कोरोना वायरस: ICMR की सलाह, दो दिन तक रैपिड टेस्ट किट का प्रयोग न करें राज्य
भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) ने राज्यों को दो दिन तक कोरोना वायरस की रैपिड टेस्ट किट प्रयोग न करने को कहा है। कई राज्यों के किट में समस्या होने की शिकायत करने के बाद ICMR ने ये सलाह दी है। कोरोना वायरस को लेकर होने वाली दैनिक प्रेस कॉन्फ्रेंस में ICMR के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ रमन गंगाखेड़कर ने बताया कि दोषपूर्ण टेस्ट किट की जांच की जाएगी और इस गड़बड़ी को नजरअंदाज नहीं किया जाएगा।
कई राज्यों ने उठाए रैपिड टेस्ट किट की सटीकता पर सवाल
हाल ही में भारत के पास चीन से रैपिड टेस्ट किट आना शुरू हुई हैं और ICMR ने विभिन्न राज्यों को पांच लाख रैपिड टेस्ट किट बांटी हैं जिनका हॉटस्पॉट इलाकों में प्रयोग होना है। कई राज्यों ने इसका प्रयोग शुरू कर दिया था और वहां इनमें दिक्कत देखने को मिली। राजस्थान ने आज इनके जरिए टेस्ट बंद कर करते हुए कहा कि इन किट की सटीकता केवल 5.4 प्रतिशत है।
जांच के बाद दो दिन में एडवाइजरी जारी करेगी ICMR
राज्यों से शिकायत आने के बाद अब ICMR ने राज्यों को दो दिन तक रैपिड टेस्ट रोकने को कहा है। डॉ गंगाखेड़कर ने कहा, "एक राज्य ने कहा कि इन टेस्ट किट्स में गड़बड़़ी है। हमने अन्य तीन राज्यों से इसकी पुष्टि की और पाया कि ये बात काफी हद तक सही है। ये एक अच्छा लक्षण नहीं है।" उन्होंने कहा कि ऑन-ग्राउंड टीमें इन किट की जांच करेंगी और इसके बाद दो दिन में एडवाइजरी जारी की जाएगी।
खराब होने पर बदली जाएंगी रैपिड टेस्ट किट
डॉ गंगाखेड़कर ने कहा कि अगर रैपिड टेस्ट किट्स का कोई भी बैच खराब पाया जाता है तो उसने बनाने वाली कंपनी से सभी किटों को बदलने को कहा जाएगा। टेस्टिंग के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि अब तक 4,49,810 सैंपल की जांच हो चुकी है और कल एक ही दिन में 35,852 टेस्ट किए गए। इस बीच स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने बताया कि कोरोना के 17.48 प्रतिशत मरीज ठीक हो चुके हैं।
रैपिड टेस्ट किट में क्या है खास?
रैपिड एंटीबॉडी टेस्ट किट से जांच करने के लिए मरीज के खून का सैंपल लिया जाता है। इसकी सबसे खास बात यह है कि इसका परिणाम महज 30 मिनट में सामने आ जाता है। वर्तमान में लोगों की तेजी से जांच करने के लिए इस किट की बहुत अधिक मांग है। इसके उलट वर्तमान में काम ली जा रही रिवर्स ट्रांसक्रिप्शन पोलीमरेज़ चेन रिएक्शन (RT-PCR) किट से जांच रिपोर्ट आने में पांच से छह घंटे का समय लगता है।
खून में एंटीबॉडी से चलता है कोरोना वायरस का पता
RTK किट से जांच करने में सबसे बड़ा फायदा यह होता है कि इससे संदिग्ध के खून में कोरोना वायरस से लड़ने के लिए मौजूद एंटीबॉडी के काम करने या नहीं करने का पता चल जाता है। इससे मरीज के इलाज में मदद मिलती है।
भारत में क्या है कोरोना वायरस की स्थिति?
भारत में मंगलवार शाम पांज बजे तक कोरोना वायरस से संक्रमण के 18,985 मामले सामने आ चुके हैं। इनमें से 603 लोगों की मौत हुई है, वहीं 3,260 को सफल इलाज के बाद घर भेजा जा चुका है। महाराष्ट्र सबसे अधिक प्रभावित राज्य बना हुआ है और यहां अब तक 4,669 लोगों को कोरोना से संक्रमित पाया जा चुका है, वहीं 232 को इसके कारण जान गंवानी पड़ी है। दिल्ली में ये आंकड़े 2,081 और 47 हैं।