भारत और रूस के बीच पहली 2+2 मंत्रिस्तरीय बैठक, राजनाथ ने उठाया चीनी आक्रामकता का मुद्दा
क्या है खबर?
भारत और रूस के बीच आज दिल्ली में 2+2 मंत्रिस्तरीय संवाद हुआ जिसमें दोनों देशों के रक्षा मंत्री और विदेश मंत्री शामिल हुए। दोनों देशों के बीच ये पहला 2+2 मंत्रिस्तरीय संवाद था और इसमें भारत ने चीन की आक्रामकता का मुद्दा उठाया।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अपने बयान में कहा कि भारत इस चुनौती से पार पाने में सक्षम है। अपने बयान में उन्होंने भारत और रूस के बीच के इस मंत्रिस्तरीय संवाद को ऐतिहासिक भी बताया।
बयान
महामारी, पड़ोसियों के सैन्यीकरण और उत्तरी सीमा पर आक्रामकता ने खड़ी की चुनौतियां- राजनाथ
राजनाथ ने अपने बयान में कहा कि बैठक में भारत के सामने उभर रही चुनौतियों और रूस के साथ नजदीकी सैन्य और सैन्य-तकनीकी सहयोग की बढ़ती जरूरत पर चर्चा हुई।
उन्होंने कहा, "महामारी, हमारे पड़ोस में असाधारण सैन्यीकरण और हथियारों का विस्तार और 2020 की गर्मियों से हमारी उत्तरी सीमा पर अकारण आक्रामकता ने कई चुनौतियां खड़ी की हैं। भारत मजबूत राजनीतिक इच्छाशक्ति और अपने लोगों की क्षमता की मदद से इन चुनौतियों से पार पाने को लेकर आश्वस्त है।"
बयान
राजनाथ बोले- भारत की रक्षा चुनौतियां वैध, वास्तविक और तात्कालिक
राजनाथ ने आगे कहा कि भारत की विकास की जरूरतें बहुत बड़ी हैं और उसकी रक्षा चुनौतियां वैध, वास्तविक और तात्कालिक हैं। उन्होंने कहा कि भारत ऐसे साथियों की तलाश कर रहा है जो भारत की उम्मीदों और जरूरतों को लेकर संवेदनशील और जिम्मेदार हों।
रिश्तों की प्रशंसा
अभूतपूर्व तरीके से आगे बढ़े भारत और रूस के रक्षा संबंध- राजनाथ
अपने बयान में राजनाथ ने इस बात की प्रशंसा की कि सभी चुनौतियों के बावजूद हालिया समय में भारत और रूस के रक्षा संबंध अभूतपूर्व तरीके से आगे बढ़े हैं। उन्होंने हालिया समय में रुस के अपने दो दौरों का भी जिक्र किया।
उन्होंने कहा कि भारत और रूस के सैनिकों और अधिकारियों ने न केवल दूसरे विश्व युद्ध में शहीद हुए जवानों के सम्मान में कंधे से कंधा मिलाकर मार्च की, बल्कि कई बड़ी एक्सरसाइज में भी हिस्सा लिया।
रिश्तों से उम्मीद
राजनाथ ने रूस के भारत का बड़ा सहयोगी बने रहने की उम्मीद जताई
बैठक में राजनाथ ने बदलती हुई परिस्थितियों में रूस के भारत का बड़ा सहयोगी बने रहने की उम्मीद भी जताई।
उन्होंने कहा, "हमने रक्षा मंत्रालय से अधिक सैन्य-तकनीकी सहयोग, एडवांस रिसर्च और रक्षा उपकरणों के सह-विकास और सह-उत्पादन का अनुरोध किया। इसके अलावा हमने मध्य एशिया और हिंद महासागर क्षेत्र में ज्यादा सहयोग का प्रस्ताव भी रखा।"
उन्होंने कहा कि भारत यूरेशियन भूभाग का भी हिस्सा है और हिंद महासागर क्षेत्र का केंद्र भी है।
जानकारी
बैठक में ये मंत्री भी हुए शामिल
बता दें कि 2+2 मंत्रिस्तरीय इस बैठक में राजनाथ के अलावा भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर भी शामिल हुए। रूस की ओर से इस बैठक में रक्षा मंत्री जनरल सर्गेई शोइगु और विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव शामिल हुए।
पुतिन का दौरा
राष्ट्रपति पुतिन भी भारत दौरे पर पहुंचे
गौरतलब है कि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भी आज कुछ घंटों के दौरे पर भारत पहुंचे हैं। वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ शिखर सम्मेलन स्तर की बैठक करेंगे और उन्हें S-400 एयर डिफेंस सिस्टम भी सौंपेंगे जो भारत ने रूस से खरीदा है।
बैठक से पहले पत्रकारों से बात करते हुए पुतिन ने कहा कि वह भारत को एक महान शक्ति, मित्र देश और आजमाया हुआ दोस्त मानते हैं।