कोरोना वायरस: पंजाब में सर्वाधिक मृत्यु दर, सरकार का तर्क- देर से अस्पताल पहुंच रहे लोग
क्या है खबर?
देश में सर्वाधिक कोरोना वायरस मृत्यु दर के साथ पंजाब ने गुजरात को पीछे छोड़ दिया है।
शुक्रवार तक के आंकड़ों के अनुसार, पंजाब में 72,143 लोगों में संक्रमण की पुष्टि हो चुकी है, जिनमें से 2,149 मरीजों की मौत हुई है।
2.96 प्रतिशत मृत्यु दर के साथ पंजाब इस मामले में गुजरात और महाराष्ट्र से भी आगे निकल गया है।
यहां मृत्यु दर (CFR) का मतलब कोरोना संक्रमित पाए जा चुके लोगों में से मरने वालों का अनुपात है।
जानकारी
राष्ट्रीय स्तर पर मृत्यु दर 1.7 प्रतिशत
अगर राष्ट्रीय स्तर पर मृत्यु दर को देखे तो यह 1.7 प्रतिशत है। अब पंजाब देश में एकमात्र ऐसा राज्य है, जहां यह लगातार बढ़ती जा रही है। इसने इस मामले में सर्वाधिक प्रभावित राज्य महाराष्ट्र को भी पछाड़ दिया है।
मौतों की वजह
देरी से अस्पताल पहुंच रहे मरीज- सरकार
सरकार ने प्रदेश में बढ़ रही मृत्यु दर के लिए अन्य कारणों के साथ-साथ मरीजों को जिम्मेदार ठहराया है। अमरिंदर सरकार का कहना है कि मरीज संक्रमित होने के कई दिन बाद अस्पताल आ रहे हैं, जिस कारण उन्हें बचाना मुश्किल हो रहा है।
साथ ही सरकार ने सरकारी अस्पतालों को लेकर फैलाई जा रहीं गलत धारणाओं को भी इसकी वजह बताया है।
अधिकारियों ने कहा है कि अन्य बीमारियों के कारण भी कोरोना संक्रमितों की मौत हो रही है।
कोरोना संकट
लोगों को दोष देने के खिलाफ हैं विशेषज्ञ
विशेषज्ञ भी सरकार की बातों से कुछ हद तक सहमति जताते हुए कहते हैं कि राज्य में लोगों की जीवनशैली भी कोरोना के कारण होने वाली मौतों को बढ़ा रही है, लेकिन वो इसके लिए लोगों को दोष देने के पक्ष में नहीं है।
दूसरी तरफ विपक्ष ने सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि सरकारी अस्पताल 'हॉरर सेंटर' बन गए हैं इसलिए मरीज भर्ती होने से बच रहे हैं। सरकार स्वास्थ्य सेवाओं पर ध्यान नहीं दे रही।
बयान
"अस्पतालों के खिलाफ चल रहा राजनीति से प्रेरित अभियान"
द प्रिंट के अनुसार, पंजाब के प्रधान सचिव (स्वास्थ्य) हुस्न लाल ने कहा, "इसका प्रमुख कारण है कि मरीज गंभीर स्थिति में बीमार होने के बाद अस्पताल आ रहे हैं। तब तक हालत इतनी बिगड़ चुकी होती है कि स्वास्थ्य सेवाओं के पास करने को बहुत कम होता है।"
वहीं प्रख्यात कार्डियोलॉजिस्ट और कोरोना पर अमरिंदर सरकार के सलाहकार डॉक्टर केके तलवार ने कहा कि सरकारी अस्पतालों के खिलाफ राजनीतिक रूप से प्रेरित अभियान चलाया जा रहा है।
कोरोना का प्रकोप
पंजाब में इस महीने लगभग 700 मौतें
पंजाब में 1 सितंबर से लगभग 700 मौतें हो चुकी हैं।
तलवार का कहना है कि कोरोना संक्रमितों के बीच मृत्यु दर मापने का आधार प्रति 10 लाख लोगों पर होने वाली मौतें होना चाहिए। आने वाले दिनों में अगर ज्यादा टेस्टिंग के कारण ज्यादा लोग संक्रमित पाए जाते हैं तो CFR कम हो जाएगी।
साथ ही उन्होंने कहा कि पंजाब में अन्य जगहों की तुलना में 2-30 प्रतिशत ज्यादा लोग हायपरटेंशन, डायबिटीज आदि बीमारियों से जूझ रहे हैं।
बयान
"95 फीसदी मृतकों को थीं दूसरी बीमारियां"
पंजाब के कोरोना कंट्रोल रूम के प्रमुख अमित कुमार ने बताया, "कोरोना के कारण जान गंवाने वाले 2,149 मरीजों में से केवल 125 ऐसे थे, जिन्हें कोई दूसरी बीमारियां नहीं थी। लगभग 95 प्रतिशत लोगों की कोरोना और दूसरी बीमारियों के कारण मौत हुई है।"
आलोचना
विपक्ष ने सरकार पर साधा निशाना
आम आदमी पार्टी के विधायक और नेता विपक्ष हरपाल सिंह चीमा ने सरकार को घेरते हुए कहा कि पंजाब में मौतें इसलिए हो रही है क्योंकि सरकारी अस्पतालों में मरीजों की देखरेख नहीं हो रही।
उन्होंने आरोप लगाया कि अस्पतालों में मरीजों के इलाज के लिए डॉक्टर नहीं है और उन्हें सफाई कर्मचारियों के सहारे छोड़ दिया गया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस का एक भी संक्रमित विधायक इलाज के लिए सरकारी अस्पतालों में भर्ती नहीं हुआ।
विशेषज्ञों की राय
संकट के कारण सरकार और समाज दोनों जिम्मेदार- वर्मा
वहीं स्वतंत्र विशेषज्ञ प्रदेश में कोरोना के कारण बढ़ी रही मृतकों की संख्या के लिए सरकार के साथ-साथ समाज को भी जिम्मेदार मान रहे हैं।
मोहाली के फोर्टिस अस्पताल से जुड़े डॉक्टर सुभाष वर्मा कहते हैं कि महामारी के रोकथाम की जिम्मेदारी सरकार के साथ-साथ समाज की भी है। जब तक लोग बुरी तरह बीमार नहीं हो रहे, तब तक वो जांच के लिए अस्पताल नहीं जा रहे हैं। इसके अलावा यहां दूसरी बीमारियां भी ज्यादा हैं।