MUDA मामले में सिद्धारमैया को हाई कोर्ट से अंतरिम राहत, 29 अगस्त तक कार्रवाई पर रोक
मैसुर शहरी विकास प्राधिकरण (MUDA) मामले में घिरे कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को कर्नाटक हाई कोर्ट से राहत मिली है। कोर्ट ने ट्रायल कोर्ट को 29 अगस्त तक किसी भी तरह की कार्रवाई करने से मना किया है। इसी दिन मामले पर अगली सुनवाई भी होनी है। बता दें कि MUDA मामले में राज्यपाल थावरचंद गहलोत ने सिद्धारमैया के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी दी थी। इसी को सिद्धारमैया ने हाई कोर्ट में चुनौती दी है।
सिद्धारमैया बोले- 40 सालों में कुछ गलत नहीं किया
सिद्धारमैया ने कहा कि वे अपने 4 दशक के राजनीतिक करियर के दौरान मुख्यमंत्री और मंत्री रहे, लेकिन कभी कुछ भी गलत नहीं किया। उन्होंने कहा, "मैंने निजी लाभ के लिए सत्ता का दुरुपयोग नहीं किया। राजनीति में यह स्वाभाविक है कि पार्टियाँ विरोध करेंगी, इसलिए उन्हें विरोध करने दें, मैं बेदाग हूं। मुझे न्याय व्यवस्था पर पूरा भरोसा है। मुझे अंतरिम राहत और राज्यपाल द्वारा स्वीकृत अभियोजन को रद्द करने का भरोसा है।"
सिद्धारमैया ने कही थी फैसले को चुनौती देने की बात
इससे पहले राज्यपाल के आदेश पर सिद्धारमैया ने कहा था, "पूरा मंत्रिमंडल, पार्टी हाईकमान, सभी विधायक, लोकसभा और राज्यसभा सांसद मेरे साथ हैं। भाजपा और JDS और अन्य दलों ने लोकतांत्रिक तरीके से निर्वाचित सरकार को हटाने की साजिश रची है। मैंने ऐसा कोई गलत काम नहीं किया है कि इस्तीफा देना पड़े। कर्नाटक के राज्यपाल का फैसला संविधान विरोधी और कानून के खिलाफ है। मैं इसे कोर्ट में चुनौती दूंगा।"
कांग्रेस करेगी राज्यभर में प्रदर्शन
राज्यपाल के फैसले के खिलाफ कांग्रेस ने पूरे राज्य में प्रदर्शन का ऐलान किया है। उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने कहा, "रैलियां राज्य के सभी जिला मुख्यालयों में आयोजित की जाएंगी। सभी पार्टी कार्यकर्ता और नेता विरोध प्रदर्शन में भाग लेंगे। यह लोकतंत्र की हत्या है और हम इसका विरोध करेंगे। हमने अपनी पार्टी नेताओं को शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने और यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि असामाजिक तत्व रैलियों में घुसपैठ न करें।"
क्या है MUDA घोटाला?
MUDA ने 2009 में शहरी विकास के चलते जमीन खोने वाले लोगों के लिए 50:50 योजना पेश की थी। इसके तहत जिन लोगों की जमीन अधिग्रहित की जाएगी, उन्हें मुडा द्वारा विकसित भूमि की 50 प्रतिशत जमीन के प्लॉट आवंटित किए जाएंगे। आरोप हैं कि कई लोगों को उनके हक से ज्यादा जमीनें दी गई हैं। आरोप ये भी हैं कि लोगों को मुआवजे के रूप में अधिक मूल्य की वैकल्पिक जमीनें आवंटित कर दी गई थीं।
घोटाले में कैसे घिरे सिद्धारमैया?
दरअसल, सिद्धारमैया की पत्नी पार्वती के पास मैसूर के केसारे गांव में 3 एकड़ और 16 गुंटा जमीन थी, जो उनके भाई मल्लिकार्जुन ने उपहार में दी थी। इस जमीन को MUDA ने विकास के लिए अधिग्रहित किया था, जिसके बदले पार्वती को विजयनगर तीसरे और चौथे चरण के लेआउट में 38,283 वर्ग फीट की जमीन दी गई। आरोप है कि केसारे गांव की तुलना में इस जमीन की कीमत काफी ज्यादा है।