डीवाई चंद्रचूड़ के CJI बनने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने निपटाए 6,844 मामले
जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ के मुख्य न्यायाधीश (CJI) बनने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने 6,844 मामले निपटा दिए हैं। CJI चंद्रचूड़ ने 9 नवंबर को यह पद संभाला था। सर्दियों की छुट्टियां शुरू होने से पहले CJI चंद्रचूड़ के अब तक के एक महीने सात दिनों के कार्यकाल में 5,898 नए मामले आए हैं। ऐसा कम ही होता है, जब सुप्रीम कोर्ट में निपटाए गए मामलों की संख्या नए मामलों से ज्यादा होती है।
मामलों के निपटान की रफ्तार भी बढ़ी
CJI डीवाई चंद्रचूड़ के आने के बाद सुप्रीम कोर्ट में मामलों के निपटान की रफ्तार बढ़ी है। उनसे पहले के CJI यूयू ललित के कार्यकाल में भी मामलों के निपटान की रफ्तार तेज हुई थी। उन्होंने अपने 74 दिनों के कार्यकाल में 10,000 से अधिक मामलों को अंजाम तक पहुंचाया था। उनके संक्षिप्त कार्यकाल के बाद डीवाई चंद्रचूड़ CJI बने और उनका कार्यकाल दो साल का होगा। उन्होंने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट न्याय की हर गुहार को सुनेगा।
एक दिन में निपटाए गए 277 मामले
9 नवंबर से लेकर 16 दिसंबर तक सुप्रीम कोर्ट में रोजाना कम से कम 90 और एक दिन में सबसे ज्यादा 277 मामले निपटाए गए थे। 16 दिसंबर से सुप्रीम कोर्ट की सर्दियों की छुट्टियां शुरू हो गई हैं।
जमानत और ट्रासंफर याचिकाओं पर विशेष जोर
9 नवंबर से लेकर 16 दिसंबर तक सुप्रीम कोर्ट ने 1,353 जमानत और 1,163 ट्रांसफर याचिकाओं का निपटारा किया है। इस दौरान सुप्रीम कोर्ट में रोजाना 2-87 जमानत याचिकाओं और 6-105 ट्रांसफर याचिकाओं पर सुनवाई हुई है। बता दें कि 18 नवंबर को सभी जजों के साथ बैठक में CJI चंद्रचूड़ ने लंबित जमानत और ट्रांसफर याचिकाओं पर जल्दी सुनवाई और उनके निपटारे की बात कही थी। उसके बाद से रोज 10 जमानत और ट्रांसफर याचिकाओं पर सुनवाई होती है।
क्या होती हैं ट्रांसफर याचिकाएं?
ट्रांसफर याचिकाएं आमतौर पर वैवाहिक और पारिवारिक मामलों से जुड़ी होती है। इसमें याचिकाकर्ता अपने मामलों को अपने घर या काम की जगह के पास पड़ने वाली अदालतों में ट्रांसफर करने की मांग करते हैं। इन मामलों में कानूनी पेंच कम होते हैं, लेकिन इनकी संख्या लगातार बढ़ती रहती है। 18 नवंबर तक सुप्रीम कोर्ट में ऐसी 3,000 याचिकाएं लंबित थीं। उसके बाद से सुप्रीम कोर्ट ने इन्हें निपटाने का काम शुरू किया है।
देश के 50वें CJI हैं डीवाई चंद्रचूड़
धनंजय यशवंत चंद्रचूड़ देश के 50वें मुख्य न्यायाधीश हैं। उन्होंने 9 नवंबर, 2022 को यूयू ललित की जगह पदभार संभाला था और वो 10 नवंबर, 2024 तक इस पद पर रहेंगे। उनके पिता जस्टिस वाईवी चंद्रचूड़ सात साल तक देश के मुख्य न्यायाधीश रहे थे और उनके नाम सबसे लंबे समय तक CJI रहने का रिकॉर्ड है। जस्टिस चंद्रचूड़ को उनके उदारवादी और प्रगतिशील फैसलों के लिए जाना जाता है।
न्यूजबाइट्स प्लस (जानकारी)
इसी महीने केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने बताया था कि देश की अदालतों में लगभग पांच करोड़ मामले लंबित हैं। इसके पीछे कई कारण हैं, लेकिन सबसे बड़ा कारण जजों की नियुक्ति और खाली पड़े स्वीकृत पद हैं। उन्होंने बताया कि सुप्रीम कोर्ट, हाई कोर्ट्स, जिला और दूसरी अदालतों में जजों के स्वीकृत पद 25,011 हैं, लेकिन 12 दिसंबर, 2022 तक इनमें से 19,192 पदों पर ही जज कार्यरत थे।