भारत और EU के बीच FTA पर कल हो सकती है वार्ता, जानिए क्या हैं बाधाएं
क्या है खबर?
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ धमकियों के बीच भारत और 27 देशों का यूरोपीय संघ (EU) समूह सोमवार (10 मार्च) को ब्रुसेल्स में प्रस्तावित मुक्त व्यापार समझौते (FTA) के लिए दसवें दौर की वार्ता करेंगे।
उम्मीद है कि इस वार्ता शेष मुद्दों के समाधान पर केंद्रित होगी, जिससे इस साल के अंत तक समझौते को अंतिम रूप दिया जा सके।
इसको लेकर पिछले दिनों EU के व्यापार एवं आर्थिक सुरक्षा आयुक्त मारोस सेफकोविक यात्रा के दौरान चर्चा हुई थी।
वार्ता
2022 में फिर शुरू हुई थी FTA पर वार्ता
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन ने पिछले महीने इस साल तक महत्वाकांक्षी भारत-यूरोपीय संघ मुक्त व्यापार समझौते को पूरा करने पर सहमति जताई थी।
जून 2022 में भारत और EU ने 8 साल से अधिक के अंतराल के बाद वार्ता फिर शुरू की, जो 2013 में रुक गई थी।
इसको लेकर एक सरकारी अधिकारी ने कहा, "दोनों पक्ष 10-14 मार्च को ब्रुसेल्स में FTA के लिए दसवें दौर की वार्ता करने वाले हैं।"
बाधा
वार्ता में ये हैं बड़ी बाधाएं
दोनों पक्ष निवेश संरक्षण समझौते और भौगोलिक संकेत (GI) पर एक समझौते पर भी बातचीत कर रहे हैं।
थिंक टैंक ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (GTRI) के अनुसार, मुख्य मुद्दों में कृषि शुल्क, डेयरी और वाइन आयात शुल्क, ऑटोमोबाइल शुल्क और श्रम-गहन वस्तुओं को प्रभावित करने वाली विनियामक बाधाएं शामिल हैं।
भारत ऑटोमोबाइल आयात शुल्क कम करने के पक्ष में नहीं है और स्थिरता और श्रम मानकों पर यूरोपीय संघ की मांगों को पूरा करने के बारे में सतर्क है।