फैक्ट्री आदि में प्रवेश की अनुमति होनी चाहिए। हालांकि, अभी तक सरकार की तरफ से इस सुझाव पर कोई अंतिम फैसला नहीं लिया गया है।
ठाणे में सार्वजनिक यातायात इस्तेमाल पर लग सकती है रोक
महाराष्ट्र के ठाणे में वैक्सीन न लगवाने वाले लोगों पर सार्वजनिक परिवहन का इस्तेमाल करने पर रोक लग सकती है। ठाणे के मेयर ने कहा कि केवल वैक्सीनेटेड लोगों को निगम की बसों में प्रवेश देने पर विचार हो रहा है। यहां करीब 70 प्रतिशत लोगों ने पहली खुराक ले ली है। शुरुआत में पहली खुराक वाले बसों में चढ़ सकेंगे, लेकिन बाद में यात्रा के लिए दोनों खुराकों का सर्टिफिकेट जरूरी किया जाएगा।
खंडवा में केवल वैक्सीनेटेड लोगों को मिल रही शराब
मध्य प्रदेश के खंडवा जिले में आबकारी विभाग ने ऐलान किया है कि केवल उन्हीं लोगों को शराब की बिक्री की जाएगी, जिन्हें वैक्सीन की दोनों खुराकें लग चुकी हैं। जिले के 74 ठेकों पर यह आदेश लागू हो चुका है।
क्यों खतरनाक माना जा रहा है ओमिक्रॉन वेरिएंट?
दक्षिण अफ्रीका, हांगकांग और बोत्सवाना समेत 15 देशों में मिल चुके ओमिक्रॉन वेरिएंट का वैज्ञानिक नाम B.1.1.529 है और इसकी स्पाइक प्रोटीन में 32 म्यूटेशन हैं। विशेषज्ञों का कहना है यह वेरिएंट वायरस के अन्य वेरिएंट्स की तुलना में अधिक संक्रामक और खतरनाक हो सकता है। इसके वैक्सीनों को चकमा देने की आशंका भी लगाई जा रही है। WHO ने इसे 'वेरिएंट ऑफ कंसर्न' करार दिया है और इस ऐलान के बाद कई देश यात्रा प्रतिबंध लागू कर चुके हैं
देश में वैक्सीनेशन और संक्रमण की क्या स्थिति?
देश में चल रहे दुनिया के सबसे बड़े वैक्सीनेशन अभियान की बात करें तो अब तक वैक्सीन की 1,24,10,86,850 खुराकें लगाई जा चुकी हैं। इनमें से 80,98,716 खुराकें बीते दिन लगाई गई थीं। मौजूदा रफ्तार को देखते हुए वैक्सीनेशन अपने तय लक्ष्य से पीछे चल रहा है। वहीं संक्रमण की बात करें तो देश में कुल 3,45,96,776 लोगों को कोरोना से संक्रमित पाया जा चुका है। इनमें से 99,023 सक्रिय मामले हैं और 4,69,247 लोगों की मौत हुई है।