कोरोना: भारत में आधिकारिक आंकड़ों से छह गुना हो सकती है मौतों की असल संख्या- अध्ययन
भारत में कोरोना वायरस के कारण होने वाली असल मौतों की संख्या आधिकारिक आंकड़ों की तुलना में छह गुना अधिक हो सकती है। गुरुवार को साइंस जर्नल में छपे एक अध्ययन में अनुमान लगाया गया है कि भारत में अब तक कोरोना के कारण लगभग 32 लाख मौतें हो चुकी हैं। वहीं आधिकारिक तौर पर गुरुवार तक भारत में 4,83,178 मौतें दर्ज हुई हैं। इससे पहले भी कई रिपोर्ट्स में मौतों की असल संख्या होने की बात कही गई है।
दूसरी लहर के दौरान 71 प्रतिशत मौतें- अध्ययन
शोधकर्ताओं ने पाया कि भारत में कोरोना के कारण हुई असल मौतों में से करीब 27 लाख (71 प्रतिशत) पिछले साल अप्रैल से जून के बीच हुई, जब डेल्टा वेरिएंट के कारण दूसरी लहर आई थी। भारत, कनाडा और अमेरिका के कई संस्थानों के शोधकर्ताओं ने मिलकर यह अध्ययन किया है। टोरंटो यूनिवर्सिटी के सेंटर फॉर ग्लोबल हेल्थ रिसर्च के डॉ प्रभात झा और डार्टमाउथ कॉलेज के डॉ पॉल नोवोसेड भी शोधकर्ताओं में शामिल थे।
इन कारणों से नहीं दर्ज हो सकी असल संख्या
अध्ययन में कहा गया है कि आधिकारिक आंकड़ों को देखें तो भारत में 10 लाख लोगों पर 345 मौतें हुई हैं, जो अमेरिका में कोरोना मृत्यु दर का सातवां हिस्सा है। भारत में कोरोना संक्रमण से हुई मौतों के अधूरे प्रमाणीकरण और इन मौतों के पीछे दूसरी बीमारियों का कारण बताने से असल संख्या सामने नहीं आ पाई है। साथ ही अधिकतर मौतें ग्रामीण इलाकों में हुई हैं, जो दर्ज नहीं हो सकीं।
अध्ययन के लिए कहां से लिए गए आंकड़े?
शोधकर्ताओं ने अध्ययन के लिए 1.4 लाख लोगों के टेलिफॉनिक सर्वे, दो लाख सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों और 10 राज्यों के नागरिक पंजीकरण प्रणाली से मौतों के आंकड़े जुटाए थे। अध्ययन के लिए संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या प्रभाग के आंकड़ों की भी मदद ली गई थी।
इस बारे में विशेषज्ञ क्या कहते हैं?
राष्ट्रीय महामारी संस्थान की वैज्ञानिक सलाहकार समिति के प्रमुख डॉ जयप्रकाश मुलियिल ने कहा कि महामारी के भारत पहुंचने से उन्होंने यूरोप की दर के आधार पर मृत्यु दर का अनुमान लगाया था। उन्होंने कहा कि उनके अनुमान के आधार पर भारत में करीब 22 लाख के करीब मौतें होने की आशंका थी। यह शर्मनाक है कि केवल हजारों में मौतें दर्ज की जा रही हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना के कारण 30 लाख मौतों का आंकड़ा वाजिब है।
एक अध्ययन में 49 लाख बताई गई मौतें
पिछले साल जुलाई में हुए एक अध्ययन में बताया गया था कि भारत में कोरोना वायरस महामारी के कारण अपनी जान गंवाने वाले लोगों की संख्या 49 लाख तक हो सकती है अमेरिका के सेंटर फॉर ग्लोबल डेवलपमेंट ने यह अध्ययन किया था और भारत के पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमण्यन इसके लेखकों में शामिल थे। अध्ययन में पिछले सालों में हुई कुल मौतों की महामारी के दौरान हुई कुल मौतों से तुलना करके आंकड़ा निकाला गया था।
अन्य रिपोर्ट्स में भी सामने आई कई गुना मौतें होने की बात
गौरतलब है कि पहले भी कई संगठन भारत में कोरोना के कारण हुई मौतों की संख्या आधिकारिक आंकड़ों से कई गुना अधिक होने का ऐलान कर चुके हैं। न्यूयॉर्क टाइम्स ने अपने विश्लेषण में भारत में कोरोना के कारण कम से कम छह लाख मौतें होने की बात कही थी, वहीं अधिकतम आंकड़ा इससे कई गुना अधिक था। वहीं द इकॉनोमिस्ट मैगजीन ने वास्तविक मौतें आधिकारिक आंकड़े से पांच से सात गुना अधिक होने की बात कही थी।