तमिलनाडु: लॉकडाउन उल्लंघन और CAA विरोध के सभी मामले वापस लेगी सरकार
तमिलनाडु में आगामी गर्मियों में होने वाले विधानसभा चुनाव को देखते हुए सत्ताधारी ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (AIADMK) ने प्रदेश की जनता का रिझाना शुरू कर दिया है। इसके तहत मुख्यमंत्री ई पलानीस्वामी ने कोरोना वायरस महामारी को रोकने के लिए लागू किए गए लॉकडाउन के उल्लंघन और नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के विरोध में किए गए पर्दशनों के लेकर दर्ज किए गए सभी मामलों को वापस लेने की घोषणा की है।
तमिलनाडु में अप्रैल-मई में होने हैं चुनाव
बता दें तमिलनाडु में 234 विधानसभा सीटों पर इस साल मई में चुनाव होने की संभावना है। इसमें सत्ताधारी AIADMK एक बार फिर से भाजपा के साथ चुनाव लड़ेगी। उसका प्रमुख मुकाबला DMK के साथ होगा। 2019 में 39 सीटों पर हुए उपचुनावों में AIADMK को करारी हार मिली थी, लेकिन वह अब फिर से DMK को टक्कर देने की तैयारी में है। यही कारण है कि सरकार लुभावनी घोषणाएं कर लोगों को आकर्षित करने का प्रयास कर रही है।
10 लाख मामले वापस लेगी सरकार- पलानीस्वामी
तेनकासी में आयोजित एक रैली में मुख्यमंत्री पलानीस्वामी ने कहा कि सरकार ने कोरोना महामारी को रोकने के लिए लागू किए गए लॉकडाउन के उल्लंघन को लेकर दर्ज किए गए मामलों को वापस लेने का निर्णय किया है। इसी तरह CAA के विरोध में किए प्रदर्शन को लेकर दर्ज किए गए मामले भी वापस लिए जाएंगे। उन्होंने कहा कि सरकार ने दोनों मामलों में दर्ज किए गए कुल 10 लाख मामलों को वापस लेने की तैयारी शुरू कर दी है।
कुडनकुलम परमाणु संयंत्र के विरोध के मामले भी वापस लेने पर विचार कर रही सरकार
न्यूज 18 के अनुसार मुख्यमंत्री पलानीस्वामी ने कहा सरकार कुडनकुलम परमाणु संयंत्र के खिलाफ विरोध करने वालों पर दर्ज किए गए मामलों को भी वापस लेने पर विचार करेगी। यह बहुत पुराना मामला हो गया है और इससे लोगों को राहत मिलेगी। उन्होंने कहा कि सरकार का उद्देश्य जनता को परेशान करना नहीं है। ऐसे में इन सभी मामलों को वापस लेकर इनमें फंसे लोगों को राहत दी जाएगी। सभी मामलों को कानून के दायरे में रहकर वापस लिया जाएगा।
लोगों को नहीं काटने होंगे पुलिस थानों और कोर्ट के चक्कर
सरकार के लॉकडाउन के उल्लंघन के मामले वापस लेने से आम लोगों और व्यापारियों को बड़ी राहत मिलेगी। इसके साथ ही इससे न्यायालय पर से मुकदमों का बोझ कम होगा। वहीं, लोगों को कोर्ट और पुलिस थानों के चक्कर भी नहीं काटने पड़ेंगे।
उत्तर प्रदेश सरकार भी कर चुकी है घोषणा
बता दें कि गत 13 फरवरी को उत्तर प्रदेश सरकार ने भी कोरोना महामारी के प्रोटोकॉल और लॉकडाउन उल्लंघन को लेकर दर्ज किए गए सभी मामलों को वापस लेने की घोषणा की थी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पहले प्रदेश के व्यापारियों पर दर्ज मामलों को वापस लेने की घोषणा की थी, लेकिन बाद में सभी लोगों के खिलाफ दर्ज मामलों को वापस लेने के आदेश जारी कर दिए। इससे इन मामलों में फंसे लोगों को राहत मिली थी।