राफेल सौदा: सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की केंद्र सरकार की आपत्तियां, पुनर्विचार याचिकाओं पर होगी सुनवाई
क्या है खबर?
सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को राफेल सौदे में उसके फैसले पर पुनर्विचार यायिका दायर करने के लिए इस्तेमाल हुए दस्तावेजों पर केंद्र सरकार की आपत्तियों को खारिज कर दिया।
सरकार को झटका देते हुए कोर्ट ने नए दस्तावेजों के आधार पर सुनवाई करने का फैसला किया है।
इससे पहले सरकार ने कोर्ट से कहा था कि जिन दस्तावेजों के आधार पर पुनर्विचार याचिका दाखिल की गई है, वह देश की सुरक्षा से जुड़े हैं और उन्हें चोरी किया गया है।
मामला
'द हिंदू' ने की थी रक्षा मंत्रालय के दस्तावेजों के आधार पर रिपोर्ट
दरअसल, अंग्रेजी अखबार 'द हिंदू' ने राफेल सौदे से जुड़े कुछ सरकारी दस्तावेजों को छापा था, जिनसे खुलासा हुआ था कि सौदे में प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) की ओर से समानांतर बातचीत की गई थी और इससे लेकर रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों ने आपत्ति भी जताई थी।
अधिकारियों का मानना था कि PMO के समानांतर बातचीत करने से सौदे की शर्तों में भारत का पक्ष कमजोर होगा।
बाद में समाचार एजेंसी ANI ने भी इन्हीं दस्तावेजों के आधार पर रिपोर्ट की।
केंद्र सरकार का पक्ष
सरकार की दलील, राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए संवेदनशील हैं दस्तावेज
प्रशांत भूषण समेत अन्य याचिकाकर्ताओं ने इन्हीं नए दस्तावेजों के आधार पर सुप्रीम कोर्ट को राफेल सौदे में जांच की जरूरत न होने के उसके पिछले फैसले पर फिर से विचार करने को कहा गया था।
केंद्र सरकार ने इन याचिकाओं का ये कह कर विरोध किया था कि दस्तावेज राष्ट्रीय सुरक्षा की दृष्टि से संवेदनशील हैं।
सरकार ने कहा था कि इन दस्तावेजों की अनधिकृत फोटोकॉपी करना और उन्हें लीक करना शासकीय गुप्त बात अधिनियम के तहत अपराध है।
रक्षा मंत्रालय
सरकार ने पहले कहा, रक्षा मंत्रालय से चोरी हुए दस्तावेज
अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने सुनवाई के दौरान बताया था कि सौदे से जुड़े कुछ कागजात रक्षा मंत्रालय से चोरी हो गए और इसलिए उन्हें कोर्ट के सामने पेश नहीं किया जा सकता।
उन्होंने कहा था, "हम देश की सुरक्षा से जुड़े रक्षा सौदे के बारे में बात कर रहे हैं और यह एक बेहद संवदेनशील मामला है। जिन्होंने भी राफेल सौदे से जुड़े दस्तावेज सार्वजनिक किए, वह शासकीय गुप्त बात अधिनियम और कोर्ट की अवमानना के दोषी हैं।"
बयान
बाद में चोरी की बात से पलटी सरकार
अटॉर्नी जनरल ने राफेल पर 'द हिंदू' की रिपोर्ट को कोर्ट की अवमानना बताया था। उन्होंने कहा कि इसके जरिए मामले की सुनवाई को प्रभावित करने की कोशिश की गई और यह कोर्ट की अवमानना है। सरकार बाद में चोरी वाली बात से पलट गई।
लोकसभा चुनाव
चुनाव से पहले सरकार के लिए झटका
केंद्र सरकार की इसी दलील पर सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई, न्यायाधीश एसके कौल और केएम जोसेफ ने एकमत होकर फैसला लिया कि नए दस्तावेजों के आधार पर पुनर्विचार याचिकाओं पर सुनवाई की जानी चाहिेए।
राफेल सौदे पर गंभीर सवालों का सामने करने वाली केंद्र सरकार के लिए कोर्ट का यह फैसला लोकसभा चुनाव से पहले एक झटका माना जा रहा है।
विपक्ष विशेषकर राहुल गांधी मामले में सीधे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमलावर रहे हैं।