मंकीपॉक्स: दिल्ली में मिला तीसरा संक्रमित, देश में कुल मामलों की संख्या 8 पहुंची
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में मंकीपॉक्स का एक और मामला सामने आया है। इसी के साथ दिल्ली में इस बीमारी के तीन और देश में कुल आठ मामले दर्ज हो चुके हैं। बाकी पांच मामले केरल में सामने आए हैं। दिल्ली में मंकीपॉक्स का पहला मरीज पूरी तरह ठीक हो गया है, जबकि दोनों बाकी संक्रमित नाइजीरियाई नागरिक हैं। दूसरी तरफ केंद्र सरकार ने मंकीपॉक्स से निपटने के लिए टास्क फोर्स का गठन किया है।
रेस्टोरेंट में काम करते हैं दोनों संक्रमित
अधिकारियों ने बताया कि मंगलवार को कई सालों से दिल्ली में रह रहे एक 35 वर्षीय नाइजीरियाई नागरिक में मंकीपॉक्स की पुष्टि हुई थी। इससे पहले सोमवार को भी एक और नाइजीरियाई नागरिक संक्रमित पाया गया था। ये दोनों ही शहर के एक रेस्टोरेंट में काम करते हैं। वहीं केरल के मामलों की बात करें तो सभी मरीज संयुक्त अरब अमीरात (UAE) से लौटे हैं और इनमें से एक की मौत हो चुकी है।
स्वास्थ्य मंत्री ने की आठ मामलों की पुष्टि
मंगलवार को संसद में बोलते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने कहा कि अभी तक देश में कुल आठ मामले सामने आए हैं। इनमें से पांच का यात्रा इतिहास है। उन्होंने आगे कहा, "हम देख रहे हैं और कोरोना महामारी के दौरान भी देखा था कि थर्मल स्क्रीनिंग के समय कुछ लोग बचकर देश में प्रवेश कर गए थे। हमने दुबई प्रशासन को पत्र भेजकर यात्रियों की ट्रेसिंग करने और रिपोर्ट हमारे साथ साझा करने को कहा है।"
सरकार ने गठित की टास्क फोर्स
केंद्र सरकार ने मंकीपॉक्स के कारण देश में बनी स्थितियों पर नजर रखने के लिए नीति आयोग के सदस्य डॉ वीके पॉल की अध्यक्षता में एक टास्क फोर्स का गठन किया है। इसमें स्वास्थ्य मंत्रालय, फार्मा और बायोटेक्नोलॉजी विभागों के सचिव भी शामिल हैं। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि जब मंकीपॉक्स के मामले सामने आने लगे तो भारत ने तैयारी शुरू कर दी थी। केरल में पहला मामला सामने आने से पहले गाइडलाइंस जारी कर दी गई थी।
एक मरीज की हो गई है मौत
भारत में मंकीपॉक्स से एक मरीज की मौत हुई है। यह मरीज UAE से 22 जुलाई को कोझीकोड हवाई अड्डे पर पहुंचा था। 26 जुलाई को उसे बुखार आया और उसने स्थानीय अस्पताल में उपचार कराया था। उसके बाद उसे एहतियात के तौर पर आइसोलेट किया गया था। मरीज की मौत के बाद इसमें संक्रमण की पुष्टि हुई थी। भारत में मंकीपॉक्स के कारण हुई यह पहली मौत है।
क्या है मंकीपॉक्स?
मंकीपॉक्स एक जूनोटिक (एक प्रजाति से दूसरी प्रजाति में फैलने वाली) बीमारी है। ये बीमारी मंकीपॉक्स वायरस से संक्रमण के कारण होती है जो पॉक्सविरिडाइ फैमिली के ऑर्थोपॉक्सवायरस जीनस से आता है। ऑर्थोपॉक्सवायरस जीनस में चेचक (स्मालपॉक्स) और काउपॉक्स बीमारी फैलाने वाले वायरस भी आते हैं। साल 1958 में रिसर्च के लिए तैयार की गईं बंदरों की बस्तियों में यह वायरस सामने आया था और इससे पॉक्स जैसी बीमारी होना पाया गया था।
कैसे फैलता है मंकीपॉक्स?
मंकीपॉक्स से संक्रमित किसी जानवर या इंसान के संपर्क में आने पर कोई भी व्यक्ति संक्रमित हो सकता है। यह वायरस टूटी त्वचा, सांस और मुंह के जरिए शरीर में प्रवेश करता है। छींक या खांसी के दौरान निकलने वाली बड़ी श्वसन बूंदों से इसका प्रसार होता है। इंसानों में मंकीपॉक्स के लक्षण चेचक जैसे होते हैं। शुरूआत में बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों और पीठ में दर्द, थकावट होती है और तीन दिन में शरीर पर दाने निकलने लग जाते हैं।