तजिंदर सिंह बग्गा प्रकरण: क्या है दूसरे राज्य में आरोपी को गिरफ्तार करने के नियम?
पंजाब पुलिस के दिल्ली में भाजपा नेता तजिंदर पाल सिंह बग्गा को गिरफ्तार करने के मामले में बवाल मचा हुआ है। एक तरफ जहां दिल्ली पुलिस ने कानून के उल्लंघन का हवाला देकर पंजाब पुलिस पर अपहरण का मामला दर्ज किया है, वहीं हरियाणा पुलिस ने कुरुक्षेत्र में पंजाब पुलिस को रोककर बग्गा को दिल्ली पुलिस को सौंप दिया। आइये जानते हैं कि दूसरे राज्य में गिरफ्तारी के क्या नियम है और पंजाब पुलिस पर मामला क्यों दर्ज हुआ है।
पंजाब पुलिस ने क्यों दर्ज किया था बग्गा के खिलाफ मामला?
बता दें कि 1 मई को पंजाब की अपराध शाखा ने एसएएस नगर थाने में भारतीय जनता युवा मोर्चा के राष्ट्रीय सचिव बग्गा के खिलाफ जानलेवा हमले की धमकी देने, हिंसा भड़काने, सोशल मीडिया पर भड़काऊ बयान पोस्ट करने का मामला दर्ज किया था। यह मामला आम आदमी पार्टी (AAP) नेता डॉ सन्नी सिंह शिकायत पर दर्ज किया था। मामले में पंजाब पुलिस ने बग्गा को पांच नोटिस भी भेजे थे, लेकिन वह पूछताछ के लिए उपस्थित नहीं हुए।
पंजाब पुलिस ने बग्गा को घर पर दबिश देकर किया गिरफ्तार
मामले में पंजाब पुलिस ने सुबह बग्गा के जनकपुरी स्थित घर पहुंचकर उन्हें गिरफ्तार कर लिया और मोहाली के लिए रवाना हो गई। इसके बाद बग्गा के पिता प्रीतपाल सिंह बग्गा ने पंजाब पुलिस पर उनसे मारपीट करने और बिना सूचना गिरफ्तारी करने की शिकायत दे दी। इस पर दिल्ली पुलिस ने पंजाब पुलिस पर अपहरण का मामला दर्ज कर लिया। दिल्ली पुलिस ने कहा कि पंजाब पुलिस ने गिरफ्तारी से पहले सूचना न देकर नियमों का उल्लंघन किया है।
हरियाणा पुलिस ने रोका पंजाब पुलिस का काफिला
दिल्ली पुलिस के अपहरण का मामला दर्ज करने के बाद हरियाणा पुलिस ने कुरुक्षेत्र में पंजाब पुलिस के काफिले को रोककर बग्गा को अपनी हिरासत में ले लिया। हरियाणा पुलिस का कहना था कि उन्होंने दिल्ली पुलिस की सूचना के आधार पर कार्रवाई की है। इसके बाद दिल्ली पुलिस भी मौके पर पहुंच गई और फिर हरियाणा पुलिस ने बग्गा को उसके सुपुर्द कर दिया। बाद में दिल्ली पुलिस बग्गा को लेकर दिल्ली के लिए रवाना हो गई।
पंजाब पुलिस को हाई कोर्ट से भी लगा झटका
हरियाणा पुलिस के बग्गा को दिल्ली पुलिस को सौंपने के बाद पंजाब पुलिस ने हरियाणा और पंजाब हाई कोर्ट में याचिका दायर कर बग्गा को हरियाणा में ही रोकने की ही मांग की थी, लेकिन हाई कोर्ट ने इनकार कर उसे झटका दे दिया।
क्या है दूसरे राज्य में गिरफ्तारी का नियम?
राजस्थान के पुलिस उप महानिरीक्षक (DIG) अंशुमन भोमिया ने न्यूजबाइट्स हिंदी को बताया कि दण्ड प्रक्रिया संहिता (CrPC) की धारा 48 के तहत किसी भी राज्य की पुलिस अपने यहां दर्ज मामले में आरोपी को भारत के किसी भी राज्य से बिना वारंट के गिरफ्तार करने का अधिकार देती है। उन्होंने कहा दूसरे राज्य में गिरफ्तारी के लिए पुलिस को स्थानीय पुलिस को इसकी जानकारी देनी होती है। ऐसे में कानून व्यवस्था बिगड़ने पर वह मदद मांग सकती है।
क्या बिना सूचना दिए भी गिरफ्तारी कर सकती है पुलिस?
DIG भोमिया ने बताया कि यदि गिरफ्तार करने वाली पुलिस को स्थानीय पुलिस पर भरोसा न हो या फिर सूचना लीक होने का अंदेशा हो तो बिना सूचना दिए भी गिरफ्तार कर सकती है। इस स्थिति में पुलिस को गिरफ्तार किए गए व्यक्ति के परिजन या रिश्तेदारों को उसे गिरफ्तार करने और उसके कारणों की जानकारी देना आवश्यक होता है। उन्होंने बताया कि सूचना नहीं देने की स्थिति में पुलिस को धारा 57 के तहत ट्रांजिट रिमांड लेना होता है।
क्या होता है ट्रांजिट रिमांड?
DIG भोमिया ने बताया कि किसी भी राज्य की पुलिस के दूसरे राज्य में स्थानीय पुलिस को सूचना दिए बिना गिरफ्तारी करने पर आरोपी को अपने साथ लाने के लिए स्थानीय कोर्ट में पेश करना होता है। उन्होंने बताया कि कोर्ट आरोपी के संबंधित राज्य में पहुंचने में लगने वाले समय सहित अन्य स्थितियों को देखकर ट्रांजिट रिमांड जारी करता है। इसके बाद संबंधित पुलिस ट्रांजिट रिमांड के आधार पर कई राज्यों से गुजरते हुए आरोपी ला सकती है।
किस स्थिति में जरूरी होता है ट्रांजिट रिमांड?
DIG भोमिया ने बताया कि यदि पुलिस आरोपी को गिरफ्तार करने के बाद यात्रा समय को घटाकर 24 घंटे में अपने जिले में सक्षम कोर्ट में आरोपी को पेश कर सकती है तो ट्रांजिट रिमांड की जरूरत नहीं है, लेकिन फिर सूचना देना जरूरी है।
क्या गिरफ्तार करने वाली पुलिस पर दर्ज हो सकता है अपहरण का मामला?
DIG भोमिया ने बताया कि यदि दूसरे राज्य में गिरफ्तारी करने वाली पुलिस नियमों का पालन नहीं करती है तो संबंधित पुलिस को उनके खिलाफ अपहरण का मामला दर्ज करने का अधिकार होता है। हालांकि, इसमें स्थानीय पुलिस के पास कार्रवाई करने वाली पुलिस के कानूनों का उल्लंघन करने के संबंध में मजबूत साक्ष्य होना आवश्यक है। उन्होंने बताया कि यदि पंजाब पुलिस ने बिना सूचना और ट्रांजिट रिमांड के कार्रवाई की है तो FIR हो सकती है।