इंडिया गेट पर दिखेगा नेताजी सुभाष चंद्र बोस का होलोग्राम; क्या है होलोग्राम टेक्नोलॉजी?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घोषणा की है कि इंडिया गेट परिसर में नेताजी सुभाष चंद्र बोस की भव्य प्रतिमा लगवाई जाएगी। यह प्रतिमा लगने से पहले तक नेताजी का एक होलोग्राम स्टेचू इंडिया गेट मेमोरियल में दिखता रहेगा, जिसका उद्घाटन प्रधानमंत्री 23 जनवरी को नेताजी की 125वीं जयंती के मौके पर करेंगे। यानी कि ग्रेनाइट की असली प्रतिमा लगने से पहले होलोग्राम की मदद से नेताजी की 3D प्रतिमा दिखाई जाएगी।
कैसे दिखाया जाएगा नेताजी का होलोग्राम स्टेचू?
इंडिया गेट पर नेताजी का होलोग्राम स्टेचू पावरफुल 4K प्रोजेक्टर की मदद से दिखाया जाएगा, जो 30,000 ल्यूमेन्स तक की ब्राइटनेस दे सकता है। ये प्रोजेक्टर्स बेहद महंगे आते हैं और इनके एक यूनिट की कीमत 15 लाख रुपये तक हो सकती है। इनकी मदद से 13X13 फीट का प्रोजेक्शन ही दिखाया जा सकता है। वहीं, नेताजी के होलोग्राम स्टेचू का प्रोजेक्शन 28 फीट ऊंचा और छह फीट तक चौड़ा होगा।
लगाई जाएगी पारदर्शी होलोग्राफिक स्क्रीन
प्रोजेक्टर के अलावा होलोग्राम स्टेचू दिखाने के लिए एक पारदर्शी होलोग्राफिक स्क्रीन भी जरूरत भी पड़ेगी। प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) की ओर से कहा गया है कि यह होलोग्राफिक स्क्रीन लगभग अदृश्य होगी और इस तरह लगाई जाएगी कि सभी को ना दिखे। इस स्क्रीन की क्वॉलिटी तय करेगी कि 3D इमेज हवा में मौजूद लगे और किसी स्क्रीन से जुड़ी ना समझ आए। चारों ओर से देखने पर यह इमेज असली स्टेचू जैसी लगेगी।
ली जाएगी होलोग्राफी टेक्नोलॉजी की मदद
होलोग्राफी का संबंध प्रकाश और उसके आंखों के साथ संबंध पर आधारित होता है। होलोग्राम टेक्नोलॉजी के साथ किसी भी इमेज को प्रकाश से जुड़े डाटा के साथ सेव किया जा सकता है और उसे बाद में देखा जा सकता है। यह टेक्नोलॉजी लाइट के साथ 3D इमेज तैयार करती है, जिसे दूसरे ऑब्जेक्ट्स की तरह चारों ओर से देखा जा सकता है। किसी होलोग्राफिक इमेज को चारों ओर से देखा जा सकता है।
होलोग्राम टेक्नोलॉजी के हैं ढेरों फायदे
साइंस फिक्शन फिल्मों में आपने होलोग्राफिक टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल जरूर देखा होगा। इस टेक्नोलॉजी के साथ तैयार की गई 3D इमेज देखने के लिए किसी खास तरह के चश्मे या उपकरण की जरूरत नहीं होती। माना जा रहा है कि मेटावर्स और वर्चुअल रिएलिटी के साथ होलोग्राफिक टेक्नोलॉजी यूजर्स को बेहतर ढंग से जुड़ने का मौका देंगी। इस वर्चुअल अनुभव के साथ मेटावर्स अवतार का होलोग्राम देखा और महसूस किया जा सकेगा।
घर पर खुद बना सकते हैं होलोग्राम
होलोग्राम का बेहद छोटा नमूना आप स्मार्टफोन की मदद से खुद बना सकते हैं। इसके लिए केवल पारदर्शी प्लास्टिक की शीट, कैंची और टेप जैसी चीजों की जरूरत पड़ती है, जिन्हें आपस में जोड़कर 3D होलोग्राम तैयार किया जा सकता है। शीट को त्रिभुजाकार में काटकर किनारों को आपस में चिपकाना होता है और होलोग्राम वीडियोज के बीच में रखना होगा। बहुत कम कीमत में होलोग्राम तैयार करने से जुड़े गैजेट्स भी खरीदे जा सकते हैं।
न्यूजबाइट्स प्लस
होलोग्राम का इस्तेमाल मेडिकल इंडस्ट्री से लेकर हाई-टेक सिक्योरिटी, एंटरटेनमेंट और गेमिंग तक के लिए किया जा रहा है। हालांकि, इस टेक्नोलॉजी पर आने वाला खर्च ज्यादा होने के चलते होलोग्राम का विस्तार नहीं हुआ है।