राफेल मामला: राहुल गांधी की मुसीबतें बढ़ी, सुप्रीम कोर्ट ने जारी किया अवमानना का नोटिस
क्या है खबर?
सुप्रीम कोर्ट के राफेल मामले पर दोबारा सुनवाई करने के फैसले पर टिप्पणी के लिए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की मुसीबतें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं।
राहुल ने अपने इस बयान के लिए सुप्रीम कोर्ट के सामने खेद व्यक्त किया, लेकिन कोर्ट उनके जवाब से संतुष्ट नहीं है।
सुप्रीम कोर्ट ने उनके खिलाफ अवमानना का नोटिस जारी किया है।
कोर्ट 30 अप्रैल को राफेल सौदे पर दायर पुनर्विचार याचिकाओं के साथ इस मामले की अगली सुनवाई करेगी।
ट्विटर पोस्ट
30 अप्रैल को अगली सुनवाई
Supreme Court also said that the #RafaleDeal review petitions matter will be heard on April 30 https://t.co/0UrgiWmcHl
— ANI (@ANI) April 23, 2019
मामला
क्या है पूरा मामला?
सुप्रीम कोर्ट ने 10 अप्रैल को राफेल सौदे पर दोबारा सुनवाई करने के लिए दायर पुनर्विचार याचिकाओं पर विचार किया था।
प्रशांत भूषण समेत अन्य याचिकाकर्ताओं ने नए सबूतों के आधार पर दोबारा सुनवाई की मांग की थी।
मोदी सरकार ने इन दस्तावेजों को 'चोरी' का बताते हुए याचिकाओं को खारिज करने की मांग की थी।
अंत में मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली बेंच ने नए सबूतों को स्वीकार करते हुए दोबारा सुनवाई करने का फैसला किया था।
बयान
इस बयान के कारण मुश्किल में हैं राहुल गांधी
फैसले के बाद राहुल गांधी ने कहा था, "सुप्रीम कोर्ट ने साफ कर दिया है कि चौकीदार जी ने चोरी कराई है।"
इस पर भाजपा सांसद मीनाक्षी लेखी ने उनके बयान को कोर्ट की अवमानना बताते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी।
उन्होंने कहा था कि राहुल ने अपने विचारों को कोर्ट के फैसले को तौर पर पेश किया और लोगों के मन में गलत धारणा पेश की।
कोर्ट ने राहुल से सफाई मांगी थी।
जानकारी
राहुल की सफाई, राजनीतिक प्रचार के आवेश में दिया बयान
सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर करते हुए राहुल ने अपने बयान के लिए खेद जताया था। उन्होंने अपनी सफाई में कहा था कि राजनीतिक प्रचार के आवेश में आकर उन्होंने यह बयान दिया था और वह आगे से ऐसा नहीं करेंगे।
मीनाक्षी लेखी वकील
मुकुल रोहतगी ने कहा, राहुल ने खेद जताया, माफी नहीं मांगी
आज सुनवाई में राहुल की ओर से कांग्रेस नेता और वकील अभिषेक मनु सिंघवी पेश हुए और राहुल की बातों को दोहराया।
वहीं, मीनाक्षी लेखी के वकील मुकुल रोहतगी ने कहा कि राहुल ने केवल अपने बयान पर केवल खेद जताया है, माफी नहीं मांगी और कानून की नजर में यह कोई माफीनामा नहीं है।
इस पर मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने कहा कि उन्होंने राहुल का जवाब पढ़ा नहीं है और उन्होंने रोहतगी को जवाब पढ़कर बताने को कहा।
रंजन गोगोई
राहुल के जवाब से संतुष्ट नहीं मुख्य न्यायाधीश
इस बीच मुख्य न्यायाधीश ने रोहतगी से यह भी पूछा कि चौकीदार कौन है, जिसके जवाब में रोहतगी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नाम लिया।
राहुल का जवाब सुनने के बाद मुख्य न्यायाधीश उनकी सफाई से संतुष्ट नजर नहीं आए और उनके खिलाफ अवमानना का नोटिस जारी कर दिया।
उन्होंने रोहतगी से भी राहुल के हलफनामे पर अपना जवाब दाखिल करने को कहा और अगली सुनवाई की तारीख 30 अप्रैल तय की।