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दिल्ली: जिस जगह गिराया गया संत रविदास का मंदिर, वहीं दोबारा निर्माण को तैयार केंद्र सरकार

दिल्ली: जिस जगह गिराया गया संत रविदास का मंदिर, वहीं दोबारा निर्माण को तैयार केंद्र सरकार

Oct 18, 2019
03:00 pm

क्या है खबर?

दिल्ली में जिस जगह पर संत रविदास का मंदिर तोड़ा गया था, उसी जगह पर मंदिर को दोबारा बनाया जाएगा। शुक्रवार को केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि शांति और सद्भाव बनाए रखने के लिए वो मंदिर के लिए उसी जगह पर 200 वर्ग फीट जमीन देने और उसका पुनर्निर्माण करने के लिए तैयार है। कोर्ट प्रस्ताव पर बाकी पक्षों की राय लेने के बाद 23 अक्टूबर को अगली सुनवाई में मामले पर अपना फैसला सुनाएगी।

पृष्ठभूमि

सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर ही गिराया गया था मंदिर

बता दें कि 10 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर दिल्ली विकास प्राधिकरण (DDA) ने दक्षिण दिल्ली के तुगलकाबाद स्थित संत रविदास के मंदिर को गिरा दिया था। कोर्ट ने जंगल की जमीन पर अतिक्रमण के कारण मंदिर को गिराने का आदेश दिया था। संत रविदास दलित समुदाय से आने वाले चुनिंदा बड़े संतों में शामिल हैं और 500 साल पुराने उनके इस मंदिर को गिराए जाने के विरोध में पंजाब और दिल्ली में जमकर प्रदर्शन हुए थे।

चेतावनी

सुप्रीम कोर्ट ने दी थी मामले का राजनीतिकरण कर रहे लोगों को चेतावनी

मामले का राजनीतिकरण भी खूब हुआ और दिल्ली में हुए विरोध प्रदर्शनों में भीम सेना प्रमुख चंद्रशेखर आजाद और दिल्ली के सामाजिक न्याय मंत्री राजेंद्र पाल गौतम समेत कई नेता शामिल हुए। हालांकि कोर्ट ने मंदिर को गिराए जाने पर राजनीति करने से बाज आने की चेतावनी देते हुए धरना प्रदर्शन के लिए उकसा रहे लोगों के खिलाफ कोर्ट की अवमानना का केस चलाने की धमकी दी थी। कोर्ट ने कहा था कि वह आदेश की आलोचना सहन नहीं करेगी।

प्रस्ताव

श्रद्धालुओं की आस्था को देखते हुए उसी जगह जमीन देने को तैयार सरकार

इसके बाद 5 अक्टूबर को अपनी पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को मामले का समाधान निकालने को कहा था। आज सरकार की ओर से पेश हुए अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने कोर्ट से कहा कि मामले की संवेदनशीलता और श्रद्धालुओं की आस्था को देखते हुए और शांति और सद्भाव बनाए रखने के लिए भक्तों को मंदिर निर्माण के लिए उसी जगह पर 200 वर्ग फीट जगह दी जा सकती है।

कोर्ट कार्यवाही

सात में से पांच याचिकाकर्ता केंद्र सरकार के प्रस्ताव पर सहमत

वेणुगोपाल ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि मंदिर गिराए जाने के खिलाफ याचिका दायर करने वाले सात में पांच याचिकाकर्ता सरकार के इस प्रस्ताव पर सहमत हैं। इसके बाद न्यायाधीश अरुण मिश्रा और एस रविंद्र भट की बेंच ने सरकार के इस प्रस्ताव को रिकॉर्ड में दर्ज करते हुए मंदिर निर्माण की मांग कर रहे याचिकाकर्ताओं को सोमवार तक अपनी आपत्तियां दाखिल करने को कहा। कोर्ट 23 अक्टूबर को मामले में अपना फैसला सुनाएगी।