मोदी सरकार ने बनाया नया मंत्रालय, जानें ये कैसे बनते हैं और कौन बनाता है
मंत्रिमंडल विस्तार से एक दिन पहले नरेंद्र मोदी सरकार ने एक नए मंत्रालय का गठन किया था। 'सहकार से समृद्धि' के नजरिये के साथ सरकार ने सहकारिता मंत्रालय का गठन किया और अमित शाह को इसका कार्यभार सौंपा गया है। मोदी सरकार के दूसरी बार सत्ता में आने के बाद बनाया गया यह दूसरा मंत्रालय है। 2019 में सरकार ने दो अलग-अलग मंत्रालयों को मिलाकर जल शक्ति मंत्रालय बनाया था। जानिये कि नए मंत्रालयों का गठन कैसे होता है।
एक या अधिक विषयों को देखता है मंत्रालय
सरकार का कोई मंत्रालय एक या इससे अधिक विषयों को देखता है और इसके संचालन के लिए नौकरशाह समेत दूसरे अधिकारी नियुक्त किए जाते हैं। बड़े मंत्रालयों का प्रमुख कैबिनेट मंत्री होता है। कैबिनेट मंत्री की मदद के लिए राज्यमंत्री भी बनाए जाते हैं। ये सब मिलकर सरकार चलाने में प्रधानमंत्री की मदद करते हैं। मंत्रालयों में अलग-अलग विभाग होते हैं और उनके संचालन के लिए वरिष्ठ नौकरशाहों को उनका प्रमुख बनाया जाता है।
मंत्रालय कौन बनाता है?
प्रधानमंत्री की सलाह पर राष्ट्रपति मंत्रालय या विभाग का गठन करते हैं। संविधान के अनुच्छेद 77 में इसका जिक्र किया गया है। इसके तहत राष्ट्रपति प्रधानमंत्री की सलाह पर मंत्रियों को मंत्रालयों का कार्यभार सौंपते हैं। कामकाज में मंत्रियों की सहायता और नीति निर्माण के लिए के लिए नौकरशाहों की बड़ी टीम होती है। सहकारिता मंत्रालय के गठन के साथ भारत सरकार में अब कुल मंत्रालयों की संख्या 41 हो गई है।
"नए मंत्रालय बनाना मुश्किल काम नहीं"
मंत्रालयों और विभागों के बीच समन्वय बनाने की जिम्मेदारी मंत्रिमंडल सचिवालय की होती है। द प्रिंट से बात करते हुए पूर्व कैबिनेट सचिव केएम चंद्रशेखर ने बताया कि नए मंत्रालयों का गठन, पुराने मंत्रालय बंद करना या मंत्रालयों का विलय सामान्य प्रक्रिया है। अगर सरकार को लगता है कि किसी खास क्षेत्र पर ध्यान देने की ज्यादा जरूरत है तो मंत्रालय का गठन या मंत्रालयों का विलय किया जा सकता है। नया मंत्रालय बनाना मुश्किल काम नहीं है।
मंत्रियों की संख्या निर्धारित
सरकार जरूरत के हिसाब से मंत्रालय का गठन या इनकी सरंचना में बदलाव कर सकती है, लेकिन मंत्रियों की संख्या निर्धारित है। नियमों के मुताबिक, मंत्रिमंडल में लोकसभा सदस्यों के 15 प्रतिशत से अधिक सदस्य नहीं हो सकते। फिलहाल लोकसभा में 543 सांसद हैं। इस हिसाब से मंत्रिमंडल में प्रधानमंत्री समेत अधिकतम 81 सदस्य ही हो सकते हैं। बुधवार को हुए मंत्रिमंडल विस्तार के बाद अब मोदी सरकार में 77 मंत्री हैं।
हालिया सालों में बने हैं ये मंत्रालय
पिछले कुछ सालों में भारत में कई नए मंत्रालय बने हैं तो कई पुराने मंत्रालयों को नया रूप दिया गया है। 2000 में युवा मामले और खेल मंत्रालय बनाया गया था। इसके बाद 2014 में कौशल विकास मंत्रालय बनाया गया। तीन साल बाद यानी 2017 में मोदी सरकार ने शहरी विकास और आवास और शहरी गरीबी उन्मूलन मंत्रालयों को मिलाकर आवास और शहरी मामले मंत्रालय बनाया। फिर 2019 में जल शक्ति और अब सहकारिता मंत्रालय बनाया गया है।