उत्तर प्रदेश: युवक को हिरासत में दी यातना, चौकी प्रभारी सहित 5 पुलिसकर्मी निलंबित
उत्तर प्रदेश के बदायूं में पुलिस का चौंकाने वाला कारनामा सामने आया है। पुलिस ने पहले तो एक 20 वर्षीय युवक को गौ तस्करी के शक में हिरासत में लिया और फिर बेरहमी से मारपीट करने के साथ बिजली के झटके देकर यातनाएं दी। इसके बाद 5,000 रुपये की रिश्वत लेकर उसे छोड़ दिया। मामले के उजागर होने के बाद पुलिस अधिकारियों ने चौकी प्रभारी सहित पांच पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया और सात लोगों पर FIR दर्ज कराई है।
पुलिस ने युवक को हिरासत में क्यों लिया?
अलापुर थाने की ककराला चौकी के पुलिसकर्मियों ने 2 मई को वार्ड नंबर 12 निवासी रेहान (20) को गौ तस्करों की मदद करने के शक में हिरासत में लिया था। इसके बाद पुलिसकर्मियों ने रातभर उसकी बेरहमी से पिटाई की और बिजली के करंट के झटके भी लगाए। इसी तरह पुलिसकर्मियों ने उसके निजी अंगों में डंडा भी डाल दिया था। इससे उसकी हालत बिगड़ गई। इसके बाद अगले दिन पुलिसकर्मियों ने 5,000 रुपये की रिश्वत लेकर उसे छोड़ दिया।
कैसे हुआ घटना का खुलासा?
पुलिस की यातना से रेहान की हालत काफी खराब हो गई थी, लेकिन वह जैसे-तैसे कर अपने घर पहुंच गया। इसके बाद उसकी हालत देखकर परिजनों ने उसे अस्पताल में भर्ती कराया, जहां उसने परिजनों को पूरी घटना बता दी। पांच दिन पहले अस्पताल के जरिए घटना की सूचना पुलिस अधिकारियों तक पहुंच गई। इसके बाद वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (SSP) ओपी सिंह ने दांतागढ़ के पुलिस उपाधीक्षक (DSP) प्रेम कुमार थापा को मामले की जांच सौंप दी।
परिजनों ने पुलिस पर लगाए रेहान को यातना देने के आरोप
SSP के आदेश पर DSP थापा ने मामले की जांच शुरू की, लेकिन तब तक परिजन रेहान की हालत बिगड़ने पर उसे उपचार के लिए दिल्ली ले जा चुके थे। परिजनों ने वापस आने पर DSP ने उनके बयान दर्ज किए। इसमें परिजनों ने आरोप लगाया कि ककराला चौकी पुलिसकर्मियों ने रेहान को हिरासत में यातनाएं दी और इसके कारण वह ठीक से खड़ा भी नहीं हो पा रहा है। वह पिछले 26 दिनों से उसका उपचार करा रहे हैं।
पुलिसकर्मियों ने रेहान को उपचार के लिए दिए थे 100 रुपये
रेहान के परिजनों ने बताया कि पुलिसकर्मियों ने 5,000 रुपये की रिश्वत लेकर रेहान को उपचार के लिए 100 रुपये देकर छोड़ दिया था। उन्होंने घटना के बारे में किसी को बताने पर कई मामले दर्ज कर जेल भेजने की धमकी भी दी थी।
DSP की जांच में सही पाए गए आरोप- SSP
SSP सिंह ने बताया कि DSP थापा ने मामले की जांच की तो सभी आरोप सही पाए गए। इसके बाद उन्होंने अपनी रिपोर्ट कार्यालय में प्रस्तुत कर दी। उन्होंने बताया कि DSP की रिपोर्ट के आधार पर चौकी प्रभारी सत्यपाल सिंह, कांस्टेबल नरेंद्र सिंह, शेखर चावला, सोनू, और विपिन को तत्काल निलंबित कर दिया। इसके अलावा उनके खिलाफ विभागीय जांच के आदेश भी दिए गए हैं। हिरासत में यातना देना बेहद गंभीर अपराध की श्रेणी में आता है।
रेहान की मां की शिकायत के आधार पर सात लोगों पर FIR दर्ज
SSP सिंह ने बताया कि मामले में रेहान की मां नजमा की शिकायत पर पांचों पुलिसकर्मियों सहित सात लोगों के खिलाफ मारपीट, गंभीर चोट पहुंचाने, आपराधिक धमकी सहित भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत FIR दर्ज की गई है। पुलिसकर्मियों के अलावा दो अन्य आरोपियों का पता लगाया जा रहा है और जल्द ही उन्हें गिरफ्तार किया जाएगा। उन्होंने बताया कि पुलिस पिटाई से घायल युवक की मेडिकल रिपोर्ट भी तैयार कराई जा रही है। वह कार्रवाई में अहम होगी।