दिल्ली में खड़ी हुई 'नेकी की दीवार', जरूरतमंद मुफ्त में ले जा सकते हैं कपड़े
क्या है खबर?
आपने यह कहावत तो जरूर सुनी होगी कि "नेकी कर दरिया में डाल", मगर दिल्ली नगर निगम (MCD) नेकी को दरिया में नहीं दीवारों पर टांग रही है।
दरअसल, दिल्ली नगर निगम ठंड के मौसम में जरूरतमंदों की मदद के लिए राजधानी में गरम कपड़े मुहैया करा रही है, जिसके लिए साउथ एमसीडी ने 30 जगहों पर इस नेक काम की शुरूआत की है।
इसी वजह से इन्हें 'नेकी की दीवार' कहा जा रहा है।
जानकारी
क्या है 'नेकी की दीवार'?
'नेकी की दीवार' जरुरतमंदो के लिए एक योजना है। किसी एरिया में एक खाली पड़ी जगह को चुना जाता है और वहां पर लोगों से इकट्ठा किये हुए पुराने कपड़े रखे जाते हैं। कोई भी जरूरतमंद वहां से फ्री में कपड़े ले जा सकता है।
बयान
दीवारों के लिए खली पड़ी जगहों का किया गया इस्तेमाल
साउथ एमसीडी के वेस्ट जोन के सुप्रीटेंडेंट इंजीनियर राजीव जैन ने बताया कि उन्होंने इस दीवार की शुरूआत के लिए कहीं पर बंद पड़े घर, कहीं पर एमसीडी स्टोर तो कहीं पर पार्क आदि का इस्तेमाल किया है।
इन खुली दीवारों का ध्यान वॉलंटियर रख रहे हैं। सुबह के समय वे वॉलंटियर चुनी हुई दीवारों पर कपड़ों कों टांग देते हैं और बचे हुए कपड़ों को शाम को उठा लेते हैं।
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नेकी की दीवार से मिलते हैं दो फायदे
जैन ने यह भी बताया कि नेकी की दीवार से जरूरतमंद लोग खुद से अपनी पसंद के कपड़े ले जा सकते हैं, वो भी निशुल्क। क्योंकि यहां रखे कपड़े पुराने हैं, जोकि आसपास के इलाके में रहने वाले लोगों से इकट्ठे किए गए हैं।
जैन ने कहा कि इस दीवार से दो फायदे हैं। एक तो पुराने कपड़े लैंडफिल साइट पर नहीं जाएंगे, जिससे बोझ कम हो रहा है और जरूरतमंदों को शरीर ढकने के लिए कपड़े मिल जाते हैं।
जानकारी
पिछले साल सर्दियों में भी खड़ी की गई थी 'नेकी की दीवार'
यह पहली बार नहीं है जब साउथ एमसीडी ने नेकी की दीवार खड़ी की है। नेकी की दीवार की शुरूआत पिछले साल नवंबर में सुभाष नगर इलाके में हुई थी।
इस दीवार को बनाने के लिए इलाके के बंद पड़े कचराघर का इस्तेमाल किया गया था और आसपास रहने वाले लोगों से पुराने कपड़े इस दीवार पर रखने की अपील की गई थी।
लोगों ने भी इसमें रुचि लेते हुए कपड़े रखने शुरू कर दिए थे।