
सुप्रीम कोर्ट का परमबीर सिंह की याचिका पर सुनवाई से इनकार, कहा- पहले हाई कोर्ट जाएं
क्या है खबर?
सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को मुंबई पुलिस के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह द्वारा गृह मंत्री अनिल देशमुख पर लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोपों की केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) से जांच कराने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई से इनकार कर दिया।
शीर्ष अदालत ने कहा कि यह मामला सरकार और प्रशासन से जुड़ा होने के कारण बेहद गंभीर है, लेकिन इसके लिए पहले हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटना चाहिए। ऐसे में सिंह अब हाई कोर्ट में याचिका दाखिल करेंगे।
प्रकरण
सिंह ने गृह मंत्री पर लगाया 100 करोड़ की वसूली का टारगेट देने का आरोप
बता दें पूर्व कमिश्नर सिंह ने गत शनिवार को मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को पत्र भेजकर गृह मंत्री देशमुख पर मुकेश अंबानी मामले की जांच के मुख्य अधिकारी सहायक पुलिस निरीक्षक सचिन वाजे को प्रतिमाह रेस्टोरेंट, होटल, बार आदि से 100 करोड़ रुपये की वसूली के आदेश देने का आरोप लगाया था।
उन्होंने यह भी कहा कि गृह मंत्री ने वाजे को कई बार अपने सरकारी आवास पर बुलाया था और इसके कारण वाजे अपने तरीके से काम कर रहा था।
अन्य आरोप
सांसद डेलकर की मौत के मामले में भी दबाव डालने का आरोप
पूर्व कमिश्नर ने गृह मंत्री पर दादरा नगर हवेली के सांसद मोहन डेलकर की आत्महत्या के मामले में भी दबाव डालने का आरोप लगाया था।
उन्होंने कहा, "गृह मंत्री पहले दिन से ही चाह रहे थे कि आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज हो, जबकि मेरी राय थी कि अगर आत्महत्या के लिए उकसाने का काम हुआ भी है तो यह मामला मुंबई की बजाय दादरा नगर हवेली में दर्ज होना चाहिए, लेकिन गृह मंत्री सहमत नहीं थे।"
याचिका
मामले की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट पहुंचे थे पूर्व कमिश्नर
गृह मंत्री पर आरोप लगाने के बाद सिंह ने मामले की केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) से जांच कराने के लिए गत सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी।
याचिका में उन्होंने कहा थी इस संबंध में उन्होंने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, उप मुख्यमंत्री अजीत पवार और अन्य वरिष्ठ नेताओं को भी शिकायत की थी, लेकिन कुछ दिन बाद ही उनका तबादला कर दिया गया।
इसके अलावा उन्होंने याचिका में अपने तबादला आदेशों को भी चुनौती दी थी।
सुनवाई
हाई कोर्ट में क्यों नहीं हो सकती मामले की सुनवाई- सुप्रीम कोर्ट
याचिका पर जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस आर सुभाष रेड्डी की पीठ ने कहा कि सरकार और प्रशासन से जुड़ा होने के कारण यह मामला बेहद गंभीर है, लेकिन इस मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट क्यों करें? हाई कोर्ट क्यों नहीं?
पीठ ने सिंह के वकील मुकुल रोहतगी से पूछा, "मुकुल आप बताएं अनुच्छेद 226 के तहत इस मामले की सुनवाई हाई कोर्ट में क्यों नहीं हो सकती है? आप केवल अनुच्छे 32 का उदाहरण रहे हैं।"
जवाब
मुकुल रोहतगी ने यह बताया सीधे सुप्रीम कोर्ट पहुंचने का कारण
सिंह के वकील रोहतगी ने सीधे सुप्रीम कोर्ट को आने का करण बताते हुए कहा कि यह देश पर असर डालने वाला मसला है। मुकेश अंबानी मामले की जांच NIA कर रही है। एक और IPS रश्मि शुक्ला देशमुख पर तबादला और नियुक्ति पर भ्रष्टाचार का आरोप लगा चुकी है।
इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अनुच्छेद 226 का दायरा बहुत बड़ा है। ऐसे में इस मामले की सुनवाई पहले बॉम्बे हाई कोर्ट में की जा सकती है।
जानकारी
गृह मंत्री देशमुख को पार्टी क्यों नहीं बनाया- सुप्रीम कोर्ट
जस्टिस कौल ने पूछा कि याचिका आर्टिकल 226 की जगह 32 के तहत क्यों डाली गई? दूसरा जिस के खिलाफ याचिका है, उसे पार्टी तक नहीं बनाया गया। रोहतगी ने कहा कि देशमुख को पार्टी के तौर पर जोड़ने की याचिका दाखिल कर चुके हैं।
याचिका
हाई कोर्ट में आज ही दाखिल करेंगे याचिका
सिंह के वकील रोहतगी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट की पालना में वह आज ही बॉम्बे हाई कोर्ट में याचिका दाखिल करेंगे, लेकिन मामले में सुनवाई गुरुवार को ही होनी चाहिए।
इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि याचिका पर जल्द सुनवाई के लिए हाई कोर्ट से ही अपील करनी होगी।
इस दौरान मामले में आवेदन करने वाले एक अन्य वकील सदावर्ते ने कहा कि उन्होंने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर रखी है और इसकी सुनवाई वहीं होनी चाहिए।