दक्षिण कोरिया में '10-मिनट सिटी' की योजना पर हो रहा काम, क्या होगी विशेषता?
कोरोना वायरस महामारी के दौरान शहरों की प्लानिंग तैयार करने वाले लोगों में '15-मिनट सिटी' को लेकर काफी आकर्षण देखने को मिला था। ये ऐसे शहर होते हैं, जहां के निवासी महज 15 मिनट में पैदल चलकर या साईकिल लेकर शहर के किसी भी कोने तक पहुंच सकते हैं। अब दक्षिण कोरिया की राजधानी सियोल में '10-मिनट सिटी' की योजना पर काम हो रहा है, जहां की हर सुविधा घर से महज 10 मिनट की दूरी पर होगी।
125 एकड़ में बनेगी '10-मिनट सिटी'
इस योजना को 'प्रोजेक्ट H1' नाम दिया गया है और इसके तहत एक पुरानी औद्योगिक जगह को इंटर कनेक्टेड स्मार्ट सिटी में बदला जाएगा। इस सिटी में आठ रिहायशी इमारतों के अलावा ऑफिस और लाइब्रेरी आदि होंगी। 125 एकड़ में बनने वाली '10-मिनट सिटी' में लोगों को स्विमिंग पूल, जिम और सिनेमाहॉल समेत सभी सुविधाएं दी जाएंगी। यहां कार लाने की अनुमति नहीं होगी और लोगों को पैदल या साइकिल के सहारे एक से दूसरी जगह जाना होगा।
डिजाइन की तस्वीरें आईं सामने
इसे डच आर्किटेक्चर फर्म UNStudio ने डिजाइन किया है और हुंडई डेवलेपमेंट कंपनी इसमें आर्थिक सहयोग दे रही है। UNStudio ने कहा कि रोजमर्रा को अहसास को बेहतर बनाना उसकी प्राथमिकता है और यहां लोगों को अपना जीवन जीने के लिए कई विकल्प मिलेंगे। अभी तक पुष्टि नहीं हो पाई है कि इस पर काम कब शुरू होगा, लेकिन इसकी कई कंप्यूटर जनित तस्वीरें सामने आई हैं, जिनमें यहां के घरों और पब्लिक प्लाजा आदि को देखा जा सकता है।
स्वच्छ ऊर्जा का होगा इस्तेमाल
CNN के अनुसार, आर्किटेक्चर का कहना है कि सिटी के भीतर ही स्वच्छ ऊर्जा उत्पन्न की जाएगी और बारिश के पानी का भंडारण करने के लिए भी विशेष इंतजाम किए जाएंगे ताकि पानी की बर्बादी को रोका जा सके।
2016 में आया था '15-मिनट सिटी' का कॉन्सेप्ट
सबसे पहले कार्लोस मॉरेनो '15-मिनट सिटी' का कॉन्सेप्ट लेकर आए थे और इसे पेरिस की मेयर ने लोकप्रिय किया था। उन्होंने कहा था कि वो पेरिस को ऐसा शहर बनाएंगी, जहां केवल 15 मिनट में किसी भी जगह पहुंचा जा सकेगा। हालांकि, इस कॉन्सेप्ट की आलोचना भी हो रही है। आलोचकों का कहना है कि इससे घरों के दाम आसमान पर पहुंच जाएंगे और निम्न आय वाले लोग ऐसी जगहों पर नहीं रह पाएंगे।
महामारी ने फिर बढ़ाया कॉन्सेप्ट के प्रति आकर्षण
महामारी के दौरान इस प्रकार के कॉन्सेप्ट में लोगों की दिलचस्पी फिर बढ़ी है। दुनियाभर के लोग घर से काम और सार्वजनिक परिवहन से किनारा करने लगे। मॉरेनो ने लिखा कि महामारी ने शहरों की कमियों को उजागर कर दिया है और इस पर दोबारा विचार करने की जरूरत है। नए विचारों में आविष्कारी कदम उठाने पड़ेंगे ताकि लोग अपनी मूलभूत जरूरत को पूरा कर सके और शहर लंबे समय तक रहने लायक बने रहें।