
टि्वटर पर नहीं हुआ चेतावनियों का असर, शिकायत अधिकारी की नियुक्ति के लिए मांगा और समय
क्या है खबर?
केंद्र द्वारा लागू नए IT नियमों को लेकर माइक्रोब्लॉगिंग साइट ट्विटर और सरकार के बीच जारी तनातनी फिलहाल थमती नहीं दिख रही है।
हालात यह है कि सरकार की कार्रवाई और दिल्ली हाई कोर्ट की फटकार के बाद भी ट्विटर नियमों की पालना में तेजी नहीं दिखा रहा है।
यही कारण है कि उसने गुरुवार को हाई कोर्ट में पेश किए अपने हलफमाने में नया शिकायत अधिकारी नियुक्त करने में आठ सप्ताह का समय लगने की बात कही है।
प्रकरण
केंद्र सरकार ने 25 फरवरी को जारी किए थे नए नियम
बता दें कि केंद्र सरकार की ओर से MEITY ने इस साल 25 फरवरी को नए IT नियम जारी करते हुए सभी सोशल कंपनियों को इसके पालन के लिए तीन महीने का समय दिया था।
नए नियमों के अनुसार कंपनियों को भारत में अपना ऑफिसर और कॉंटेक्स ऐड्रेस देना, शिकायत सुनने वाले अधिकारी की नियुक्ति, शिकायत समाधान, आपत्तिजनक कंटेट की निगरानी, सबसे पहले मैसेज भेजने वाले की जानकारी देना, शिकायत रिपोर्ट और आपत्तिजनक सामग्री हटाने जैसे नियम शामिल थे।
याचिका
एक अधिवक्ता ने टि्वटर के खिलाफ दायर की थी जनहित याचिका
बता दें कि टि्वटर द्वारा नए IT नियमों का पालन नहीं करने को लेकर अधिवक्ता अमित आचार्य ने हाई कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की थी।
इसमें कहा गया था कि ट्विटर ने अभी तक एक स्थानीय शिकायत अधिकारी को नियुक्त नहीं किया है। इससे टि्वटर से संबंधित शिकायतों का समय पर समाधान नहीं हो पा रहा है।
इस पर हाई कोर्ट ने सोमवार को केंद्र सरकार और टि्वटर दोनों से मामले में जवाब मांगा था।
सुनवाई
हाई कोर्ट ने टि्वट को लगाई थी फटकार
मामले में टि्वटर ने कहा था कि उसने अभी तक IT नियमों का पालन नहीं किया है, लेकिन पालना करने की प्रक्रिया में है।
इस पर हाई कोर्ट ने फटकार लगाते हुए कहा था कि यदि टि्वटर को लगता है कि भारत में नियमों की पालना में जितना चाहे, उतना समय ले सकता है तो वह इसकी अनुमति नहीं देगा।
इसके अलावा कोर्ट ने उसे शिकायत अधिकारी की नियुक्ति का समय बताने के लिए दो दिन का समय दिया था।
टिप्पणी
कार्रवाई के लिए स्वतंत्र है सरकार- हाई कोर्ट
जस्टिस रेखा पल्ली ने इस बात पर भी नाराजगी जताई थी कि टि्वटर ने उसे यह नहीं बताया कि स्थानीय शिकायत निवारण अधिकारी (RGO) की इससे पहले नियुक्ति केवल अंतरिम आधार पर थी और उन्होंने 21 जून को इस्तीफा दे दिया है।
उन्होंने कहा अब ट्विटर को किसी तरह की राहत नहीं दे सकते हैं और केंद्र सरकार उसके खिलाफ कार्रवाई करने के लिए पूरी तरह से स्वतंत्र है। वह उसे इस मामले में कोई सुरक्षा नहीं दे सकती हैं।
जवाब
टि्वटर ने शिकायत अधिकारी की नियुक्ति के लिए मांगा आठ सप्ताह का समय
गुरुवार को हुई सुनवाई में ट्विटर ने कोर्ट को बताया कि नया शिकायत अधिकारी नियुक्त करने में आठ सप्ताह का समय लगेगा। इसी तरह वह भारत में संपर्क के लिए एक कार्यालय खोलने की तैयारी में हैं, जो भविष्य में ट्विटर से संपर्क करने के लिए स्थायी पता रहेगा।
ट्विटर ने यह भी बताया कि IT नियमों के अनुपाल से संबंधित अपनी पहली रिपोर्ट वह 11 जुलाई तक पेश करेगा और वह नियमों की पालना का प्रयास कर रहा है।
चेतावनी
टि्वटर को करना चाहिए देश के नियमों का पालन- वैष्णव
इधर, कैबिनेट विस्तार के बाद बुधवार को नए केंद्रीय सूचना और प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने मंत्रालय पहुंचकर कार्यभार संभाल लिया।
इस दौरान उन्होंने टि्वटर को लेकर पूछे गए सवाल पर कड़ी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने टि्वटर को कड़ी चेतावनी देते हुए कहा कि देश का कानून सर्वोच्च है और ट्विटर को देश के सभी नियमों का प्रमुखता से पालना करना चाहिए।
बता दें कि पूर्व में रविशंकर प्रसाद के टि्वटर से खासी तनातनी चली थी।
तकरार
सरकार के साथ चल रही टि्वटर की तकरार
बता ने कि नए IT नियमों की पालना को लेकर सरकार और टि्वटर के बीच तकरार चल रही है।
सरकार ने गत दिनों टि्वटर से सोशल मीडिया मध्यस्थ का दर्जा और कानूनी कार्रवाई से सुरक्षा का अधिकार को वापस ले लिया। ऐसे में अब ट्विटर को यूजर्स के कंटेट के होस्टिंग प्लेटफॉर्म की जगह एक पब्लिशर माना जाएगा।
इसी तरह सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय से जुड़ी संसदीय स्थायी समिति ने भी उसे नियमों की पालना करने को कहा था।