
विदेश मंत्री ने रूसी तेल खरीद, अमेरिकी टैरिफ और ट्रंप की विदेश नीति पर क्या-क्या कहा?
क्या है खबर?
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने एक कार्यक्रम में बोलते हुए अमेरिकी टैरिफ, भारत-पाकिस्तान युद्ध में अमेरिकी मध्यस्थता और रूस से तेल खरीद समेत कई मुद्दों पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि अमेरिका ने टैरिफ लगाने से पहले रूस से तेल खरीदी को लेकर कोई चर्चा नहीं की थी। उन्होंने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की विदेश नीति पर कहा कि वे अपनी विदेश नीति का संचालन बहुत सार्वजनिक रूप से करते हैं।
रूस
जयशंकर ने अमेरिका पर किया कटाक्ष
जयशंकर ने कहा, "यह हास्यास्पद है कि व्यापार-समर्थक अमेरिकी प्रशासन के लोग दूसरों पर व्यापार करने का आरोप लगा रहे हैं। अगर आपको भारत से तेल खरीदने में कोई समस्या है, तो न खरीदें। कोई आपको खरीदने के लिए मजबूर नहीं करता। यूरोप खरीदता है, अमेरिका खरीदता है। अगर आपको पसंद नहीं है, तो न खरीदें।" विदेश मंत्री ने अमेरिका-यूरोप पर कटाक्ष करते हुए कहा कि किसी ने भी किसी को भारत से तेल खरीदने के लिए मजबूर नहीं किया।
ट्रंप
जयशंकर बोले- ट्रंप की विदेश नीति पारंपरिक तरीके से अलग
जयशंकर ने कहा, "अब तक ऐसा कोई अमेरिकी राष्ट्रपति नहीं रहा, जिसने विदेश नीति को वर्तमान राष्ट्रपति की तरह सार्वजनिक रूप से संचालित किया हो। यह केवल भारत तक सीमित नहीं है। राष्ट्रपति ट्रंप का दुनिया और यहां तक कि अपने देश के साथ व्यवहार करने का तरीका पारंपरिक रूढ़िवादी तरीके से बहुत अलग है। ट्रंप प्रशासन की ओर से पहली घोषणा अक्सर पहले सार्वजनिक रूप से की जाती है, और फिर संबंधित पक्ष को बताया जाता है।"
समझौता
किसानों के हितों से कोई समझौता नहीं- जयशंकर
जयशंकर ने भारत-अमेरिका व्यापार वार्ता पर भी बड़ी बात कही। उन्होंने कहा, "वार्ता जारी है और बातचीत कभी भी बंद नहीं हुई है, लेकिन भारत की कुछ 'लाल रेखाएं' हैं। इनमें सबसे अहम हमारे किसानों और छोटे उत्पादकों के हित हैं। सरकार इन हितों की रक्षा करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है और इस पर कोई समझौता संभव नहीं है। भारत और अमेरिका के बीच ऐसा नहीं है कि 'कुट्टी' हो गई है, बातचीत लगातार चल रही है।"
मध्यस्थता
भारत ने अमेरिकी मध्यस्थता के दावों को फिर नकारा
विदेश मंत्री ने कहा कि हमने पाकिस्तान के मामले में कभी भी किसी की मध्यस्थता स्वीकार नहीं की। उन्होंने कहा, "भारत-पाकिस्तान संघर्ष के मुद्दे पर हमने 1970 से लेकर अब तक 50 साल में कभी भी किसी की मध्यस्थता स्वीकार नहीं की। भारत में हमेशा से राष्ट्रीय सहमति रही है कि हम पाकिस्तान के साथ अपने संबंधों में मध्यस्थता स्वीकार नहीं करते हैं। व्यापार, किसानों और हमारी रणनीतिक स्वायत्तता की बात आती है, तो सरकार बहुत स्पष्ट है।"
अन्य बातें
जयशंकर के संबोधन की बड़ी बातें
विदेश मंत्री ने कहा कि साल के अंत तक भारत-रूस शिखर वार्ता हो सकती है। भारत-चीन संबंधों पर उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं है कि अमेरिका के साथ कुछ हुआ है, इसलिए तुरंत चीन के साथ कुछ हो गया है। उन्होंने कहा कि वे रूस-यूक्रेन संघर्ष का जल्द से जल्द अंत देखना चाहेंगे। विदेश मंत्री ने कहा, "हाल के अनुभव ने हमें सिखाया है कि किसी एक आपूर्ति श्रृंखला या किसी एक देश पर अत्यधिक निर्भर न रहें।"