जायडस कैडिला ने सरकार को शुरू की अपनी कोरोना वैक्सीन 'ZyCoV-D' की आपूर्ति
गुजरात स्थित फार्मा कंपनी जायडस-कैडिला ने कोरोना वायरस के खिलाफ तैयार की अपनी तीन खुराक वाली वैक्सीन जायकोव-डी (ZyCoV-D) की सरकार को आपूर्ति करना शुरू कर दी है। कंपनी ने बुधवार को इस संबंध में जानकारी दी है। इतना ही नहीं कंपनी अब अपनी वैक्सीन को निजी बाजार में उतारने की योजना भी बना रही है। बता दें कि इस वैक्सीन का इस्तेमाल 12 साल से अधिक उम्र के बच्चों और वयस्कों में किया जाएगा।
कंपनी ने की वैक्सीन की आपूर्ति की घोषणा
जायडस कैडिला ने कहा, "हमने अहमदाबाद के चंगोदर स्थित जायडस बायोटेक पार्क के जायडस वैक्सीन टेक्नोलॉजी उत्कृष्टता केंद्र से सरकार के आदेश के अनुसार हमारी तीन खुराक वाली कोरोना वैक्सीन ZyCoV-D की आपूर्ति शुरू कर दी है।" कंपनी ने आगे कहा, "हम अब हमारी वैक्सीन को निजी बाजार में उतारने की भी योजना बना रहे हैं। वैक्सीन की कीमत प्रति खुराक 265 रुपये और ऐप्लिकेटर की कीमत बिना GST के 93 रुपये रखी गई है।"
तीसरे चरण के ट्रायल में 66.66 प्रतिशत प्रभावी मिली थी वैक्सीन
ZyCoV-D प्लास्मिड DNA प्लेटफॉर्म पर बनी दुनिया की पहली कोरोना वायरस वैक्सीन है। इस वैक्सीन को कंपनी ने भारत सरकार के बायोटेक्नोलॉजी विभाग के साथ मिलकर तैयार किया है और यह तीसरे चरण के ट्रायल में 66.66 प्रतिशत प्रभावी पाई गई थी। वैक्सीन के क्लिनिकल ट्रायल के नतीजों की समीक्षा करने के बाद DCGI ने 21 अगस्त को वैक्सीन 12 साल से अधिक उम्र के बच्चों और व्यस्कों पर आपात इस्तेमाल की मंजूरी दी थी।
न्यूजबाइट्स प्लस (जानकारी)
जायडस कैडिला वैक्सीन की एक और खास बात यह है कि इसे लगाने के लिए सुई वाले इंजेक्शन की जरूरत नहीं होगी। यह इंट्राडर्मल इंजेक्शन होगा, जिसे ऐप्लिकेटर के जरिए लगाया जाएगा। इंट्राडर्मल इंजेक्शन वो होते हैं, जो मांसपेशियों की बजाय त्वचा में लगाए जाते हैं। इस वजह से वैक्सीन लगवाते समय होने वाला दर्द भी कम हो जाता है। भारत में मंजूरी पाने वाली यह छठी और कोवैक्सिन के बाद दूसरी स्वदेशी वैक्सीन थी।
28वें दिन दूसरी और 56वें दिन लगेगी तीसरी खुराक
जायडस की वैक्सीन की दूसरी खुराक को पहली खुराक के 28वें दिन और तीसरी खुराक को 56वें दिन दिया जाएगा। कंपनी दो खुराकों वाली वैक्सीन पर भी काम कर रही है। इसके लिए नियामक संस्था ने अतिरिक्त आंकड़ों की मांग की है।
ये हैं ZyCoV-D की खूबियां
शरीर के अंदर जाने पर ZyCoV-D कोरोना जैसी स्पाइक प्रोटीन बनाएगी, जिन्हें पहचान कर इम्युन सिस्टम एंटीबॉडीज बनाना शुरू कर देगा। इन्हें वेरिएंट्स के हिसाब से बदला जा सकता है। DNA प्लेटफॉर्म पर आधारित होने के कारण इस वैक्सीन को स्टोरेज के लिए बहुत ठंडे तापमान की जरूरत नहीं होती और इसकी लागत भी कम है। इसके अलावा इसके उत्पादन के लिए कोवैक्सिन और दूसरी वैक्सीनों की तरह अति उच्च जैव सुरक्षा वाले संयंत्र की जरूरत नहीं होती।
कैडिला ने उत्पादन एवं आपूर्ति के लिए शिल्पा मेडिकेयर से किया था करार
कैडिला हेल्थकेयर ने ZyCoV-D वैक्सीन के उत्पादन एवं आपूर्ति के लिए शिल्पा मेडिकेयर के साथ, उसकी पूर्व स्वामित्व वाली इकाई शिल्पा बायोलॉजिकल्स के जरिए एक बाध्यकारी समझौता किया था। कंपनी ने कहा था कि वह ZyCoV-D की तकनीक शिल्पा बायोलॉजिकल प्राइवेट लिमिटेड (SBPL) को हस्तांतरित करेगी। इसी तरह कंपनी ने प्लास्मिड DNA वैक्सीन के लिए विनिर्माण लाइसेंस और प्रौद्योगिकी हस्तांतरण के लिए कोरिया के एंजाइम लाइफसाइंसेज से करार किया है।