JNU के वो पूर्व छात्र जिन्होंने विश्व पटल पर लहराया सफलता का परचम
पिछले कुछ सालों से जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (JNU) लगातार विवादों में रही है। कभी अफजल गुरू की बरसी को लेकर विवाद हुआ तो कभी 'देश विरोधी गतिविधियों' में नाम जुड़ा। हालत इतने खराब रहे कि राजनेताओं ने देश के विश्वविद्यालय को बंद करने का सुझाव दे दिया, लेकिन क्या आप जानते हैं कि JNU ने ऐसे छात्र भी दिए हैं जिन्होंने विश्व पटल पर अपनी सफलताओं का परचम लहराया है। आइए जानते हैं विश्वभर के उन होनहारों के बारे में।
अभी इसलिए चर्चा में हैं JNU
रविवार शाम से लेकर देर रात तक दिल्ली स्थित जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (JNU) में मास्क पहने गुंड़ों ने खूब आतंक मचाया। इसमें JNU छात्र संघ अध्यक्ष समेत 20 से ज्यादा छात्र और अध्यापक घायल हुए हैं। मामले का देशभर में विरोध हो रहा है।
सुब्रह्मण्यम जयशंकर- भारत के विदेश मंत्री
सुब्रह्मण्यम जयशंकर एक भारतीय राजनेता हैं, जो विदेश मंत्री के रूप में कार्य कर रहे हैं। वह मोदी सरकार के पिछले कार्यकाल में विदेश सचिव थे और प्रधानमंत्री के प्रमुख सलाहकार भी रहे। उन्होंने पहले संयुक्त राज्य अमेरिका, चीन और चेक गणराज्य में भारतीय राजदूत के रूप में भी कार्य किया। जयशंकर ने भारत-अमेरिका असैन्य परमाणु समझौते पर बातचीत करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। इन्होंने JNU से MPhil और PhD की डिग्री हासिल की है।
निर्मला सीतारमण- वित्त मंत्री और कॉर्पोरेट मामलों की मंत्री
निर्मला सीतारमण भारतीय जनता पार्टी की एक भारतीय राजनीतिज्ञ हैं, जो वर्तमान में वित्त मंत्री और कॉर्पोरेट मामलों की मंत्री के रूप में देश की सेवा कर रही हैं। वह 2014 से राज्यसभा, भारतीय संसद के ऊपरी सदन की सदस्य हैं। उन्होंने अरुण जेटली के नेतृत्व वाले वित्त मंत्रालय के तहत वित्त और कॉर्पोरेट मामलों की राज्य मंत्री के रूप में भी कार्य किया था। इन्होंने JNU से अर्थशास्त्र में स्नातकोत्तर की पढ़ाई की थी।
अमिताभ कांत- नीति (NITI) अयोग के CEO
अमिताभ कांत वर्तमान में नीति (NITI) आयोग (नेशनल इंस्टीट्यूशन ऑफ ट्रांसफॉर्मिंग इंडिया) के CEO हैं। इन्होंने अपने प्रयासों से अतुल्य भारत और केरल राज्य को प्रमुख पर्यटन स्थलों के रूप में विकसित किया है। उनका प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मेक इन इंडिया अभियान के पीछे भी अहम योगदान रहा है। इन्होंने JNU से स्नातकोत्तर की डिग्री हासिल की है।
रंजीत नायक- विश्व बैंक में वरिष्ठ स्टाफ सदस्य
रंजीत नायक विश्व बैंक के एक वरिष्ठ स्टाफ सदस्य हैं और वर्तमान में अंतर्राष्ट्रीय और यूरोपीय संघ मामलों पर मैसेडोनिया सरकार के मुख्य सलाहकार के रूप में कार्य करते हैं। इससे पहले उन्होंने कोसोवो के लिए बैंक के देश प्रमुख के रूप में कार्य किया और 2008 में स्वतंत्रता की घोषणा के बाद कोसोवो के आर्थिक और वित्तीय स्थिरता को सुनिश्चित करने का श्रेय दिया जाता है। उन्होंने JNU से समाजशास्त्र में स्नातकोत्तर किया है।
पालागुम्मि साईनाथ - रेमन मैग्सेसे पुरस्कार के विजेता
साईनाथ रेमन मैगसेसे पुरस्कार प्राप्त करने वाले कुछ चुनिंदा भारतीयों में से एक है। यह पुरस्कार उन्हें वर्ष 2007 में पत्रकारिता, साहित्य और रचनात्मक संचार कला की श्रेणी में बेहतरीन प्रदर्शन के लिए दिया गया था। वह एक पत्रकार और फोटो जर्नलिस्ट हैं, जो सामाजिक समस्याओं, ग्रामीण मामलों, गरीबी और भारत में वैश्वीकरण के परिणाम पर ध्यान केंद्रित करते करते हुए लेख लिखते हैं। इन्होंने JNU से इतिहास विषय में स्नातकोत्तर किया है।
अहमद बिन सैफ अल नहयान- एतिहाद एयरवेज के चेयरमैन
संयुक्त अरब अमीरात में एक प्रमुख नाम और एतिहाद एयरलाइंस के संस्थापक और अध्यक्ष अहमद बिन सैफ अल नाहयान भी JNU के पूर्व छात्र हैं। वर्ष 1992 में अहमद अबू धाबी के नागरिक उड्डयन प्राधिकरण के अवर सचिव थे। 2001 से 2009 तक वह GAMCO के अध्यक्ष थे। वह एक वर्ष के लिए वह अबू धाबी के नागरिक उड्डयन विभाग के अध्यक्ष भी थे। वह जनवरी 1996 से दिसंबर 2000 तक गल्फ एयर के CEO भी रहे हैं।
अली जैदान- लीबिया के पूर्व प्रधानमंत्री
अली जैदान नवंबर 2012 से मार्च 2014 तक लीबिया के प्रधानमंत्री पद पर रहे हैं। अपने करियर की ऊंचाइयों पर पहुंचने से पहले इन्होंने भी JNU में अपनी पढ़ाई की थी। उन्होंने 1970 के दशक के दौरान लीबिया के लिए एक राजनयिक के रूप में कार्य किया, जो भारत में राजदूत मोहम्मद सागरियाफ के अधीन था। इन्होंने लीबिया के उद्धार के लिए राष्ट्रीय मोर्चा का भी गठन किया था।
अब्दुल सैतार मुराद- अफगानिस्तान के मिनिस्टर ऑफ इकोनॉमी
अब्दुल सैतार मुराद ने अफगानिस्तान सरकार में विभिन्न पदों पर कार्य किया। 1991 से 1995 तक वह विदेश मंत्रालय इस्लामिक रिपब्लिक ऑफ अफगानिस्तान में फर्स्ट पॉलिटिकल डिवीजन के जनरल डायरेक्टर रहे। तालिबान के पतन के बाद उन्हें 2004 से 2006 तक कपिसा प्रांत का गवर्नर नियुक्त किया गया था। मई 2015 से वह अफगानिस्तान के इस्लामी गणराज्य के मिनिस्टर ऑफ इकोनॉमी हैं। इन्होंने जून 1976 में भारत के JNU से राजनीति विज्ञान में स्नातक की डिग्री पूरी की थी।
बाबूराम भट्टाराई- नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्री
बाबूराम भट्टराई एक नेपाली राजनेता हैं, जो अगस्त 2011 से मार्च 2013 तक नेपाल के प्रधानमंत्री थे। वो एक नई पार्टी, नया शक्ति की स्थापना करने से पहले नेपाल की कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) के लंबे समय तक प्रमुख सदस्य थे। इन्होंने भी JNU में अध्ययन करते हुए अपनी PhD की पढ़ाई पूरी की थी और फिर बाद में विश्व पटल पर नाम रोशन किया।
महेश सेनानायके- श्रीलंका सेना के पूर्व कमांडर
जनरल एनयूएम महेश डब्ल्यू सेनानायके, RWP, RSP, VSV, USP, PSC श्रीलंका के एक वरिष्ठ अधिकारी और एक सैन्य इंजीनियर रहे हैं। वह श्रीलंका सेना के पूर्व कमांडर थे और श्रीलंका सेना विशेष बलों के रेजिमेंट के कर्नल थे। वर्ष 2019 में वह सेना से रिटायर हो गए थे। सेनानायके ने जेएनयू से सिविल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की थी।