महाराष्ट्र: तट से टकराने के बाद कमजोर पड़ा साइक्लोन निसर्ग, एक की मौत
क्या है खबर?
हाल ही पश्चिम बंगाल और ओडिशा में तबाही मचाने वाले साइक्लोन अम्फान के बाद बुधवार को एक और साइक्लोन 'निसर्ग' ने महाराष्ट्र में कोहराम मचाया।
हालांकि, महाराष्ट्र के तटीय इलाकों से टकराने के बाद यह साइक्लोन कमजोर पड़ गया है और अब इसके गुजरात सहित अन्य राज्यों में ज्यादा नुकसान पहुंचाने की संभावना बहुत कम है।
साइक्लोन निसर्ग दोपहर करीब एक बजे दक्षिण अलीबाग से टकराया और करीब तीन घंटे तक लैंडफॉल प्रक्रिया चली।
कमजोर
अलीबाग में असर दिखाने के बाद कमजोर पड़ा निसर्ग
भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने बताया कि निसर्ग के अलीबाग तट से टकराने के दौरान हवा की गति 120 किलोमीटर प्रतिघंटा रही।
यह साइक्लोन वर्तमान में मुंबई के 75 किलोमीटर दक्षिण-पूर्व और पुणे से 65 किलोमीटर पश्चिम में स्थित है।
उन्होंने बताया कि साइक्लोन कमजोर पड़ना शुरू हो गया है और देर शाम शाम तक और कमजोर पड़ जाएगा। इसके बाद रात तक हवा के कम दबाव के क्षेत्र में परिवर्तित हो जाएगा।
कहर
महाराष्ट्र के इन शहरों में रहा निसर्ग का कहर
IMD के महानिदेशक महापात्र ने बताया कि दोपहर एक बजे साइक्लोन के अलीबाग तट से टकराने के बाद अलीबाग, रत्नागिरी, पालघर और सिंधुदुर्ग में तेज बारिश और हवाओं का दौर शुरू हो गया।
मुंबई-पुणे में तूफान के कारण कई पेड़ गिर गए और घरों की टीन की छत उड़ गई। इसके अलावा इन जिलों में कई जगह बिजली के पोल गिरने से बिजली आपूर्ति ठप हो गई। पुणे में कई जगह जलभराव होने से आवागमन बाधित हो गया।
जानकारी
10 नाविकों को बचाया गया
साइक्लोन से महाराष्ट्र के तट से टकराने के बाद रत्नागिरी तट पर एक जहाज में सवार 10 नाविकों ऊंची लहरों के बीच फंस गए थे। इसके बाद कोस्ट गार्ड और NDRF की टीमों ने मौके पर पहुंचकर सभी नाविकों को सुरक्षित रुप से बाहर निकाला।
मौत
रायगढ़ में बिजली के पोल के नीचे दबने से एक की मौत
रायगढ़ जिला कलक्टर ने समाचार एजेंसी ANI को बताया कि क्षेत्र में तेज हवाओं के कारण बिजली का पोल गिरने और उसके नीचे दबने से एक 58 वर्षीय व्यक्ति की मौत हो गई है।
उन्होंने बताया कि साइक्लोन को देखते हुए उन्होंने तटीय इलाकों में रहने वाले लोगों से गुरुवार सुबह तक घर से बाहर नहीं निकलने की अपील की है। क्षेत्र में तेज हवाओं के कारण दर्जनों पेड़ और बिजली के पोल उखड़ गए हैं। राहत कार्य जारी है।
बचाव कार्य
NDRF की टीमों ने शुरू किया बचाव-राहत कार्य
महाराष्ट्र के आधा दर्जन से अधिक जिलों में कहर मचाने के बाद राज्य में राहत और बचाव कार्य के लिए तैनात की गई NDRF की सभी 21 टीमें कार्य में जुट गई।
इन टीमों ने सड़कों पर धराशाही हुए पेड़ और बिजली के पोलों को हटाकर यातायात सुचारू कराया।
इसी प्रकार जलभराव वाले क्षेत्रों से लोगों को सुरक्षित रूप से बाहर निकाला। अलीबाग में NDRF की टीमों ने करीब 380 लोगों को पानी से निकालकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है।
तैयारी
महाराष्ट्र में एक लाख लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया
NDRF के महानिदेशक एसएन प्रधान ने कहा कि कि महाराष्ट्र में तैनात टीमों ने राज्य के तटीय इलाकों में रहने वाले करीब एक लाख से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है।
इसमें मुंबई में समुद्र तट पर रहने वाले करीब 40,000 हजार और रायगढ़ के 13,500 लोग भी शामिल है।
इसके अलावा लोगों से गुरुवार सुबह तक समुद्र तट पर नहीं जाने की अपील की गई है। टीमें प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर स्थिति संभालने में जुटी है।
जानकारी
ईंटे गिरने से एक ही परिवार के तीन लोग घायल
मुंबई के सांताक्रूज में चॉल की टीन पर ईंटे गिरने के चलते एक ही परिवार के तीन लोग घायल हो गए। इसी तरह शाम को मुंबई में लैंड हुआ कार्गो विमान MD-11 रनवे पर फिसल गया। हालांकि, बाद में पायलट ने उसे संभाल लिया।
गुजरात
गुजरात में नहीं हुई कोई भी अप्रिय घटना
गुजरात के राहत आयुक्त हर्षद पटेल ने कहा कि निसर्ग के कारण अरब सागर के पास स्थित वलसाड और नवसारी जिलों में हवा की गति सामान्य रही। अभी तक किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना की सूचना नहीं है।
वलसाड और नवसारी में सुबह से क्रमश: दो मिलीमीटर और सात मिलीमीटर बारिश हुई है। एहतियाती कदम के तौर पर अभी तक आठ जिलों में तट के पास रहने वाले 63,700 से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है।
वलसाड
वलसाड में 33,680 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया
गुजरात के राहत आयुक्त पटेल ने बताया कि वलसाड़ से सबसे अधिक 33,680 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है।
इसी प्रकार नवसारी से 14,400, सूरत में 8,727, भावनगर में 3,066, अमरेली में 2,086, भरूच में 12,020, आणंद में 761 और गिर-सोमनाथ में 228 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है।
स्थिति को संभालने के लिए NDRF की 18 टीमें और SDRF की छह टीमों को तैनात किया गया है।