28 लाख दीपकों से ड्रोन शो तक, जानिए अयोध्या में कैसी है दीवाली की तैयारी
अयोध्या बुधवार को 8वीं बार भव्य दीपोत्सव मनाने के लिए पूरी तरह से सज-धज कर तैयार है। हालांकि, इस साल की दीवाली अयोध्या के लिए विशेष रहने वाली है। इसका कारण है कि यह राम मंदिर के निर्माण के बाद पहली दिवाली है। ऐसे में इस दिवाली को ऐतिहासिक बनाने के लिए अयोध्या की सजावट और कार्यक्रमों में कोई कसर नहीं छोड़ी गई है। आइए जानते हैं इस दिवाली महोत्सव के लिए अयोध्या में कैसी तैयारी की गई है।
केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने किया समारोह का उद्घाटन
अयोध्या में भव्य दीपोत्सव समारोह की शुरुआत बुधवार सुबह हुई। केंद्रीय पर्यटन-संस्कृति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और राज्य सरकार के अन्य कैबिनेट मंत्रियों ने इस समारोह का भव्य उद्घाटन किया। इसी तरह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ दिन में समारोह में शामिल हुए।
डिजिटल स्तंभों पर जीवंत की जाएगी रामायण
अयोध्या में इस साल मुख्य आकर्षण नए स्थापित 24 डिजिटल स्तंभ होंगे, जो अयोध्या की विरासत के आधुनिक प्रदर्शन में रामायण के दृश्यों को जीवंत करेंगे। 15 फीट ऊंचे ये स्तंभ शहर के धर्म पथ और लता चौक के किनारे लगाए जाएंगे, जो दिवाली की शाम को जगमगाने के साथ इसकी भव्यता को बढ़ाएंगे। डिजिटल डिस्प्ले के अलावा, दीपोत्सव आयोजकों ने एक भव्य जुलूस की योजना बनाई है जिसमें 18 प्रकार की विभिन्न झांकियां और रामलीला कलाकार शामिल होंगे।
उत्तराखंड के कलाकार करेंगे रामलीला का मंचन
शोभायात्रा की भव्यता को बढ़ाने के लिए इसमें 6 देशों (म्यांमार, नेपाल, थाईलैंड, मलेशिया, कंबोडिया और इंडोनेशिया) के प्रदर्शन शामिल होंगे। इसके साथ ही उत्तराखंड के कलाकार रामलीला का मंचन करेंगे। 25 मिनट की रामलीला का मंचन माता सीता के नाटकीय अपहरण के इर्द-गिर्द केंद्रित होगा, जिसमें रावण के चालाक दृष्टिकोण को दर्शाया जाएगा। इस दौरान भगवान हनुमान के 'संजीवनी बूटी' लाने के लिए की गई हिमालय पर्वत की शक्तिशाली यात्रा भी दिखाई गई है।
हेलीकॉप्टर से बरसाए फूल
कार्यक्रम से जुड़े एक अधिकारी ने TOI को बताया कि चलती हुई झांकियों और रामलीला कलाकारों पर हेलीकॉप्टर के जरिए गुलाब की पंखुड़ियां और अन्य फूलों की बारिश की गई। इसके लिए कई हेलीकॉप्टर तैनात किए गए हैं। उत्सव में विभिन्न राज्यों के लोक कलाकार भी शामिल होंगे। ये कलाकार फरुआही, बमरसिया, मयूर, बहरूपिया, अवधी और थारू जैसे पारंपरिक लोक नृत्य प्रस्तुत करेंगे, जो उत्सव में अद्वितीय सांस्कृतिक रंग जोड़ते नजर आएंगे।
सरयू नदी के तट पर जलाए जाएंगे 28 लाख दीपक
रामलीला के बाद ध्यान राम की पैड़ी पर जाएगा, जहां सरयू नदी के तट पर 28 लाख से अधिक दीये जलाए जाएंगे। कार्यक्रम सामग्री आपूर्ति करने वाली कंपनी के निदेशक पुलकित जैन ने बताया कि उन्होंने सफल समारोह सुनिश्चित करने के लिए पहले ही 32 लाख मिट्टी के दीये, 45 लाख कपास की बत्ती और 1 लाख लीटर तेल उपलब्ध करा दिया है। दीपक जलाने के लिए अवध विश्वविद्यालय के 30,000 से अधिक स्वयंसेवकों को तैनात किया गया है।
सरकार ने की नया रिकॉर्ड बनाने की तैयारी
इस साल गिनीज बुक रिकॉर्ड्स की टीम दीपकों की संख्या की पुष्टि करने के लिए ड्रोन का इस्तेमाल करेगी, जिसके नतीजे रात 8 बजे तक आने की उम्मीद है। 2017 में इसकी शुरुआत के बाद से यह त्यौहार लगातार एक ही स्थान पर सबसे अधिक दीपक जलाने का रिकॉर्ड बना रहा है। पिछले साल यहां 24 लाख दीपकों का रिकॉर्ड बनाया गया था। मुख्यमंत्री आदित्यनाथ की अगुवाई में विशेष सरयू आरती होगी, जिसमें 157 संत और 1,100 बटुक शामिल होंगे।
यहां देखें आरती के अभ्यास का वीडियो
ड्रोन शो से कार्यक्रम को लगेंगे चार चांद
सरयू तट पर आरती के बाद अद्भुत ड्रोन शो के माध्यम से अयोध्या के आसमान को 500 भारतीय निर्मित ड्रोनों से रोशन किया जाएगा, जिसमें भगवान राम, लक्ष्मण और हनुमान के दृश्य दिखाए जाएंगे। इस शो में रावण वध, पुष्पक विमान, दीपोत्सव और राम दरबार वाल्मीकि जैसे ऐतिहासिक पलों को फिर से दिखाया जाएगा, जिसे लेजर लाइट, संगीत और वॉयसओवर के साथ एक मंत्रमुग्ध कर देने वाला अनुभव प्रदान किया जाएगा। इसके बाद पुराने सरयू पुल पर भव्य आतिशबाजी हाेगी।