मंकीपॉक्स वैक्सीन के लिए तैयारी जारी, फिलहाल चल रहा शोध- SII प्रमुख पूनावाला
कोरोना वायरस महामारी के बाद देश में बढ़ते मंकीपॉक्स वायरस के संक्रमण के बीच थोड़ी राहत की खबर आई है। देश को कोरोना वायरस के खिलाफ पहली वैक्सीन मुहैया कराने वाले सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) ने अब मंकीपॉक्स के खिलाफ वैक्सीन बनाने की तैयारी शुरू कर दी है। कंपनी की ओर से फिलहाल वैक्सीन निर्माण के लिए शोध किया जा रहा है। SII के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) अदार पूनावाला ने मंगलवार को यह जानकारी दी है।
पूनावाला ने की स्वास्थ्य मंत्री से मुलाकात
देश में बढ़ते मंकीपॉक्स संक्रमण के मामलों की बीच पूनावाला ने दोपहर में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने वारयस के खिलाफ वैक्सीन तैयार करने पर चर्चा की। बैठक में पूनावाला ने स्वास्थ्य मंत्री को मंकीपॉक्स वायरस के खिलाफ वैक्सीन तैयार करने के लिए शोध किए जाने और आवश्यक सहायता से अवगत कराया। इस पर स्वास्थ्य मंत्री ने उन्हें अपेक्षित सहयोग देने का आश्वासन दिया।
वैक्सीन के लिए की जा रही है सभी तैयारियां- पूनावाला
स्वास्थ्य मंत्री से मुलाकात के बाद पूनावाला ने कहा, "मेरी बैठक हमेशा की तरह अच्छी रही। मंकीपॉक्स के बढ़ते खतरे को देखते हुए वैक्सीन की सभी तैयारियां की जा रही हैं। मैंने केंद्रीय मंत्री को इस बारे में जानकारी दे दी है। हम मंकीपॉक्स के लिए वैक्सीन पर शोध कर रहे हैं।" उन्होंने कहा, "मंकीपॉक्स की उपस्थिति दुनिया में बहुत समय से है और इसके कोरोना वायरस जैसी महामारी का रूप लेने की संभावना बहुत ही कम है।"
"कुछ महीनों में उपलब्ध हो सकती है वैक्सीन"
पूनावाला ने कहा, "कोरोना वायरस संक्रमण से लड़ाई में जिस तरह का हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर तैयार हुआ है, उसकी वजह से हम मंकीपॉक्स जैसी बीमारियों को पकड़ पा रहे हैं और संक्रमण के मामले आ रहे हैं।" उन्होंने आगे कहा, "भारत में संक्रमण के मामले सामने आए हैं, लेकिन हम वैक्सीन तैयार कर रहे हैं और कुछ महीनों में वैक्सीन उपलब्ध हो सकती है। ऐसे में मंकीपॉक्स संक्रमण के हॉटस्पॉट वाले इलाकों में वैक्सीन दी जा सकेगी।"
मंकीपॉक्स के लिए वर्तमान में है केवल एक वैक्सीन
वर्तमान में मंकीपॉक्स के लिए एकमात्र लाइसेंस प्राप्त वैक्सीन डेनमार्क की फर्म द्वारा चेचक के लिए निर्मित है। इसके लिए जीवित वायरस केवल जॉर्जिया में रोग नियंत्रण प्रयोगशाला और रूस में सेंटर ऑफ वायरोलॉजी एंड बायोटेक्नोलॉजी में संग्रहित किया जाता है।
भारत में आठ हुई मंकीपॉक्स संक्रमितों की संख्या
भारत में अब तक मंकीपॉक्स के आठ मामले आए हैं, जिनमें पांच केरल और तीन दिल्ली में मिले हैं। केरल के संक्रमित UAE से लौटे थे। देश में मंकीपॉक्स का पहला मरीज स्वस्थ हो चुका है और एक की मौत हो चुकी है। इसी तरह दिल्ली में मिला पहला संक्रमित भी ठीक हो चुका है। देश में सातवां मामला मंगलवार को केरल के मलाप्पुरम में 30 वर्षीय युवक और आठवां दिल्ली में नाइजीरियाई नागरिक के रूप में सामने आया है।
सरकार ने गठित की टास्क फोर्स
केंद्र सरकार ने मंकीपॉक्स के कारण देश में बनी स्थितियों पर नजर रखने के लिए नीति आयोग के सदस्य डॉ वीके पॉल की अध्यक्षता में एक टास्क फोर्स का गठन किया है। इसमें स्वास्थ्य मंत्रालय, फार्मा और बायोटेक्नोलॉजी विभागों के सचिव भी शामिल हैं। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि जब मंकीपॉक्स के मामले सामने आने लगे तो भारत ने तैयारी शुरू कर दी थी। केरल में पहला मामला सामने आने से पहले गाइडलाइंस जारी कर दी गई थी।
क्या है मंकीपॉक्स?
मंकीपॉक्स एक जूनोटिक (एक प्रजाति से दूसरी प्रजाति में फैलने वाली) बीमारी है। ये बीमारी मंकीपॉक्स वायरस से संक्रमण के कारण होती है जो पॉक्सविरिडाइ फैमिली के ऑर्थोपॉक्सवायरस जीनस से आता है। ऑर्थोपॉक्सवायरस जीनस में चेचक (स्मालपॉक्स) और काउपॉक्स बीमारी फैलाने वाले वायरस भी आते हैं। साल 1958 में रिसर्च के लिए तैयार की गईं बंदरों की बस्तियों में यह वायरस सामने आया था और इससे पॉक्स जैसी बीमारी होना पाया गया था।