सुप्रीम कोर्ट का मनीष सिसोदिया की याचिका पर सुनवाई से इनकार, हाई कोर्ट जाने को कहा
सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई से इनकार कर दिया है। भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) डीवाई चंद्रचूड़ की बेंच ने कहा कि वह अपनी गिरफ्तारी के खिलाफ दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दायर कर सकते हैं। सिसोदिया की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने उनकी गिरफ्तारी और CBI जांच के तरीके को चुनौती देने वाली याचिका दायर की थी।
सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने क्या कहा?
आज सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश (CJI) और न्यायमूर्ति पीएस नरसिम्हा की पीठ ने कहा कि "यह एक बहुत बुरी मिसाल होगी। आप ऐसा सिर्फ इसलिए नहीं कर सकते क्योंकि आप दिल्ली में हैं। CJI डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा, "क्या होगा अगर हमें ऐसे हर मामले में हस्तक्षेप करने के लिए कहा जाए? हम इसमें हस्तक्षेप नहीं कर सकते। सिर्फ इसलिए कि कोई घटना दिल्ली में होती है, इसका मतलब यह नहीं है कि वह मामला सुप्रीम कोर्ट में आएगा।"
सुप्रीम कोर्ट ने और क्या कहा?
सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने अपने आदेश में कहा, "याचिकाकर्ता के पास प्रभावशाली वैकल्पिक उपाय हैं। हम अनुच्छेद 32 के तहत इस पर विचार करने के इच्छुक नहीं हैं।" कोर्ट ने कहा कि सिसोदिया के पास अपनी गिरफ्तारी के खिलाफ अपील करने के वैकल्पिक उपाय हैं और इसी आधार पर याचिका को खारिज किया जाता है। उसने कहा कि याचिकाकर्ता के वकील इस मामले में दिल्ली हाई कोर्ट में अपील कर सकते हैं।
सिसोदिया के वकील ने कोर्ट में क्या कहा?
सिसोदिया की ओर से पेश वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने पत्रकार विनोद दुआ खिलाफ जून, 2021 में दर्ज हुए राजद्रोह के एक मामले का हवाला दिया और कहा कि वह जमानत के लिए सीधे सुप्रीम कोर्ट आए थे। इस पर कोर्ट ने कहा कि दुआ मामले का इस मामले से कोई संबंध नहीं है क्योंकि उनका मामला भाषण और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के बारे में था, जबकि सिसोदिया का मामला कथित भ्रष्टाचार से जुड़ा है।
सिसोदिया ने जांच में सहयोग किया- वकील
सिसोदिया के वकील ने कोर्ट में कहा कि इस मामले में उन्हें राहत दी जानी चाहिए क्योंकि मामले में पहली FIR अगस्त, 2022 में दर्ज की गई थी और सिसोदिया ने जांच में सहयोग किया है। उन्होंने कहा कि इस मामले में पूछताछ के लिए बुलाने पर सिसोदिया दो बार CBI के सामने पेश हुए थे और वह समाज से जुड़े जमीनी नेता हैं और उनके विदेश भागने की कोई संभावना नहीं है।
रविवार को किया गया था सिसोदिया को गिरफ्तार
रविवार को दिल्ली की शराब नीति में कथित घोटाले को लेकर CBI ने करीब 8 घंटे की लंबी पूछताछ के बाद मनीष सिसोदिया को गिरफ्तार किया था और सोमवार को उन्हें दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश किया गया। इस मामले की सुनवाई के बाद कोर्ट ने सिसोदिया को 4 मार्च तक CBI की रिमांड में भेज दिया। इसके बाद सिसोदिया की ओर से अपनी गिरफ्तारी को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी।
क्या है दिल्ली का शराब नीति घोटाला?
दिल्ली सरकार ने नवंबर, 2021 में नई शराब नीति लागू की थी, जिसके बाद उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने इस नीति में अनियमितताओं की आशंका जताते हुए मामले की जांच CBI से कराने की सिफारिश की थी। जुलाई, 2022 में सरकार ने इस नीति को रद्द कर दिया था। CBI ने अपनी जांच के बाद इस मामले में दिल्ली के उपमुख्यमंत्री सिसोदिया समेत अन्य के खिलाफ FIR दर्ज की थी।