49 लाख तक हो सकती है भारत में कोरोना संक्रमण से मरने वालों की संख्या- स्टडी
भारत में कोरोना वायरस महामारी के कारण अपनी जान गंवाने वाले लोगों की संख्या 49 लाख तक हो सकती है। एक नई स्टडी में ये बात सामने आई है। अमेरिका के सेंटर फॉर ग्लोबल डवलपमेंट ने यह स्टडी की है और भारत के पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमण्यन इसके लेखकों में शामिल हैं। स्टडी में पिछले सालों में हुई कुल मौतों की महामारी के दौरान हुई कुल मौतों से तुलना करके ये आंकड़ा निकाला गया है।
महामारी की शुरूआत से इस साल जून तक के हैं आंकड़े
विभिन्न सालों की कुल मौतों की तुलना कर स्टडी के नतीजों में कहा गया है कि पिछले साल महामारी की शुरूआत से इस साल जून तक भारत में कम से कम 34 लाख और अधिकतम 49 लाख अधिक मौतें हुईं। इन आंकड़ों में अप्रैल-मई में डेल्टा वेरिएंट के कारण आई कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के आंकड़े भी शामिल हैं। इस लहर में देश का लगभग हर परिवार कोरोना से प्रभावित हुआ था।
आजादी के बाद भारत की सबसे बड़ी मानवीय त्रासदी- स्टडी
स्टडी में कहा गया है, "आंकड़ों से साफ है कि बहुत सारे लोगों, हजारों नहीं बल्कि लाखों को अपनी जान गंवानी पड़ी। ये आजादी के बाद भारत की सबसे बड़ी मानवीय त्रासदी है।" स्टडी में भले ही सभी अधिक मौतों का कारण कोरोना को नहीं माना गया हो, लेकिन विशेषज्ञों के अनुसार, अन्य सालों की तुलना में महामारी के दौरान हुई अत्यधिक मौतों को गिनना महामारी के वास्तविक असर का पता लगााने का सबसे बेहतर तरीका है।
आधिकारिक आंकड़ों से 10 गुना हैं वास्तविक मौतें
स्टडी में देश में कोरोना के कारण हुई मौतों का जो आंकड़ा दिया गया है, वह आधिकारिक आंकड़े से 10 गुना से ज्यादा अधिक है। आधिकारिक तौर पर भारत में 4.18 लाख मौतें दर्ज की गई हैं, लेकिन शुरू से ही विभिन्न सरकारों पर मौतों को छिपाने का आरोप लग रहा है। इसके अलावा दूसरी लहर के दौरान स्वास्थ्य व्यवस्था के चरमराने के कारण घर पर हुई मौतों का रिकॉर्ड न हो पाना भी इस अंतर का एक कारण है।
अन्य रिपोर्ट्स में भी सामने आई थी कई गुना मौतें होने की बात
गौरतलब है कि पहले भी कई संगठन भारत में कोरोना के कारण हुई मौतों की संख्या आधिकारिक आंकड़ों से कई गुना अधिक होने का ऐलान कर चुके हैं। न्यूयॉर्क टाइम्स ने अपने विश्लेषण में भारत में कोरोना के कारण कम से कम छह लाख मौतें होने की बात कही थी, वहीं अधिकतम आंकड़ा इससे कई गुना अधिक था। वहीं द इकॉनोमिस्ट मैगजीन ने वास्तविक मौतें आधिकारिक आंकड़े से पांच से सात गुना अधिक होने की बात कही थी।
देश की दो-तिहाई आबादी हो चुकी है कोरोना से संक्रमित
कई गुना अधिक मौतें होने का दावा इसलिए भी सही लगता है क्योंकि चौथे सीरो सर्वे में 6 साल से अधिक उम्र की देश की 67.6 प्रतिशत आबादी को कोरोना से संक्रमित पाया गया है। यह आंकड़ा लगभग 100 करोड़ के आसपास होता है, जबकि देश में आधिकारिक तौर पर अभी तक महज 3.13 करोड़ मामले सामने आए हैं। करोड़ो मामले पकड़ में न आना अधिकांश मौतें दर्ज न होने के दावों को और मजबूत करता है।