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इस ट्रक को महाराष्ट्र से केरल पहुंचने में लग गया एक साल, जानिए क्यों

इस ट्रक को महाराष्ट्र से केरल पहुंचने में लग गया एक साल, जानिए क्यों

Jul 20, 2020
02:15 pm

क्या है खबर?

आमतौर पर किसी ट्रक को 1,700 किलोमीटर की यात्रा में पांच से सात दिन लगते हैं, लेकिन गत वर्ष जुलाई में महाराष्ट्र के नासिक से केरल के तिरूवनंतपुरम रवाना हुए 74 चक्के वाले वोल्वो ट्रक को यह दूरी पार करने में एक साल लग गया। दरअसल, इस ट्रक में 70 टन वजनी एयरोस्पेस ऑटोक्लेव रखा था जो विक्रम साराभाई स्पेस सेंटर (VSSC) पहुंचना था। ऐसे में यह ट्रक एक दिन में महज पांच किलोमीटर का ही सफर करता था।

शुरुआत

8 जुलाई, 2019 को शुरू हुई थी ट्रक की यात्रा

HT की रिपोर्ट के अनुसार ट्रक के साथ यात्रा करने वाले एक कर्मचारी ने समाचार एजेंसी ANI को बताया कि एयरोस्पेस ऑटोक्लेव को नासिक से VSSC तक पहुंचाने के लिए सड़क मार्ग का ही चयन किया गया था। इसके लिए वोल्वो कंपनी ने 74 चक्के वाले FM12 ट्रक को डिजाइन किया था। उन्होंने 8 जुलाई, 2019 को नासिक से अपनी यात्रा शुरू की थी और सोमवार को वह एक साल बाद चार राज्यों से होते हुए VSSC पहुंच गए।

जानकारी

भारहीन सामग्री बनाने में होता है एयरोस्पेस ऑटोक्लेव का उपयोग

ट्रक के साथ मौजूद एक कर्मचारी ने बताया कि एयरोस्पेस क्षैतिज ऑटोक्लेव बहुत महत्वपूर्ण पदार्थ होता है और स्पेस सेंटर पर इसका उपयोग भारहीन सामग्री का निर्माण करने में किया जाता है। ऐसे में इसकी सुरक्षा बहुत अधिक महत्वपूर्ण होती है।

बनावट

एयरोस्पेस ऑटोक्लेव ले जाने के लिए इस तरह डिजाइन किया गया था ट्रक

कर्मचारी ने बताया कि 70 टन एयरोस्पेस ऑटोक्लेव ले जाने के लिए 7.5 मीटर ऊंची और 6.65 मीटर चौड़ी मशीन तैयार की गई थी। इसके लिए तैयार किए गए ट्रक में चेचिस के आगे और पीछे की ओर 32-32 पहिए लगाए गए थे, जबकि ट्रक केबिन के लिए 10 पहिए लगाए गए थे। ट्रक पर सवार मशीन के वजन को ट्रक के चेचिस पर बराबर वितरित किया गया था। ट्रक के साथ कुल 32 कर्मचारी तैनात किए गए थे।

सफर

ऐसे पूरा किया ट्रक ने अपना सफर

कर्मचारी ने बताया कि चार राज्यों के हर जिले से ट्रक के गुजरते समय किसी अन्य वाहन को वहां से गुजरने की इजाजत नहीं होती थी और इसके साथ पुलिस की गाड़ी होती थी। कुछ जगहों पर गड्ढे वाली सड़कों की मरम्मत की गई, पेड़ों की कटाई हुई और बिजली खंभों का हटाया गया ताकि ट्रक के आगे जाने का रास्ता बनाया जा सके। दो जगहों पर पुल न टूटे इसके लिए स्पेशल आयरन गिर्डर्स रखे गए थे।

लॉकडाउन

लॉकडाउन के कारण सफर में लगा एक महीना अधिक

एक कर्मचारी ने बताया कि कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए लागू किए गए लॉकडाउन ने उनके सफर को और अधिक मुश्किल बना दिया। आंध्र प्रदेश में लॉकडाउन की वजह से एक महीने तक ट्रक को आगे नहीं बढ़ाया गया। बाद में कंट्रैक्ट एजेंसी को दखल देना पड़ा, लेकिन उसके बाद भी यह एक बड़ी चुनौती थी। यही कारण था कि उनका सफर एक महीने आगे बढ़ गया। खड़े ट्रक पर भी 24 घंटे निगरानी करनी पड़ती थी।

जानकारी

मशीन की अधिक ऊंचाई के कारण किया सड़क मार्ग का चयन

कर्मचारी ने बताया कि ट्रक पर रखी गई मशीन की ऊंचाई 7.5 मीटर होने के कारण इसे जहाज के माध्यम से नहीं भेजा जा सकता था। यही कारण था कि इसके सड़क मार्ग का चयन किया गया। अब यह ट्रक VSSC पहुंच गया है।