सीधे कंपनियों से कोरोना वैक्सीन नहीं खरीद सकेंगे निजी अस्पताल, खुराकों की सीमा भी तय
क्या है खबर?
देश के निजी अस्पताल अब सीधे निर्माताओं से कोरोना वायरस वैक्सीन नहीं खरीद सकेंगे और उन्हें इसके लिए कोविन प्लेटफॉर्म का सहारा लेना होगा।
इसके अलावा केंद्र सरकार ने निजी अस्पतालों के लिए वैक्सीन खरीद की सीमा भी तय कर दी है। ये दोनों नियम 1 जुलाई से देशभर में लागू हो जाएंगे।
इससे पहले निजी अस्पतालों के लिए 25 प्रतिशत खुराकें तय की गई थीं, जो वो सीधे वैक्सीन कंपनियों से खरीद सकते थे।
नियम
एक दिन के औसत के आधार पर खुराकें ऑर्डर कर सकेंगे अस्पताल
केंद्र की तरफ से जारी मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) के अनुसार, निजी अस्पताल बीते महीने के किसी भी सप्ताह में हुए वैक्सीनेशन से एक दिन का औसत निकालकर उससे दोगुना खुराकों का ऑर्डर कर सकते हैं।
अस्पताल अपनी मर्जी से महीने का कोई भी सप्ताह चुन सकेंगे और वहां हुए वैक्सीनेशन की सारी जानकारी कोविन प्लेटफॉर्म से जुटाई जाएगी।
इस जानकारी के आधार पर निजी अस्पताल अगले महीने के लिए खुराकों का ऑर्डर कर सकेंगे।
उदाहरण
ऐसा निकाला जाएगा औसत
मान लें कि किसी निजी अस्पताल ने जून के किसी सप्ताह में वैक्सीन की 630 खुराकें लगाईं।
इस हिसाब से उसकी रोजाना की औसत 90 और महीने की औसत 2,700 हो रही है। अब अगर उसे जुलाई के लिए खुराकें ऑर्डर करनी है तो वो दोगुना यानी अधिकतम 5,400 खुराकें ऑर्डर कर सकेगा।
एक अस्पताल द्वारा न्यूनतम खुराकों के ऑर्डर की सीमा 15 जुलाई के बाद तय की जाएगी। इसके लिए शुरुआती 15 दिनों की खपत को आधार बनाया जाएगा।
वैक्सीनेशन
नए अस्पतालों के लिए क्या नियम होंगे?
अगर कोई निजी अस्पताल अब तक वैक्सीनेशन नहीं कर रहा था और वह जुलाई से यह शुरू करता है तो उसे बिस्तरों की संख्या के आधार पर खुराकें ऑर्डर करने की छूट होगी।
50 बिस्तरों वाला अस्पताल अधिकतम 3,000 और 50-300 बिस्तरों वाला अस्पताल अधिकतम 6,000 खुराकें ऑर्डर कर सकेगा। अगर कहीं 300 से अधिक बिस्तर हैं तो वो 10,000 खुराकें मंगवा सकेंगे।
निजी अस्पतालों को महीने में चार बार वैक्सीन ऑर्डर करने की छूट दी गई है।
नियम
वैक्सीन खरीद के लिए सरकारी मंजूरी की जरूरत नहीं
SOP में कहा गया है कि वैक्सीन की खुराकें ऑर्डर करने के लिए किसी सरकारी एजेंसी से मंजूरी की जरूरत नहीं होगी। निजी अस्पतालों को केवल कोविन प्लेटफॉर्म पर अपना ऑर्डर देना होगा। बाद में यह प्लेटफॉर्म जिला और राज्यवार मांग को वैक्सीन कंपनियों तक पहुंचा देगा।
केंद्र की तरफ से जारी SOP दस्तावेज में लिखा गया है कि खुराकों के लिए अस्पतालों को नेशनल हेल्थ अथॉरिटी के पोर्टल पर भुगतान करना होगा।
कोरोना वैक्सीनेशन
देश में क्या है वैक्सीनेशन अभियान की स्थिति?
देश में चल रहे दुनिया के सबसे बड़े वैक्सीनेशन अभियान की बात करें तो अब तक वैक्सीन की 33,28,54,527 खुराकें लगाई जा चुकी हैं। बीते दिन 36,51,983 खुराकें लगाई गईं। 21 जून से नई वैक्सीन नीति लागू होने के बाद वैक्सीनेशन ने रफ्तार पकड़ी है।
स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, अब तक 27,40,13,600 लोगों को पहली और 5,88,40,927 लोगों को दोनों खुराकें दी जा चुकी हैं।
मंगलवार को ही भारत में मॉडर्ना वैक्सीन के इस्तेमाल की मंजूरी दी गई है।