
सुप्रीम कोर्ट का चुनाव आयोग को निर्देश, बिहार के SIR में आधार और वोटर-ID शामिल करें
क्या है खबर?
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) में मतदाता फोटो पहचान पत्र (EPIC) वोटर-ID और आधार कार्ड को भी शामिल करने के निर्देश दिया है। कोर्ट ने चुनाव आयोग द्वारा दोनों पहचान पत्रों को वैध दस्तावेज के रूप में स्वीकार करने की अनिच्छा पर सवाल उठाया और कहा कि कोई भी दस्तावेज जाली हो सकता है। सुप्रीम कोर्ट SIR को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा था।
सुनवाई
आधार कार्ड को लेकर कोर्ट ने क्या कहा?
न्यायमूर्ति बागची ने कहा, "11 में कोई भी दस्तावेज निर्णायक नहीं, तो फिर आधार और वोटर-ID का इस्तेमाल क्यों नहीं किया जा सकता? अगर दस्तावेज सही नहीं, तो उन पर पुनर्विचार किया जा सकता है।" न्यायमूर्ति कांत ने चुनाव आयोग से आधार और वोटर-ID को शामिल करने को कहा। उन्होंने कहा, "आपको 11 दस्तावेजों में भी जालसाज़ी मिल सकती है। जालसाजी के मामलों पर केस-दर-केस आधार पर विचार किया जाना चाहिए। मतदाता सूची में नाम शामिल करना सामूहिक होना चाहिए।"
सुनवाई
अंतरिम आदेश नहीं देगा कोर्ट
न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति जॉयमाल्या बागची की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई मंगलवार 29 जुलाई तक के लिए स्थगित कर दी है, ताकि सुनवाई के कार्यक्रम को अंतिम रूप दिया जा सके। कोर्ट ने कहा कि वह अंतरिम आदेश नहीं देगा बल्कि SIR को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर अंतिम सुनवाई करेगा बता दें कि मतदाता सूची के मसौदे का प्रकाशन फिलहाल 1 अगस्त को होना है। कोर्ट ने कहा कि मसौदे की अंतिम तारीख उनकी शक्तियां नहीं छीनती है।