
रक्षामंत्री ने लखनऊ में ब्रह्मोस केंद्र का उद्घाटन किया, बोले- सेना की धमक रावलपिंडी तक पहुंची
क्या है खबर?
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने लखनऊ में ब्रह्मोस एयरोस्पेस एकीकरण और परीक्षण सुविधा का उद्घाटन किया। वे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कार्यक्रम में शामिल हुए।
उन्होंने कहा, "मुझे आपसे बात करके बहुत खुशी हो रही है। मैं व्यक्तिगत रूप से शामिल होना चाहता था, लेकिन आप जानते हैं कि मैं क्यों नहीं आ सका। हम जिस स्थिति का सामना कर रहे हैं, उसे देखते हुए मेरा दिल्ली में रहना महत्वपूर्ण था। हम किसी भी परिस्थिति में रहें, देश चलता रहेगा।"
सेना
राजनाथ सिंह बोले- रावलपिंडी तक सुनी गई सेना की धमक
रक्षा मंत्री ने कहा, "हमने केवल सीमा से सटे सैन्य ठिकानों पर ही कार्रवाई नहीं की, बल्कि भारत की सेनाओं की धमक उस रावलपिंडी तक सुनी गई, जहां पाकिस्तानी सेना का मुख्यालय मौजूद है। आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति पर चलते हुए हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्पष्ट कर दिया है कि यह नया भारत है जो आतंकवाद के खिलाफ सरहद के इस पार और उस पार दोनों तरफ प्रभावी कारवाई करेगा।"
बयान
'ऑपरेशन सिंदूर' को लेकर क्या बोले रक्षा मंत्री?
रक्षा मंत्री ने कहा, "भारतीय सेनाओं ने 'ऑपरेशन सिंदूर' आतंकियों के खात्मे के लिए शुरू किया। हमने पहलगाम में मारे गए लोगों को इंसाफ दिलाया। सरहद पार तक हमारी सेना की धमक सुनी गई। दुनिया ने हमारी ताकत देखी। आतंकवाद और उसके आकाओं की जमीन सरहद पार भी सुरक्षित नहीं है। हमने उनके रिहायशी इलाकों, लोगों को कभी निशाना नहीं बनाया। उन्होंने हमारे मंदिर, मस्जिद और गुरुद्वारों पर हमला किया। रिहायशी इलाकों पर हमला किया।"
आदित्यनाथ का बयान
योगी आदित्यनाथ ने कहा- ब्रह्मोस मिसाइल के बारे में पाकिस्तान से पूछिए
वहीं, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, "आपने 'ऑपरेशन सिंदूर' के दौरान ब्रह्मोस मिसाइल के पराक्रम की झलक देखी होगी। अगर नहीं देखी तो पाकिस्तान के लोगों से मिसाइल की ताकत के बारे में पूछिए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घोषणा की है कि आगे से आतंकवाद की कोई भी कार्रवाई युद्ध की कार्रवाई मानी जाएगी। जब तक हम इसे पूरी तरह से कुचल नहीं देते, आतंकवाद की समस्या का समाधान नहीं हो सकता।"
केंद्र
यूनिट में हर साल बनेगी 100 ब्रह्मोस मिसाइलें
लखनऊ के भटगांव में डिफेंस कॉरिडोर के ब्रह्मोस केंद्र को 300 करोड़ रुपये की लागत से बनाया गया है।
इससे 3,000 लोगों को रोजगार मिलेगा। यहां हर साल 80-100 ब्रह्मोस मिसाइलें बनाई जाएंगी।
यह केंद्र एयरोस्पेस और रक्षा क्षेत्र के लिए उच्च गुणवत्ता वाली सामग्रियों का उत्पादन भी करेगा, जिनका इस्तेमाल चंद्रयान मिशन और लड़ाकू विमानों में किया जाएगा।
इसमें रूस की भी हिस्सेदारी है। ये विदेशी सरकार के साथ शुरू किया गया भारत का पहला रक्षा उद्यम है।
मिसाइल
कितनी ताकतवर है ब्रह्मोस मिसाइल?
ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल है। ये 2,500 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से करीब 300 किलोमीटर के दायरे में हमला कर सकती है।
2,900 किलोग्राम वजनी इन मिसाइलों को जहाज, जमीन या लड़ाकू विमान से दागा जा सकता है और सेना के तीनों अंग इसका इस्तेमाल करते हैं।
भारत ब्रह्मोस के नए संस्करण पर भी काम कर रहा है, जो हल्की होगी और इसकी रेंज भी 300 किलोमीटर से ज्यादा होगी।