किसान आंदोलन के दौरान दिल्ली पुलिस ने सुरक्षा पर खर्च किए 7.38 करोड़ रुपये- सरकार
कृषि कानूनों की वापसी सहित अन्य मांगों को लेकर पिछले एक साल से दिल्ली की सीमाओं पर आंदोलन कर रहे किसानों ने सरकार के भी करोड़ों रुपये खर्च करा दिए। राष्ट्रीय राजधानी के विभिन्न आंदोलन स्थलों पर सुरक्षा व्यवस्था मुहैया कराने के लिए दिल्ली पुलिस ने कुल 7.38 करोड़ रुपये खर्च किए हैं। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री (MoS) नित्यानंद राय ने बुधवार को संसद में विपक्ष द्वारा पूछे गए एक सवाल के जवाब में यह जानकारी दी है।
सांसद एम मोहम्मद अब्दुल्ला ने किया था यह सवाल
सांसद एम मोहम्मद अब्दुल्ला के सरकार से लिखित सवाल पूछा था कि दिल्ली पुलिस ने अगस्त 2020 से अब तक दिल्ली की सीमाओं पर चल रहे किसान आंदोलन में सुरक्षा मुहैया कराने पर कितना पैसा खर्च किया है। इसी तरह उन्होंने यह भी पूछा था कि राष्ट्रीय राजधानी की सीमाओं पर आंदोलन में कितने किसानों की जान गई और केंद्र सरकार ने उनके लिए कोई मुआवजे की घोषणा की है? यदि नहीं, तो इसके पीछे क्या कारण है?
दिल्ली पुलिस ने सुरक्षा पर खर्च किए 7.38 करोड़ रुपये
MoS नित्यानंद राय ने सवाल का जवाब देते हुए कहा कि नंवबर 2020 से अब तक दिल्ली की सीमाओं पर चल रहे किसान आंदोलन में सुरक्षा के लिए दिल्ली पुलिस ने कुल 7.38 करोड़ रुपये खर्च किए हैं। किसानों की मौत और मुआवजे के सवाल पर उन्होंने कहा कि पुलिस और सार्वजनिक व्यवस्था भारत के संविधान की सातवीं अनुसूची के अनुसार राज्य के विषय हैं। ऐसे में इस तरह के मामलों की जानकारी संबंधित राज्य सरकारों द्वारा रखी जाती है।
राज्यों द्वारा निपटाए जाते हैं मुआवजे से जुड़े मामले
MoS नित्यानंद राय ने कहा कि दिल्ली और जिन राज्यों की सीमाएं इसके साथ लगती हैं जैसे उत्तर प्रदेश और हरियाणा, जहां आंदोलन सक्रिय है, किसानों की मृत्यु के बारे में जानकारी रखते हैं और इस तरह के मुआवजे से संबंधित मामलों के देखते हैं। उन्होंने कहा किसी भी आंदोलन में मौत होने और मुआवजे से संबंधित सभी मामले राज्यों द्वारा ही निपटाए जाते हैं। ऐसे में केंद्र सरकार के पास किसानों की मौत और मुआवजे की जानकारी नहीं है।
आंदोलन के दौरान दिल्ली पुलिस ने की थी यह तैयारी
बता दें किसान आंदोलन विशेष रूप से दिल्ली के गाजीपुर, टिकरी और सिंघू बॉर्डर पर सक्रिय रहा है। दिल्ली पुलिस ने आंदोलन के दौरान राष्ट्रीय राजधानी में प्रवेश करने से विरोध कर रहे किसानों को रोकने के लिए बैरिकेड्स, कंक्रीट की दीवारें और यहां तक कि जमीन पर कीलें भी लगा दी थीं। इसी तरह नियमित रूप से पुलिसकर्मियों की तैनाती भी की थी। इस पर पुलिस ने अब तक 7.38 करोड़ रुपये खर्च होने की जानकारी दी है।
किसानों की मौत को लेकर विपक्ष ने किया था हंगामा
बता दें कि संसद के शीतकालीन सत्र में विपक्ष ने आंदोलन के दौरान हुई किसानों की मौत को लेकर जमकर हंगामा किया था। विपक्ष ने किसानों की मौत की जानकारी मांगी थी, लेकिन सरकार ने इस तरह की कोई भी जानकारी होने से इनकार कर दिया था। उस दौरान कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा था कि आंदोलन में 700 किसानों की मौत हुई है और कांग्रेस सभी के नामों की सूची भी सरकार के साथ साझा कर सकती है।