हरियाणा: किसान के बैंक अकाउंट से 10 दिन में 1.37 करोड़ रुपये की ठगी
हरियाणा में एक किसान के बैंक अकाउंट से 10 दिन में 1.37 करोड़ रुपये गायब हो गए। भूमि अधिग्रहण के बाद सरकार ने किसान के बैंक अकाउंट में ये रुपये डाले थे, जिन्हें अज्ञात लोगों ने 10 दिन में धीरे-धीरे करके निकाल लिया। किसान जब अपने अकाउंट की जानकारी के लिए बैंक गया, तब उसे पता लगा कि उसे करोड़ों को चूना लग चुका है। पुलिस मामले की जांच में जुटी हुई है।
किसान ने बताई आपबीती
मामला हरियाणा के झरसा का है। किसान की जमीन का सरकार ने अधिग्रहण किया था, जिसका पैसा धीरे-धीरे उसके बैंक अकाउंट में आ रहा था। किसान के अनुसार, "सरकार जनवरी से मुझे पैसे भेज रही थी। मेरे बैंक अकाउंट में लगभग 1.65 करोड़ रुपये थे। पिछले कुछ महीनों में मुझे बैंक से लेनदेन को लेकर कोई मैसेज नहीं मिला। शुक्रवार को जब मैं बैंक गया तो उन्होंने बताया कि अप्रैल में मेरे अकाउंट से 1.37 करोड़ रुपये निकाले गए हैं।"
किसान ने किसी को नहीं दी थी बैंक अकाउंट की जानकारी
किसान ने यह भी बताया कि न तो उसने किसी को अपना ATM कार्ड दिया था और न ही किसी के साथ अपने बैंक अकाउंट की जानकारी साझा की थी। पुलिस ने बताया कि किसान के बैंक अकाउंट से 10 दिन के अंदर पैसे निकाले गए। मामले में अज्ञात लोगों के खिलाफ IPC की धारा 420 (धोखाधड़ी) के तहत सेक्टर 37 पुलिस थाने में FIR दर्ज की गई है और जांच जारी है।
आरोपियों की पहचान में जुटी पुलिस
गुरुग्राम सेक्टर 37 पुलिस स्टेशन के SHO राकेश ने कहा, "अभी आरोपियों की पहचान नहीं हो पाई है। पैसे अप्रैल में 10 दिन के अंदर निकाले गए। जांच जारी है।" बता दें कि तकनीक के इस युग में पैसे से संबंधित ऐसे फ्रॉड बहुत ज्यादा हो गए हैं। कई बार बिना जानकारी के लोगों के अकाउंट से पैसे कटने के मामले सामने आए हैं। ठग ATM कार्ड की क्लोनिंग या ऑनलाइन हैकिंग के जरिए इन फ्रॉड को अंजाम देते हैं।
कैसे करें बैंकिंग या ऑनलाइन फ्रॉड से बचाव?
किसी भी बैंकिंग या ऑनलाइन फ्रॉड बचने के लिए सबसे पहले तो अपने बैंक खाते या ATM की जानकारी किसी से शेयर न करें। शानदार ऑफर के रुप में आने वाले संदिग्ध मैसेजों पर भी क्लिक न करें। वहीं, सिम स्वैपिंग के जरिए भी ऐसे फ्रॉड को अंजाम दिया जाता है। ग्राहकों को शिकार बनाने के लिए ऐसे लोग फोन या ईमेल पर पर्सनल और बैंकिंग से जुड़ी जानकारी मांगते हैं। किसी भी सूरत में उन्हें अपनी जानकारी न दें।