उत्तराखंड सुरंग हादसा: दोबारा शुरू हुआ बचाव कार्य, प्रशासन बोला- अंदर 40 नहीं, 41 मजदूर
उत्तराखंड के यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर निर्माणाधीन सुरंग ढहने से हुए हादसे को लेकर बड़ी खबर है। आज (18 नवंबर) को प्रशासन ने कहा कि सुरंग में 40 नहीं, बल्कि 41 मजबूर फंसे हुए हैं। प्रशासन के अनुसार, निर्माण कंपनी ने सुरंग में फंसे मजदूरों की संख्या को संशोधित किया है, जिसमें 41वें व्यक्ति की पहचान बिहार के मुजफ्फरपुर जिले के रहने वाले दीपक कुमार के रूप में हुई है। आइए जानते हैं कि आज बचाव अभियान में क्या-क्या हुआ।
बचाव अभियान के बीच कंपनी की बड़ी लापरवाही आई सामने
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, उत्तरकाशी में भूस्खलन के 7वें दिन निर्माण कंपनी राष्ट्रीय राजमार्ग और बुनियादी ढांचा विकास निगम लिमिटेड (NHIDCL) और नवयुग कंस्ट्रक्शन की बड़ी लापरवाही सामने आई है। शनिवार को NHIDCL ने बताया है कि सुरंग में कुल 41 मजदूर फंसे हुए हैं। जिलाधिकारी उत्तरकाशी अभिषेक रुहेला ने कहा कि इससे पहले कंपनी ने 40 व्यक्तियों के नाम और पते प्रशासन को उपलब्ध कराए थे और अब एक अन्य व्यक्ति के सुरंग में होने की पुष्टि हुई है।
PMO की टीम ने बचाव अभियान की समीक्षा की
इस बीच शनिवार को बचाव अभियान की समीक्षा के लिए प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) की एक टीम भी घटनास्थल पर पहुंची। टीम में PMO के उप सचिव मंगेश घिल्डियाल, पूर्व सलाहकार भास्कर खुल्बे और अन्य लोग शामिल हैं। पूर्व सलाहकार खुल्बे ने कहा, "पूरे क्षेत्र की ताकत को इस स्तर तक बढ़ाने का प्रयास किया जा रहा है कि हम जहां बचाव कार्य कर रहे हैं, वहां तक श्रमिकों के लिए पहुंचना पूरी तरह से सुरक्षित रहे।"
PMO की टीम ने क्या कहा?
मुख्यमंत्री धामी बोले- हम जल्द सफल होंगे
शनिवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सुरंग में बचाव कार्यों की जानकारी लेने के लिए देहरादून में अपने आधिकारिक आवास पर अधिकारियों के साथ बैठक की। उन्होंने कहा, "मुझे उम्मीद है कि देश-विदेश में निर्मित अत्याधुनिक मशीनें बचाव कार्यों में सफल होंगी। PMO के मार्गदर्शन में राज्य सरकार सुरंग के अंदर फंसे मजदूरों को निकालने के लिए सभी प्रयास करने में व्यस्त है। हमें उम्मीद है कि हम जल्द ही मिशन में सफल होंगे।"
सभी मजदूर शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ- NHIDCL
NHIDCL के निदेशक अंशू मनीष खलको ने कहा, "सुरंग में फंसे सभी लोग अब तक शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ हैं। उन्हें ऑक्सीजन, दवाएं, भोजन और पानी जैसी आवश्यक चीजों की आपूर्ति की जा रही है।" उन्होंने कहा, "सभी लोगों का मनोबल बनाए रखने की जरूरत है। उनकी मनोवैज्ञानिक स्थिति अच्छी है। विशेषज्ञों द्वारा उनसे लगातार बातचीत की जा रही है और जल्द ही सभी को सुरक्षित बाहर निकाल लिया जाएगा।"
अब सुरंग में ऊपर से ड्रिलिंग करने की योजना- विशेषज्ञ
विशेषज्ञों का कहना है कि सुरंग फंसे लोगों को बचाने के लिए ऊपर की तरफ से भी ड्रिलिंग करने करने की योजना है। इसके लिए कुछ मशीनें इंदौर से एयरलिफ्ट करके मंंगवाई गई हैं, जो साइट पर पहुंच गई हैं।
शुक्रवार को मशीन में खराबी आने के बाद रोकी गई ड्रिलिंग
शुक्रवार को अमेरिकी ऑगर मशीन में खराबी आने से कारण सुरंग में ड्रिलिंग का काम रोक दिया गया था। अब तक बचावकर्मी मात्र 22 मीटर तक ही ड्रिल करके 5 पाइप बिछा पाए हैं। इस बीच बचाव कार्य में जुटी विशेषज्ञों की टीम का कहना है कि ड्रिल मशीन के कंपन से सुरंग में मलबा गिरने का खतरा बना हुआ है, जबकि सुरंग में कुछ नई दरारें भी आई हैं और बचाव अभियान रोका गया है।
न्यूजबाइट्स प्लस
12 नवंबर को सुबह लगभग 5:00 बजे उत्तरकाशी में भूस्खलन के कारण ब्रह्मखाल-यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर सिल्क्यारा से डंडालगांव तक निर्माणाधीन सुरंग का एक हिस्सा अचानक ढह गया। इसके कारण 41 मजदूर अंदर फंस गए, जो झारखंड, उत्तर प्रदेश, ओडिशा, बिहार, पश्चिम बंगाल, उत्तराखंड, असम और हिमाचल प्रदेश से हैं और सभी सुरंग के अंदर सुरक्षित हैं। इन्हें बचाने के लिए युद्धस्तर पर बचाव अभियान जारी है, जिसमें अन्य देशों के विशेषज्ञों की भी मदद ली जा रही है।