सुप्रीम कोर्ट का आदेश, जिस जगह तोड़ा गया, उसी जगह दोबारा बनेगा संत रविदास का मंदिर
क्या है खबर?
केंद्र सरकार के प्रस्ताव को स्वीकार करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को दिल्ली में संत रविदास के मंदिर का उसी जगह निर्माण करने का आदेश दिया जहां उसे गिराया गया था।
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को छह हफ्ते के अंदर मंदिर निर्माण के लिए एक समिति बनाने का आदेश भी दिया है।
इसके अलावा मंदिर गिराए जाने का विरोध करने के लिए गिरफ्तार किए गए लोगों को रिहा करने का आदेश भी कोर्ट ने दिया है।
पृष्ठभूमि
सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर ही गिराया गया था मंदिर
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर ही दिल्ली विकास प्राधिकरण (DDA) ने 10 अगस्त को दक्षिण दिल्ली के तुगलकाबाद स्थित संत रविदास के मंदिर को गिराया था।
कोर्ट ने जंगल की जमीन पर अतिक्रमण के कारण मंदिर को गिराने का आदेश दिया था।
संत रविदास दलित समुदाय से आने वाले चुनिंदा बड़े संतों में शामिल हैं और 500 साल पुराने उनके इस मंदिर को गिराए जाने के विरोध में पंजाब और दिल्ली में जमकर प्रदर्शन हुए थे।
जानकारी
मामले के राजनीतिकरण के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट ने दी चेतावनी
मामले का राजनीतिकरण भी खूब हुआ था, जिससे तंग आकर सुप्रीम कोर्ट ने धरना प्रदर्शन के लिए उकसा रहे लोगों के खिलाफ कोर्ट की अवमानना का केस चलाने की धमकी दी थी। कोर्ट ने कहा था कि वह आदेश की आलोचना सहन नहीं करेगी।
पिछली सुनवाई
केंद्र सरकार ने रखा उसी जगह मंदिर निर्माण का प्रस्ताव
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार ने मामले का समाधान निकालने को कहा था।
इसके जवाब में 18 अक्टूबर को पिछली सुनवाई में केंद्र सरकार की ओर से पेश हुए अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने उसी जगह पर 200 वर्ग फीट में संत रविदास का मंदिर बनाने का प्रस्ताव रखा था।
उन्होंने कहा था कि मामले की संवेदनशीलता और श्रद्धालुओं की आस्था को देखते हुए और शांति और सद्भाव बनाए रखने के लिए भक्तों को ये जगह दी जा सकती है।
आदेश
सुप्रीम कोर्ट ने स्वीकार किया प्रस्ताव, दोगुनी की गई जमीन
अब आज हुई सुनवाई में वेणुगोपाल ने मंदिर निर्माण के लिए दी जाने वाली जमीन को बढ़ाकर 400 वर्ग फीट कर दिया, जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने उनका प्रस्ताव स्वीकार कर लिया।
इस प्रस्ताव के मुताबिक, पूजा के स्थान के चारों तरफ एक बाउंड्री बनाई जाएगी और मंदिर में प्रवेश के लिए एक गेट होगा।
इस बाउंड्री के बाहर किसी भी प्रकार का अतिक्रमण गैरकानूनी होगा।
संत रविदास तालाब और चार समाधियों को भी फिर से बनाया जाएगा।
जानकारी
मूर्ति रखने के लिए बनेगा लकड़ी का अस्थाई ढांचा
प्रस्ताव के मुताबिक, संत रविदास की मूर्ति रखने के लिए केंद्र सरकार 20 फीट गुणा 20 फीट आकार का लकड़ी का एक अस्थाई ढांचा बनाएगी। यहां पर भक्त संत रविदास की मूर्ति की पूजा कर सकेंगे।