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कोरोना महामारी से भारत में लोगों की औसत उम्र में आई दो साल की गिरावट- अध्ययन
कोरोना महामारी से भारत में लोगों की औसत उम्र में आई दो साल की गिरावट।

कोरोना महामारी से भारत में लोगों की औसत उम्र में आई दो साल की गिरावट- अध्ययन

Oct 23, 2021
01:35 pm

क्या है खबर?

कोरोना वायरस महामारी ने दुनियाभर में लोगों के जीवन, आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक सहित सभी पहलुओं को प्रभावित किया है। इसी बीच सामने आया है कि यह महामारी भारत में लोगों की जीवन प्रत्याशा (औसत उम्र) में दो साल की बड़ी गिरावट का भी कारण बनी है। इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट फॉर पॉपुलेशन स्टडीज (IIPS) के वैज्ञानिकों द्वारा किए गए एक सांख्यिकीय विश्लेषण में यह चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है। यह बड़ी चिंता का कारण है।

जीवन प्रत्याशा

क्‍या होती है जीवन प्रत्‍याशा?

'जन्‍म के समय जीवन प्रत्‍याशा' का मतलब उस औसम आयु से होता है, जितने समय तक नवजात के जीने की संभावना होती है। दूसरे शब्दों में कहें तो जीवन प्रत्याशा एक दी गयी उम्र के बाद जीवन में शेष बचे वर्षों की औसत संख्या है। यह एक व्यक्ति के औसत जीवनकाल का अनुमान है। हालांकि, नए अध्ययन में विभिन्‍न आयु वर्ग के जीवनकाल में आए बदलाव पर नजर डाली गई। इसे आयु वर्ग के अनुसार जीवन प्रत्याशा निकाली जाती है।

रिपोर्ट

'BMC पब्लिक हेल्थ' में प्रकाशित हुई है रिपोर्ट

NDTV के अनुसार, लोगों के जन्म के समय जीवन प्रत्याशा में गिरावट बताने वाली IIPS के अध्ययन की रिपोर्ट हाल ही में 'BMC पब्लिक हेल्थ' पत्रिका में प्रकाशित हुई है। यह रिपोर्ट IIPS के प्रोफेसर सूर्यकांत यादव ने तैयार की है। रिपोर्ट में कहा गया है कि 2019 में भारतीय पुरुषों की जीवन प्रत्‍याशा 69.5 साल थी जो 2020 में 67.5 साल रह गई। इसी तरह महिलाओं की जीवन प्रत्‍याशा 72 साल से गिरकर 69.8 साल पर आ गई।

सबसे ज्यादा

35-69 साल आयु वर्ग के पुरुषों के मरने की दर सबसे ज्‍यादा

रिपोर्ट के अनुसार, कोरोना महामारी के दौरान 35-69 साल के आयु वर्ग के पुरुषों के मरने की दर सबसे ज्‍यादा रही थी। साल 2020 में इस आयु वर्ग के लोगों की सबसे अधिक मौतें हुई थी। इसके कारण ही जीवन प्रत्‍याशा में गिरावट आई है। IIPS का यह अध्ययन कोरोना महामारी से मृत्‍यु दर के पैटर्न में आए बदलाव को जानने के लिए किया गया था। मार्च 2020 से अब तक साढ़े चार लाख मौतें हो चुकी हैं।

गिरावट

स्‍पेन में जीवन प्रत्याशा में आई 2.28 साल तक की गिरावट

IIPS अध्ययन में 145 देशों में हुई ग्‍लोबल बर्डन ऑफ डिजीज (GBD) को भी शामिल किया गया है। इसके अलावा कोरोना इंडिया एप्लिकेशन प्रोग्रामिंग इंटरफेस (API) पोर्टल के जरिए भी विश्लेषण किया गया। अध्ययन में पता चला क‍ि कोरोना महामारी से दुनियाभर के देशों की मृत्‍यु दर पर पड़े प्रभाव में भारत बीच में हैं। इंग्‍लैंड और वेल्‍स, अमेरिका में जीवन प्रत्‍याशा में एक साल से ज्‍यादा की कमी आई है। स्‍पेन में सबसे ज्यादा 2.28 साल गिरावट आई है।

परेशानी

जीवन प्रत्याशा को बढ़ाने में लग जाएंगे सालों- गुप्ता

IIPS के प्रोफेसर यादव ने कहा, "जीवन प्रत्‍याशा बढ़ाने के लिए पिछले दशक में हमें जो भी प्रगति की थी, कोरोना ने उस पर पानी फेर दिया है। अब हमें 2019 की स्थिति तक पहुंचने में सालों लग जाएंगे।" इसी तरह IIPS के निदेशक डॉ केएस जेम्‍स ने कहा कि पहले भी कई महामारियों का जीवन प्रत्‍याशा पर असर हुआ है। अफ्रीका में HIV-एड्स जीवन प्रत्‍याशा तेजी से गिरी थी, लेकिन पिछले कुछ साल में इसमें सुधार हो गया।