सरकार को जनता से इस साल इन मुद्दों पर मिलीं सबसे अधिक शिकायतें
केंद्र सरकार को हर साल आम लोगों से करीब 30 लाख शिकायतें मिलती हैं। इस साल इनमें से सबसे ज्यादा पेंशन की शुरुआत या भुगतान न होने से, देरी से आई स्पीड पोस्ट, प्रोविडेंट फंड का क्लेम सेटल न होने, खराब मोबाइल नेटवर्क, सड़कों पर जलभराव और टोल प्लाजा पर आने वाली परेशानियों से जुड़ी हैं। इस साल वित्त सेवा (बैंकिंग डिवीजन) विभाग, श्रम मंत्रालय, रेल मंत्रालय और सहकारिता मंत्रालय को सबसे ज्यादा शिकायतें मिली हैं।
वित्त सेवा विभाग के पास आईं ये शिकायतें
सरकार के विश्लेषण में कई रोचक जानकारियां निकलकर सामने आई है। वित्त सेवा विभाग को मिली शिकायतों में से सबसे ज्यादा पेंशन शुरू न होने या भुगतान न होने, सरकारी सब्सिडी मिलने और बैंक खाता खुलने में हुई देरी से जुड़ी होती हैं। इनके अलावा ऑनलाइन लेनदेन के समय आने वाली समस्याओं, खाते से पैसे कटने और लोन को लेकर आने वाली फोन कॉल्स को लेकर भी लोग विभाग के पास शिकायत करते हैं।
बड़ी संख्या में आती हैं ये शिकायतें
श्रम मंत्रालय के पास आने वाली शिकायतों में से सबसे ज्यादा प्रोविडेंट फंड के सेटलमेंट से जुड़ी होती है। इसी तरह टेलीकॉम विभाग के पास खराब मोबाइल कवरेज, कॉल ड्रोप, मोबाइल कंपनियों द्वारा गलत जगह पर टॉवर लगाने और इंटरनेट की कम स्पीड जैसी शिकायतें बड़ी संख्या में पहुंचती है। लोग स्पीड पोस्ट पत्रों के न पहुंचने या देरी से पहुंचने, डाकघर कर्मचारियों के बुरे बर्ताव और दिव्यांगों को घरों पर सेवाओं न मिलने की काफी शिकायतें करते हैं।
स्वास्थ्य मंत्रालय के पास इस बार परीक्षाओं को लेकर आईं शिकायतें
न्यूज18 के अनुसार, स्वास्थ्य मंत्रालय के पास CGHS कार्ड और अस्पतालों में खराब सेवाओं को लेकर ज्यादा शिकायतें आई हैं। इस साल NEET परीक्षा की शेड्यूलिंग, कठिन फॉरेन मेडिकल ग्रेजुएट एग्जाम और चीन और यूक्रेन से लौटे मेडिकल छात्रों के लिए कोई नीति न होने को लेकर भी मंत्रालय को काफी शिकायतें मिली हैं। सड़क और परिवहन मंत्रालय की बात करें तो लोगों ने सड़कों की दयनीय स्थिति, जलभराव और फास्टैग से गलत रकम कटने की शिकायतें की हैं।
सहकारी मंत्रालय के पास सबसे ज्यादा शिकायतें लंबित
सरकार के विश्लेषण में सामने आया है कि सहकारिता मंत्रालय के पास सबसे ज्यादा करीब 20,000 और स्वास्थ्य मंत्रालय के पास 13,000 शिकायतें लंबित हैं। सहकारिता मंत्रालय में 16,000 से ज्यादा शिकायतें 45 दिनों से अधिक समय से लंबित पड़ी हैं।
इन विभागों के पास सबसे ज्यादा शिकायतें
स्वास्थ्य मंत्रालय, राजस्व विभाग, सामाजिक न्याय और रक्षा विभाग के पास सबसे ज्यादा शिकायतें लंबित हैं। इस साल स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक शिकायत के निवारण के लिए औसतन 110 दिनों का समय लिया है, जो अनिवार्य समयसीमा 45 दिनों से दोगुने से भी ज्यादा है। स्वास्थ्य और सहकारिता मंत्रालय उन मंत्रालयों में आते हैं, जो शिकायतों के निवारण के लिए सरकार की तरफ से तैयार किए गए इंडेक्स में सबसे नीचे रहते हैं।