
जस्टिस यूयू ललित बने देश के 49वें CJI, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने दिलाई शपथ
क्या है खबर?
सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस यूयू ललित (उदय उमेश ललित) ने शनिवार को देश के 49वें मुख्य न्यायाधीश (CJI) रुप में शपथ ग्रहण कर ली है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उन्हें शपथ दिलाई है।
समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ आदि मौजूद रहे।
इससे पहले एनवी रमन्ना शुक्रवार को CJI पद से सेवानिवृत्त हो गए। जस्टिस ललित 8 नवंबर, 2022 को सेवानिवृत्त होंगे। ऐसे में CJI के तौर पर उनका कार्यकाल 74 दिन का होगा।
चुनौती
CJI ललित के सामने होंगी 492 संवैधानिक मामलों को निपटाने की चुनौती
CJI की जिम्मेदारी संभालने वाले जस्टिस ललित के सामने अपने 74 दिन के कार्यकाल में सुप्रीम कोर्ट में लंबित 492 संवैधानिक मामलों को निपटाने की चुनौती होगी।
सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट के अनुसार, 26 अगस्त तक कोर्ट में 71,411 अन्य मामले लंबित हैं। इनमें अनुच्छेद 370, नोटबंदी, नागरिका संशोधन कानून (CAA), इलेक्टोरल बॉन्ड, UAPA और सबरीमाला जैसे केस शामिल हैं।
ऐसे में उनका कार्यकाल पूरी तरह से चुनौतीपूर्ण नजर आ रहा है।
ऐलान
CJI ललित ने किया तीन प्रमुख सुधारों का ऐलान
इससे पहले शुक्रवार को CJI रमन्ना के विदाई समारोह में जस्टिस ललित ने सुप्रीम कोर्ट के काम-काज में तीन मुख्य सुधार करने का ऐलान किया था।
इनमें मुकदमे की समय से लिस्टिंग, अर्जेंट मामलों की मेंशनिंग के लिए नया सिस्टम बनाने और ज्यादा संवैधानिक पीठ बनाना शामिल है।
उन्होंने कहा था कि उनका प्रयास रहेगा मामलों को सूचीबद्ध करने में पारदर्शिता हो। ऐसी व्यवस्था बना सकें जिसमें जरूरी मामले संबंधित पीठों के सामने स्वतंत्रता पूर्वक उठाए जा सकें।
करियर
कैसा रहा है जस्टिस ललित का करियर?
9 नवंबर, 1957 को जन्में जस्टिस ललित जून 1983 में एक वकील के रूप में नामांकित हैं। उन्होंने दिसंबर 1985 तक बॉम्बे हाई कोर्ट और फिर जनवरी 1986 से दिल्ली हाई कोर्ट में प्रैक्टिस की।
उन्हें अप्रैल 2004 में सुप्रीम कोर्ट द्वारा सीनियर एडवोकेट के रूप में नॉमिनेट किया गया। वह 2G मामलों में सुनवाई के लिए CBI के विशेष लोक अभियोजक भी रहे हैं।
वह दो बार सुप्रीम कोर्ट की लीगल सर्विसेज कमेटी के सदस्य भी रहे हैं।
जानकारी
बार से सुप्रीम कोर्ट की बेंच में सीधे पदोन्नत होने वाले दूसरे CJI
जस्टिस ललित बार से सुप्रीम कोर्ट की बेंच में सीधे पदोन्नत होने वाले दूसरे CJI हैं। उसने पहले जस्टिस एसएम सीकरी को 1971 में देश का 13वां CJI बनाया गया था। वह 2014 में सीधे सुप्रीम कोर्ट न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत हुए थे।
प्रमुख फैसले
तीन तलाक पर फैसला देने वाली पीठ का हिस्सा थे जस्टिस ललित
जस्टिस ललित देश की सामाजिक व्यवस्था पर बड़ा असर डालने वाले तीन तलाक मामले पर अहम फैसले देने वाली पीठ का हिस्सा रहे हैं। इस पीठ ने तीन तलाक को असंवैधानिक घोषित किया था।
इसी तरह वह पद्मनाभ स्वामी मंदिर के रखरखाव से जुड़े मामले में भी फैसला सुनाने वाली पीठ का हिस्सा थे।
इसके अलावा वह POCSO एक्ट को लेकर भी अहम फैसला सुनाने वाली सुप्रीम कोर्ट की पीठ का हिस्सा रहे थे।
विरासत
102 साल से वकालत के पेशे में है ललित परिवार
ललित परिवार 102 साल से वकालत के पेशे में है। उनके दादा महाराष्ट्र के सोलापुर जिले में वकालत करते थे और उनके पिता उमेश रंगनाथ ललित (90) भी नामी वकील रहे हैं और बॉम्बे हाईकोर्ट में जज रह चुके हैं।
जस्टिस ललित के दो बेटे श्रीयस और हर्षद हैं। इनमें श्रीयस पेशे से वकील हैं।
बता दें कि जस्टिस ललित क्रिमिनल लॉ के विशेषज्ञ माने जाते हैं और दिल्ली हाई कोर्ट में देश के शीर्ष क्रिमिनल वकीलों में शामिल थे।