देश में कोरोना वायरस न फैले, इसलिए 76 दिन वुहान में अकेली रही केरल की युवती
खतरनाक कोरोना वायरस के चीन से निकलकर अन्य देशों में पहुंचने के बाद जहां हर भारतीय जैसे-तैसे कर अपने घर पहुंचने की जुगत में था, वहीं कुछ लोगों ने जहां थे, वहीं रहकर देश और अपने परिवार को सुरक्षित रखने का कठोर निर्णय किया। इन्हीं में से एक बहादुर युवती है केरल के पथानामथिट्टा के इलावामुथिट्टा गांव निवासी अनीला पी अजयन। जिन्होंने वायरस के जनक शहर वुहान में डर के बीच अकेले रहते हुए 76 दिन गुजार दिए।
देश में संक्रमण का कारण नहीं बनना चाहती थी अनीला
वुहान में बुधवार को 76 दिन बाद खुले लॉकडाउन के बाद पहली बार घर से बाहर निकलीं अनीला ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि वो भारत जाकर अपने देश और परिवार के लोगों लिए संक्रमण का कारण नहीं बनना चाहती थीं। इस कारण उन्होंने वुहान में ही अपने अपार्टमेंट में अकेले रहने का निर्णय किया। अब वो लॉकडाउन खुलने के बाद शहर के लोगों की खुशी देखने के साथ अपने भारत नहीं जाने के निर्णय को लेकर बहुत खुश हैं।
अनीला ने वुहान में किसा था सार्वजनिक परिवहन का उपयोग
अनीला ने बताया कि उन्होंने वुहान में सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करने के साथ बाहर खाना खाया था। उन्हें आशंका थी कि वो संक्रमित हो सकती हैं। ऐसे में केरल जाना उसके परिवार और देश के लोगों के लिए बड़ा खतरा साबित हो सकता है।
अनीला ने अपने निर्णय में पढ़ाई को भी दिया महत्व
अनीला वुहान में चाइनीज एकेडमी ऑफ साइंसेज इंस्टीट्यूट ऑफ हाइड्रोबायोलॉजी (IHB) में पोस्ट-डॉक्टोरल शोधकर्ता के रूप में पढ़ाई कर रही हैं। उन्होंने बताया कि जब सभी देशों द्वारा फ्लाइटें बंद की जा रही थी तो उन्होंने सोचा कि यदि वो चली गई तो वापस कैसे आएंगी। उन्हें यह भी पता था कि वह जून से पहले वापस नहीं लौट सकेगी और उनका दो साल का कोर्स अधूरा रह जाएगा। ऐसे में उन्होंने वहीं रहने का निर्णय किया था।
अनीला ने बयां किया तीन महीने का वुहान का अनुभव
अनीला ने बताया कि वुहान में संक्रमण फैलने के बाद उसे पूरी तरह से लॉकडाउन कर दिया गया था। लोग घरों से बाहर नहीं निकल रहे थे। तीन महीने तक उन्होंने केवल एम्बुलेंस का सायरन और चीनी भाषा में रेडियो संदेश का शोर सुना था। उनके प्रोफेसर और अन्य लोग काफी उदास थे। हालांकि, अब लॉकडाउन खुलने के बाद सभी चेहरों पर खुशी लौट आई है। सभी लोग फिर से अपनी सामान्य जिंदगी की ओर लौट रहे हैं।
लॉकडाउन खुलने के बाद बरती जा रही है सतर्कता
अनीला ने बताया कि वुहान में लॉकडाउन खुलने के बाद भी सतर्कता जारी है। सड़कों और सार्वजनिक स्थानों पर सैनिटाजर का छिड़काव किया जा रहा है। सार्वजनिक परिवहन के लिए ग्रीन हेल्थ QR कोड दिया जा रहा है। थर्मल स्क्रीनिंग के जरिए ही लोगों को दुकानों में प्रवेश दिया जा रहा है। 37.2 डिग्री सेल्सियस से अधिक तापमान वालों को दुकानों में प्रवेश नहीं दिया जा रहा है। दुकानों में सुबह का समय बुजुर्गों के लिए आरक्षित है।
14 दिन का क्वारंटाइन आवश्यक
अनीला ने बताया कि ऑफिस आने वाले लोगों के लिए 14 दिन के क्वारंटाइन, ऑफिस में आने और जाने के बाद तापमान जांचने के लिए थर्मल स्क्रीनिंग का नियम बनाया गया है। इसके अलावा ऑफिस में कोई बैठक दो घंटे से लंबी नहीं होगी।
IHB अपार्टमेंट में अकेली रह गई थीं अनीला
अनीला ने बताया कि वह IHB के अपार्टमेंट की पहली मंजिल पर अन्य विदेशी छात्रों के साथ रहती थी। वायरस का प्रसार होने के बाद अन्य छात्र अपने-अपने घर चले गए। ऐसे में वो अकेली रह गई थीं। उनसे बात करने वाला भी कोई नहीं था। डर के कारण वो रात में महज दो घंटे ही सो पाती थीं। उन्होंने कहा कि वुहान के लोगों और अधिकारियों ने एकजुटता के साथ इस बीमारी से मुकाबला किया और सफलता हासिल की।
चिकित्सा अधिकारियों ने प्रत्येक घर में की जांच
अनीला ने बताया कि चिकित्सा अधिकारियों ने लोगों की जांच के लिए प्रत्येक घर का निरीक्षण किया था। इस दौरान उन्होंने सभी संभावित लक्षण वाले रोगियों की जांच की। हालांकि, इनमे कई की रिपोर्ट नेगेटिव आई, लेकिन इसी प्रक्रिया ने उन्हें जीत दिला दी।
दिसंबर में सामने आया था कोरोना वायरस का पहला मामला
वुहान शहर में कोरोना वायरस का पहला मामला दिसंबर में सामने आया था। बताया जाता है कि यहां के सीफूड और मीट मार्केट में के जरिए ही यह वायरस जानवर से इंसान तक पहुंचा और फिर यह महामारी में बदल गया। लगातार बढ़ते मामलों के बाद 23 जनवरी को वुहान शहर को पूरी तरह से लॉकडाउन कर दिया गया। पूरे चीन में मंगलवार तक 81,865 लोगों में संक्रमण की पुष्टि हुई है। इनमें से 3,335 लोगों की मौत हुई है।